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राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी

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 09-Sep-2024

परिचय:

राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी (NJA) को भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।

  • भारत के माननीय मुख्य न्यायमूर्ति न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ NJA की आम सभा के अध्यक्ष होने के साथ-साथ शासी परिषद, कार्यकारी समिति एवं NJA की अकादमिक परिषद के अध्यक्ष भी हैं।
  • यह दुनिया में अपने सर्वश्रेष्ठ न्यायिक शिक्षा परिसर के लिये प्रसिद्ध है।
  • NJA परिसर भोपाल के सुरम्य एवं प्राचीन शहर के वाह्य क्षेत्र में स्थित है।
  • NJA परिसर में 280 सीटों वाला अत्याधुनिक स्टैंड-अलोन ऑडिटोरियम भी है।

NJA का इतिहास:

  • NJS की स्थापना के लिये विषय पहली बार 18-19 सितंबर 1992 को मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन में प्राप्त हुआ था।
  • सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1960 के अंतर्गत वर्ष 1933 में दिल्ली में एक सोसायटी की स्थापना की गई थी।
  • भोपाल को इसकी स्थापना के लिये एक स्थान के रूप में चुना गया था क्योंकि यह बेहतर जलवायु और कई झीलों के साथ पर्यावरण के अनुकूल हरा-भरा शहर था तथा लगभग भारत के केंद्र में था और ट्रेनों एवं सड़कों के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ था।
  • इसकी आधारशिला 11 सितंबर 1994 को भारत के मुख्य न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति एम.एन. वेंकटचलैया ने रखी थी।
  • निर्माण पूरा होने के बाद भारत के राष्ट्रपति ने 5 सितंबर 2002 को अकादमी को भारत को समर्पित किया।
  • अकादमी का पहला पाठ्यक्रम भारत के लगभग सभी राज्यों के न्यायिक अधिकारियों के लिये तैयार किया गया था तथा उन्हें लैंगिक पूर्वाग्रह के विरुद्ध संवेदनशील बनाया गया था।

NJA की मुख्य विशेषताएँ:

NJA के शैक्षणिक कार्यक्रम राष्ट्रीय न्यायिक शिक्षा रणनीति (NJES) द्वारा निर्देशित होते हैं।

  • NJES के अंतर्गत, NJA ने न्यायिक शिक्षा के लिये एक राष्ट्रीय प्रणाली स्थापित की है।
  • राष्ट्रीय न्यायिक शिक्षा रणनीति (NJES) राष्ट्रीय न्यायिक शिक्षा के दर्शन, दृष्टि एवं मिशन को परिभाषित करती है।
  • NJA में छह प्रकार के कार्यक्रम हैं:
    • उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति
      • विधि के विकास/न्याय प्रणाली के विकास पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का सम्मेलन।
      • हाल ही में पदोन्नत उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिये अभिमुखीकरण संगोष्ठी
    • ज़िला न्यायपालिका
      • न्याय/मुख्य न्यायिक कौशल/न्यायिक प्रशासन पर राष्ट्रीय न्यायिक कार्यशालाएँ
      • मूलभूत विधि/न्याय पर राष्ट्रीय न्यायिक सेमिनार
    • राज्य न्यायिक अकादमी
      • शिक्षकों के लिये शिक्षा कार्यक्रम;
      • नव चयनित ADJs के लिये उनके राज्य-स्तरीय प्रेरण कार्यक्रमों के भाग के रूप में अभिविन्यास कार्यक्रम

राष्ट्रीय न्यायिक शिक्षा प्रणाली:

  • राष्ट्रीय न्यायिक शिक्षा प्रणाली में शामिल हैं-
    • राष्ट्रीय न्यायिक शिक्षा रणनीति में निर्धारित समान लक्ष्य, उद्देश्य एवं पद्धतियाँ।
    • आवश्यकताओं के आकलन एवं समन्वित कैलेंडर विकास के लिये एक प्रणाली।
    • पाठ्यचर्या विकास, ज्ञान सृजन/ज्ञान साझाकरण और ज्ञान प्रबंधन में राज्य न्यायिक अकादमी एवं NJA के बीच समन्वय व सहयोग के लिये प्रणाली; सामग्री एवं संसाधन व्यक्तियों का साझाकरण; पुस्तकालय व वेब संसाधन।
    • न्यायिक शिक्षा प्रदान करने एवं प्रभाव/गुणवत्ता मूल्यांकन का समन्वय।
    • राज्य एवं राष्ट्रीय न्यायिक अकादमियों के बीच समन्वय के लिये संस्थागत ढाँचा।
    • सामान्य संस्थागत और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा एवं समाधान के लिये एक ढाँचा।
  • यह सहयोग, चर्चा एवं ज्ञान साझा करने के लिये एक रूपरेखा मात्र है, ताकि संसाधनों का अधिकतम प्रभावी उपयोग हो सके तथा अनावश्यक दोहराव से बचा जा सके।

NJA के कर्मचारी एवं अन्य अधिकारी:

  • NJA शैक्षणिक स्टाफ में निम्नलिखित शामिल हैं-
    • निदेशक
    • अतिरिक्त निदेशक (शोध)
    • प्रोफेसर के तीन पद
    • सहायक प्रोफेसर के छः पद
    • शोध अध्येता के छः पद
    • विधि एसोसिएट्स के छः पद
  • NJA के प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों में शामिल हैं-
    • निदेशक
    • रजिस्ट्रार
    • अतिरिक्त रजिस्ट्रार
    • मुख्य लेखा अधिकारी
    • देखभाल हेतु इंजीनियर
    • प्रबंधकीय एवं कार्यात्मक पद।