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मद्रास उच्च न्यायालय

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 12-Jun-2024

परिचय:

  • मद्रास उच्च न्यायालय की स्थापना 26 जून, 1862 को महारानी विक्टोरिया द्वारा दिये गए अधिकार दान-पत्र द्वारा मद्रास प्रेसीडेंसी में की गई थी।
  • मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के 75 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 56 को स्थायी रूप से नियुक्त किया जा सकता है तथा 19 को अतिरिक्त रूप से नियुक्त किया जा सकता है।
  • मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. महादेवन हैं।
  • रजिस्ट्रार जनरल न्यायालय का मुख्य राजपत्रित अधिकारी होता है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: 

  • वर्ष 1817 से 1862 तक सर्वोच्च न्यायालय, मद्रास में कार्य करता था।
  • वर्ष 1862 में, महामहिम महारानी विक्टोरिया द्वारा दिये गए अधिकार दान-पत्र द्वारा, मद्रास प्रेसीडेंसी में मद्रास उच्च न्यायालय की स्थापना की गई थी।
  • मद्रास उच्च न्यायालय का गठन मद्रास स्थित सर्वोच्च न्यायालय और सदर दीवानी अदालत को मिलाकर किया गया था।
  • मद्रास उच्च न्यायालय में बैठने वाले पहले भारतीय सर टी. मुथुस्वामी अय्यर थे।
  • वर्ष 1996 में इसका नाम मद्रास से चेन्नई कर दिया गया, परंतु न्यायालय का नाम मद्रास उच्च न्यायालय ही रहा।

मद्रास उच्च न्यायालय की स्थापना और उद्घाटन:

  • स्थापना:
    • राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1961 की धारा 51(2) के आधार पर भारत सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय (मदुरै में एक स्थायी पीठ की स्थापना) आदेश, 2004 जारी किया, जिसके परिणामस्वरूप मदुरै में एक स्थायी पीठ की स्थापना हुई।
  • उद्घाटन:
    • मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ का उद्घाटन 24 जुलाई, 2004 को माननीय न्यायमूर्ति आर. सी. लाहोटी द्वारा किया गया था।

न्यायपालिका की सीट:

  • प्रमुख सीट:
    • मद्रास उच्च न्यायालय का मुख्य कार्यालय चेन्नई में है।
    • मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के 75 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 56 को स्थायी रूप से नियुक्त किया जा सकता है तथा 19 को अतिरिक्त रूप से नियुक्त किया जा सकता है।
  • क्षेत्राधिकार:
    • मद्रास उच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार तमिलनाडु और पुडुचेरी तक विस्तृत है।
  • अपर पीठ:
    • मद्रास उच्च न्यायालय की अपर पीठ मदुरै में स्थित है।
  • मदुरै पीठ का क्षेत्राधिकार:
    • मदुरै पीठ के अंतर्गत कन्याकुमारी, थेनी, तिरुनेलवेली, तूतीकोरिन, मदुरै, डिंडीगुल, रामनाथपुरम, विरुधुनगर, शिवगंगा, पुदुक्कोट्टई, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली और करूर ज़िले आते हैं।
    • मूल क्षेत्राधिकार को छोड़कर, मदुरै पीठ, मद्रास उच्च न्यायालय की भाँति अन्य सभी मामलों में क्षेत्राधिकार का प्रयोग करती है।

न्यायिक अधिकारियों की श्रेणियाँ:

  • सिविल:
    • ज़िला न्यायाधीश
    • वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश
    • सिविल न्यायाधीश
  • आपराधिक:
    • सत्र न्यायाधीश
    • मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट
    • सहायक सत्र न्यायाधीश
    • न्यायिक मजिस्ट्रेट