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महत्त्वपूर्ण संस्थान
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय
« »24-Jan-2024
परिचय:
- 2 नवंबर, 1956 को स्थापित मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय भारतीय न्यायिक प्रणाली का एक अभिन्न अंग है।
- इसका इतिहास उन राजनीतिक और प्रशासनिक परिवर्तनों से जुड़ा हुआ है जो स्वतंत्रता के बाद भारत में राज्यों के पुनर्गठन को चिह्नित करते हैं।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का इतिहास क्या है?
- प्रारंभ:
- मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उत्पत्ति का पता 1947 में भारत की आज़ादी के बाद विभिन्न रियासतों और क्षेत्रों के एकीकरण से लगाया जा सकता है।
- मध्य प्रांत और बरार, मध्य भारत, विंध्य प्रदेश तथा भोपाल उन क्षेत्रों में से थे जिन्हें वर्ष 1956 में मध्य प्रदेश राज्य बनाने के लिये मिला दिया गया था। इस पुनर्गठन से पूर्व, इन क्षेत्रों में अलग-अलग न्यायिक व्यवस्थाएँ मौजूद थीं।
- स्थापना से पूर्व:
- मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की स्थापना से पूर्व, नागपुर मध्य प्रांत और बरार के लिये उच्च न्यायालय के मुख्य स्थान के रूप में कार्य करता था।
- हालाँकि, मध्य प्रदेश की स्थापना के साथ, एक उच्च न्यायालय का होना अनिवार्य हो गया जो विशेष रूप से नवगठित राज्य की कानूनी ज़रूरतों को पूरा करे।
- मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की स्थापना:
- परिणामस्वरूप, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का उद्घाटन राज्य के केंद्र में स्थित शहर जबलपुर में किया गया।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र क्या हैं?
- मुख्य स्थान:
- मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर में अपने मुख्य स्थान के साथ, पूरे मध्य प्रदेश राज्य पर अधिकार क्षेत्र रखता है।
- राज्य भौगोलिक रूप से विविध है, जिसमें शहरी केंद्र, ग्रामीण परिदृश्य और आदिवासी क्षेत्र शामिल हैं।
- पीठें:
- जबलपुर में अपने मुख्य स्थान के अलावा, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर और इंदौर में पीठें हैं।
- ये पीठें उन विशिष्ट क्षेत्रों की कानूनी ज़रूरतों को पूरा करती हैं जिनकी वे सेवा करते हैं, न्याय को लोगों के करीब लाते हैं और मुख्य स्थान पर भार को कम करते हैं।
- इन पीठों के निर्माण से राज्य के विभिन्न हिस्सों में वादकारियों के लिये अधिक सुलभ कानूनी उपचार की सुविधा मिली है।
- व्यापक अधिकार क्षेत्र:
- मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र सिविल, आपराधिक, संविधानिक और प्रशासनिक मामलों सहित कई मामलों तक विस्तारित है।
- इसका राज्य में अधीनस्थ न्यायालयों और अधिकरणों पर अपीलीय अधिकार क्षेत्र है।
- उच्च न्यायालय भारतीय संविधान द्वारा गारंटीकृत मौलिक अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित मामलों की भी सुनवाई करता है, जिससे यह कानून के शासन को बनाए रखने में एक महत्त्वपूर्ण संस्थान बन जाता है।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की सभा एवं संरचना क्या हैं?
- मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय को कुशलतापूर्वक न्याय प्रदान करने के लिये संरचित किया गया है। इसमें एक मुख्य न्यायाधीश और भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त कई अवर न्यायाधीश शामिल होते हैं।
- मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय का प्रमुख होता है और न्याय के समग्र प्रशासन के लिये ज़िम्मेदार होता है।
- उच्च न्यायालय को विभिन्न प्रभागों में विभाजित किया गया है, प्रत्येक की अध्यक्षता दो या दो से अधिक न्यायाधीशों वाली एक पीठ द्वारा की जाती है।
- ये प्रभाग विभिन्न प्रकार के मामलों और अपीलों को संभालते हैं।
- ग्वालियर और इंदौर की पीठें अलग-अलग इकाइयों के रूप में काम करती हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी-अपनी मामलों की सूची होती है।
- विकेंद्रीकृत संरचना यह सुनिश्चित करती है कि न्याय तुरंत और कुशलता से दिया जाए।
- मुख्य स्थान और पीठों के अलावा, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में ज़िला न्यायालय भी कार्यरत हैं।
- ये ज़िला न्यायालय राज्य भर में विस्तारित हैं और सिविल तथा आपराधिक मामलों के लिये ट्रायल कोर्ट के रूप में काम करते हैं।
- न्यायालयों की पदानुक्रमित संरचना यह सुनिश्चित करती है कि मामलों की सुनवाई विभिन्न स्तरों- सबसे निचले न्यायालयों से प्रारंभ होकर उच्च न्यायालय और, यदि आवश्यक हो, तो भारत के उच्चतम न्यायालय तक की जाए।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की प्रशासनिक व्यवस्था कैसी है?
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की पहल क्या हैं?
- वादियों और अधिवक्ताओं के लिये स्थानीय हिंदी भाषा में ई-कोर्ट वीडियो।
- वर्ष 2020 में, न्यायालय परिसरों का ई-उद्घाटन।
- वर्ष 2020 में, मध्यकता केंद्रों और न्यायालय परिसरों का ऑनलाइन ई-उद्घाटन।
- मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, श्री न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक ने 1 मार्च, 2021 को एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से उच्च न्यायालय के मोबाइल एप्लिकेशन और पेजिनेशन सिस्टम का उद्घाटन किया।
- इस कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के सम्मानित न्यायाधीश, महाधिवक्ता, जबलपुर में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के विभिन्न बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ-साथ इंदौर एवं ग्वालियर की पीठ और सहायक सॉलिसिटर जनरल ने भाग लिया।
- 14 जून, 2021 को, माननीय न्यायमूर्ति डॉ .डी. वाई. चंद्रचूड़ और भारत के उच्चतम न्यायालय की ई-समिति के अध्यक्ष ने आधिकारिक तौर पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के लिये सुरक्षित वाई-फाई परियोजना, ज़िला न्यायपालिका में इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रियाओं पर नज़र रखने के लिये राष्ट्रीय सेवा और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर में भूमि रिकॉर्ड के साथ CIS सॉफ्टवेयर के कार्यांवयन की आधिकारिक तौर पर शुरुआत की।
- यह वर्चुअल उद्घाटन मुख्य न्यायाधीश माननीय श्री न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक, माननीय श्री न्यायमूर्ति रोहित आर्य, कंप्यूटर और ई-कोर्ट समिति के अध्यक्ष, कंप्यूटर एवं ई-कोर्ट समिति के सदस्य एवं उच्च न्यायालय के अन्य सम्मानित न्यायाधीश की विशिष्ट उपस्थिति में हुआ।