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वाणिज्यिक विधि

फ्रैंचाइज़ करार

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 27-May-2024

आयुक्त वाणिज्यिक कर बनाम पान पराग इंडिया लिमिटेड

फ्रेंचाइज़ करार में फ्रेंचाइज़र नियंत्रण अपने पास रखता है तथा कई फ्रेंचाइज़ी को समान अधिकारों का लाइसेंस (अनुज्ञप्ति) दे सकता है, जिससे पूर्ण अंतरण के बजाय लाइसेंसिंग ढाँचे को सशक्त किया जा सकता है।

न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ

स्रोत: इलाहबाद उच्च न्यायालय

चर्चा में क्यों?

हाल ही में न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ की पीठ ने कहा कि फ्रेंचाइज़ करार में फ्रेंचाइज़र नियंत्रण अपने पास रखता है तथा कई फ्रेंचाइज़ी को समान अधिकारों का लाइसेंस (अनुज्ञप्ति) दे सकता है, जिससे पूर्ण अंतरण के बजाय लाइसेंसिंग ढाँचे को सशक्त किया जा सकता है।

  • इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी कमिश्नर कॉमर्शियल टैक्स बनाम पान पराग इंडिया लिमिटेड के मामले में दी।

कमिश्नर कॉमर्शियल टैक्स बनाम पान पराग इंडिया लिमिटेड मामले की पृष्ठभूमि क्या थी?

  • प्रतिवादी (डीलर) ने विभिन्न पक्षों के साथ फ्रैंचाइज़ करार किया, जिससे उन्हें प्रतिवादी के ब्रांड नाम/शीर्षक का उपयोग करने का अधिकार मिल गया।
  • कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट ने आकलन किया कि प्रतिवादी ने फ्रेंचाइज़ी करार के अंतर्गत अपना ब्रांड नाम/शीर्षक बेचा था तथा उस पर मूल्यवर्द्धित कर (VAT) लगाया था।
  • प्रथम अपीलीय प्राधिकारी ने VAT लेवी को बरकरार रखा तथा निष्कर्ष निकाला कि फ्रैंचाइज़ करार में ब्रांड नाम/शीर्षक की बिक्री शामिल है।
  • कॉमर्शियल टैक्स न्यायाधिकरण ने मैकडॉनल्ड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बनाम व्यापार कर आयुक्त (2019) मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय पर विश्वास जताया तथा माना कि चूँकि फ्रैंचाइज़ ने ट्रेडमार्क का उपयोग करने का एक गैर-विशिष्ट अधिकार दिया है, इसलिये यह माल के उपयोग के अधिकार का अंतरण नहीं है तथा इसलिये कोई VAT नहीं लगाया जा सकता है।
  • इसलिये इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर की गई।
    • विचारणीय मुद्दा यह है कि क्या व्यापार चिह्न (ट्रेडमार्क) का फ्रैंचाइज़ माल के उपयोग के अधिकार का अंतरण है, जिससे यह VAT के अधीन हो जाता है?

न्यायालय की क्या टिप्पणियाँ थीं?

  • न्यायालय ने वित्त अधिनियम, 1994 की धारा 65(47) के अंतर्गत 'फ्रैंचाइज़' की परिभाषा का विश्लेषण किया, जिसमें यह कहा गया है कि एक फ्रैंचाइज़ी करार केवल प्रतिनिधित्व का अधिकार देता है, न कि माल विक्रय करने/निर्माण का विशेष अधिकार।
  • न्यायालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ट्रेडमार्क लाइसेंसिंग में ट्रेडमार्क की प्रतिष्ठा एवं विधिक सुरक्षा की निरंतरता को बनाए रखते हुए लाइसेंसधारी द्वारा चिह्न के उपयोग को मालिक का उपयोग माना जाता है।
  • न्यायालय ने पाया कि फ्रैंचाइज़ करार में मुख्य रूप से मूर्त वस्तुओं की बिक्री के बजाय अमूर्त संपत्तियों, जैसे- ट्रेडमार्क एवं व्यावसायिक तरीकों का लाइसेंस शामिल होता है।
  • न्यायालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि फ्रैंचाइज़ करार में फ़्रैंचाइज़र एवं फ़्रैंचाइज़ी के मध्य एक सतत् संबंध निहित होता है, जिसमें माल की एकमुश्त बिक्री के विपरीत प्रशिक्षण, समर्थन एवं निरंतर सहायता शामिल होती है।
  • न्यायालय ने कहा कि वर्तमान मामले में प्रतिवादी ने फ्रेंचाइज़ से प्राप्त रॉयल्टी राशि पर पहले ही सेवा कर का भुगतान कर दिया है तथा इस प्रकार उस पर VAT नहीं लगाया जा सकता है।
  • उपरोक्त विश्लेषण के आधार पर न्यायालय ने माना कि वर्तमान मामले में फ्रैंचाइज़ करार में माल के उपयोग के अधिकार के अंतरण के बजाय एक गैर-विशिष्ट लाइसेंस प्रदान किया जाता है तथा इसलिये लेन-देन पर UPVAT अधिनियम के अंतर्गत मूल्यवर्द्धित कर नहीं लगता है।
  • परिणामस्वरूप न्यायालय ने पुनरीक्षण आवेदन को खारिज कर दिया तथा कॉमर्शियल टैक्स न्याधिकरण के आदेश को यथावत रखा, क्योंकि अपने दृष्टिकोण में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं पाया।

फ्रैंचाइज़ करार क्या है?

  • तथ्य:
    • फ्रैंचाइज़ करार दो पक्षों -फ्रैंचाइज़र एवं फ्रैंचाइज़ी के मध्य एक संविदा है।
    • फ्रेंचाइज़र एक ट्रेडमार्क, ब्रांड नाम एवं व्यापार प्रणाली का स्वामी है, जबकि फ्रेंचाइज़ी को इन बौद्धिक संपदा संपत्तियों का उपयोग करने और फ्रेंचाइज़र के तरीकों एवं प्रक्रियाओं का पालन करते हुए व्यवसाय संचालित करने का अधिकार दिया जाता है।
  • वित्त अधिनियम, 1994 की धारा 65(47):
    • यह 'फ्रैंचाइज़' को इस प्रकार परिभाषित करता है "एक करार, जिसके द्वारा फ्रैंचाइज़ को माल विक्रय करने या निर्माण करने या सेवा प्रदान करने या फ्रैंचाइज़र के साथ करार की गई किसी भी प्रक्रिया को करने का प्रतिनिधिक अधिकार दिया जाता है, चाहे वह ट्रेडमार्क, सेवा चिह्न, व्यापार नाम या लोगो (चिह्न) या कोई हो या नहीं, जैसा भी मामला हो, ऐसा प्रतीक शामिल है।"
  • मुख्य बिंदु:
    • अधिकारों का अनुदान: फ्रेंचाइज़र फ्रेंचाइज़ी को एक परिभाषित क्षेत्र के भीतर अपने ट्रेडमार्क, व्यापार नाम, चिह्न एवं व्यवसायिक स्वामित्व की विधियों एवं प्रणालियों का उपयोग करने का अधिकार देता है।
    • गैर-अनन्य अधिकार: धारा 65(47) के अनुसार, फ्रैंचाइज़ करार केवल प्रतिनिधिक अधिकार देता है, फ्रैंचाइज़ को माल विक्रय करने/निर्माण करने का विशेष अधिकार नहीं देता है।
    • क्षेत्रीय प्रतिबंध: करार, उस भौगोलिक क्षेत्र को निर्दिष्ट करता है, जिसमें फ्रेंचाइज़ी फ्रेंचाइज़र के ब्रांड के अंतर्गत काम कर सकती है।
    • परिचालन मानक: फ्रेंचाइज़र ब्रांड की स्थिरता बनाए रखने के लिये उत्पाद की गुणवत्ता, सेवा वितरण, विपणन आदि के संबंध में फ्रेंचाइज़ी के लिये मानक निर्धारित करता है।
    • शुल्क एवं रॉयल्टी: फ्रेंचाइज़ी फ्रेंचाइज़र को प्रारंभिक फ्रेंचाइज़ शुल्क एवं चालू रॉयल्टी शुल्क का भुगतान करती है, जो आमतौर पर बिक्री/राजस्व के प्रतिशत पर आधारित होती है।
    • अवधि एवं नवीनीकरण: फ्रैंचाइज़ी करार में एक परिभाषित अवधि होती है, जिसमें अक्सर कुछ शर्तों के अधीन नवीनीकरण के प्रावधान होते हैं।
    • प्रशिक्षण एवं सहायता: फ्रेंचाइज़र फ्रेंचाइज़ी को प्रारंभिक एवं चालू प्रशिक्षण, परिचालन सहायता और सहायता प्रदान करता है।

फ्रेंचाइज़ करार से संबंधित महत्त्वपूर्ण मामले क्या हैं?

  • भारत संचार निगम लिमिटेड बनाम भारत संघ (2006):
    • उच्चतम न्यायालय ने यह निर्धारित करने के लिये एक परीक्षण निर्धारित किया कि क्या संव्यवहार के मामले में माल के उपयोग के अधिकार का अंतरण निहित है:
      • डिलीवरी के लिये माल की उपलब्धता,
      • माल की पहचान पर सहमति,
      • अंतरिती को माल का उपयोग करने का विधिक अधिकार,
      • स्थानांतरण अवधि के दौरान स्थानांतरणकर्त्ता का बहिष्कार, एवं
      • उस अवधि के दौरान समान अधिकार दूसरों को अंतरित करने में स्वामी की असमर्थता।
  • मैकडॉनल्ड्स इंडिया प्रा. लिमिटेड बनाम कॉमर्शियल टैक्स कमिश्नर (2017):
    • दिल्ली उच्च न्यायालय ने माना कि चूँकि फ्रेंचाइज़ी करार केवल एक गैर-विशिष्ट अधिकार प्रदान करता है, इसलिये यह माल के उपयोग के अधिकार का अंतरण नहीं है।
  • मालाबार गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड बनाम कॉमर्शियल टैक्स अधिकारी (2013):
    • केरल उच्च न्यायालय ने माना कि फ्रैंचाइज़ करार केरल मूल्यवर्द्धित कर अधिनियम के अंतर्गत एक मानी गई बिक्री नहीं है, क्योंकि फ्रेंचाइज़र प्रभावी नियंत्रण एवं स्वामित्व यथावत् रखता है, तथा लेन-देन में गैर-विशिष्ट अधिकार शामिल होते हैं।
  • गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया लिमिटेड बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (2005):
    • उच्चतम न्यायालय ने माना कि संविधान करों के आच्छादन की अनुमति नहीं देता है तथा एक बार जब कोई गतिविधि सेवा के रूप में कर योग्य हो जाती है, तो उस पर बिक्री के रूप में या माल की बिक्री के रूप में कर नहीं लगाया जा सकता है।