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व्यापारिक सन्नियम
पंजीकृत ट्रेड मार्क पर रोक लगाने से इंकार
« »18-Oct-2023
विमल एग्रो प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड बनाम कैपिटल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य "न्यायालय 'शेज़वान चटनी' चिह्न के लिये विवादित ट्रेडमार्क पंजीकरण पर रोक लगाने के लिये इच्छुक नहीं है।" न्यायाधीश प्रतिभा सिंह |
स्रोत: दिल्ली उच्च न्यायालय
चर्चा में क्यों?
न्यायाधीश प्रतिभा सिंह की पीठ विमल एग्रो प्रोडक्ट्स की एक सुधार याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें चिंग्स सीक्रेट के मालिक द्वारा कैपिटल फूड्स के पंजीकृत "शेज़वान चटनी" के ट्रेडमार्क को रद्द करने के लिये न्यायालय के आदेश की मांग की गई थी।
- दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी विमल एग्रो प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड बनाम कैपिटल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के मामले में दी।
विमल एग्रो प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड बनाम कैपिटल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य मामले की पृष्ठभूमि
- याचिकाकर्त्ता विमल एग्रो प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने 'शेज़वान चटनी' के ट्रेडमार्क को रद्द करने की मांग की।
- उक्त ट्रेडमार्क बड़ी संख्या में खाद्य उत्पादों के साथ-साथ चटनी, सलाद, ड्रेसिंग, सॉस, स्नैक फूड आदि से संबंधित है।
- याचिकाकर्त्ता का मामला यह है कि 'शेज़वान चटनी' एक वर्णनात्मक और सामान्य चिह्न है।
- सवाल यह उठता है कि क्या ट्रेडमार्क 'शेज़वान चटनी' वर्णनात्मक/सामान्य है, और ट्रेड मार्क्स अधिनियम, 1999 की धारा 9 के तहत प्रभावित होगा या नहीं।
- प्रतिवादी ने तर्क दिया कि न्यायालय के पास याचिका सुनने का अधिकार नहीं है।
न्यायालय की टिप्पणी
- न्यायालय ने अपने आदेश में पंजीकृत ट्रेडमार्क पर रोक लगाने से इंकार किया और कहा कि वह आगे की सुनवाई में पहले क्षेत्राधिकार के विवाद से निपटेगी।
ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 की धारा 9
- धारा 9 में पंजीकरण से इंकार करने के लिये निम्नलिखित आधार शामिल हैं:
- ऐसे ट्रेडमार्क जो किसी विशिष्ट प्रकृति से रहित हैं, यानी एक व्यक्ति की वस्तुओं या सेवाओं को दूसरे व्यक्ति की वस्तुओं या सेवाओं से अलग करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें पंजीकृत नहीं किया जायेगा।
- ऐसे ट्रेडमार्क जिनमें विशेष रूप से ऐसे चिह्न या संकेत शामिल होते हैं, जो व्यापार में प्रकार, गुणवत्ता, मात्रा, इच्छित उद्देश्य, मूल्य, भौगोलिक उत्पत्ति या माल के उत्पादन का समय या सेवा प्रदान करने या अन्य विशेषताओं को निर्दिष्ट करने में काम आ सकते हैं, ऐसे सामान या सेवा पंजीकृत नहीं की जायेगी।
- वे व्यापार चिह्न जिनमें विशेष रूप से ऐसे चिह्न या संकेत शामिल हैं, जो वर्तमान भाषा में या व्यापार की प्रामाणिक और स्थापित प्रथाओं में प्रथागत हो गए हैं, पंजीकृत नहीं किये जाएँगे।
- ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 की धारा 9 में प्रावधान है कि किसी ट्रेडमार्क को पंजीकरण से इंकार नहीं किया जायेगा, यदि पंजीकरण के लिये आवेदन की तारीख से पहले उसने इसके उपयोग के परिणामस्वरूप एक विशिष्टता प्राप्त कर ली है या एक प्रसिद्ध ट्रेडमार्क बन गया है।
- धारा 9 की उपधारा 2 के अनुसार निम्नलिखित ट्रेडमार्क पंजीकृत नहीं किये जाएँगे:
- यदि ट्रेडमार्क ऐसी प्रकृति का है जो जनता को धोखा देता है या भ्रम उत्पन्न करता है;
- यदि इसमें भारत के नागरिकों के किसी भी वर्ग या खंड की धार्मिक संवेदनशीलता को क्षति पहुँचाने वाला कोई मामला शामिल है;
- यदि इसमें निंदनीय या अश्लील मामला शामिल है;
- यदि इसका उपयोग प्रतीक और नाम (अनुचित उपयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1950 के तहत निषिद्ध है।
- धारा 9 की उपधारा 3 के अनुसार निम्नलिखित ट्रेडमार्क पंजीकृत नहीं किये जाएँगे:
- वस्तुओं का आकार जो स्वयं वस्तुओं की प्रकृति से उत्पन्न होता है; या
- माल का आकार जो तकनीकी परिणाम प्राप्त करने के लिये आवश्यक है; या
- वह आकार जो वस्तु को पर्याप्त मूल्य देता है।
- धारा 9 भी एक स्पष्टीकरण प्रदान करती है, जो स्पष्ट करती है कि इस धारा के प्रयोजनों के लिये, वस्तुओं या सेवाओं की प्रकृति, जिसके संबंध में ट्रेडमार्क का उपयोग किया जाता है या उपयोग करने का प्रस्ताव किया जाता है, पंजीकरण से इंकार करने का आधार नहीं होगा।