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सिविल कानून
अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023
« »05-Dec-2023
"लोकसभा ने विधि व्यवसायी अधिनियम, 1879 को निरस्त करने और अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में संशोधन करने के लिये अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित कर दिया है।" |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में लोकसभा ने 1879 के विधि व्यवसायी अधिनियम को निरस्त करने और अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में संशोधन करने के लिये अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया है।
अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023 की पृष्ठभूमि क्या थी?
- यह विधेयक उन सभी अप्रचलित कानूनों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के प्रयास का एक हिस्सा है जो अपनी उपयोगिता खो चुके हैं।
- यह विधेयक 1 अगस्त, 2023 को राज्यसभा में पेश किया गया था और 3 अगस्त, 2023 को उच्च सदन द्वारा पारित किया गया था।
- यह विधेयक अब राष्ट्रपति को उनकी सहमति हेतु भेजा जाएगा।
अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023 क्या है?
- यह विधेयक अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में संशोधन करता है और विधि व्यवसायी अधिनियम, 1879 की कुछ धाराओं को निरस्त करता है।
- यह अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में धारा 45A नाम से एक नई धारा जोड़ने का प्रावधान करता है।
- इसमें अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में विधि व्यवसायी अधिनियम, 1879 की धारा 36 (न्यायालयों में दलालों की सूची तैयार करने और प्रकाशित करने की शक्ति) के प्रावधानों को शामिल किया गया है।
- इस विधेयक में प्रावधान है कि प्रत्येक उच्च न्यायालय, ज़िला न्यायाधीश, सत्र न्यायाधीश, ज़िला मजिस्ट्रेट और राजस्व अधिकारी (ज़िला कलेक्टर के पद से नीचे नहीं) दलालों की सूची बनाएँ और इसे प्रकाशित कर सकते हैं।
- दलाल उस व्यक्ति को संदर्भित करता है जो:
- या तो किसी भुगतान के बदले में किसी विधि व्यवसाय में किसी विधि व्यवसायी का रोज़गार प्राप्त करने या प्राप्त करने का प्रस्ताव करता है, या
- ऐसे रोज़गार प्राप्त करने के लिये दीवानी या फौजदारी न्यायालयों के परिसर, राजस्व-कार्यालयों, या रेलवे स्टेशनों जैसे स्थानों पर बार-बार जाता है।
- दलालों की सूची तैयार करने और प्रकाशित करने का अधिकार रखने वाले प्राधिकारी अधीनस्थ न्यायालयों को दलाल होने के कथित या संदिग्ध व्यक्तियों के आचरण की जाँच करने का आदेश दे सकते हैं।
- एक बार जब ऐसा व्यक्ति दलाल साबित हो जाता है, तो उसका नाम प्राधिकारी द्वारा दलालों की सूची में शामिल किया जा सकता है।
- किसी भी व्यक्ति को उसके शामिल किये जाने के विरुद्ध कारण बताने का अवसर प्राप्त किये बिना ऐसी सूचियों में शामिल नहीं किया जाएगा।
- कोई व्यक्ति, जो दलाल के रूप में कार्य करता है, जब तक उसका नाम ऐसी किसी सूची में शामिल है, उसे कारावास से, तीन मास तक बढ़ाया जा सकता है, या ज़ुर्माने से, जो 500 रुपए तक बढ़ाया जा सकता है, या दोनों से दंडित किया जाएगा।
इसमें क्या कानूनी प्रावधान शामिल हैं?
- अधिवक्ता अधिनियम, 1961:
- विधि व्यवसायियों से संबंधित कानून में संशोधन एवं समेकन करने और बार काउंसिल तथा एक अखिल भारतीय बार के गठन का प्रावधान करने के लिये एक अधिनियम।
- यह अधिनियम 19 मई, 1961 को लागू हुआ।
- यह अधिनियम सम्पूर्ण भारत में लागू हो चुका है।
- अधिनियम में कुल 60 धाराएँ हैं जो 7 अध्यायों में विभाजित हैं।
- विधि व्यवसायी अधिनियम, 1879:
- यह अधिनियम विधि व्यवसायियों से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करता है।
- यह अधिनियम 1 जनवरी, 1880 को लागू हुआ।
- इसमें प्रावधान किया गया कि किसी भी उच्च न्यायालय के रोल पर एक वकील या अधिवक्ता उन न्यायालयों के अधीनस्थ सभी न्यायालयों में अभ्यास कर सकता है, जहाँ उसकी नियुक्ति की गई थी।
- इस अधिनियम के अनुसार, उच्च न्यायालय को वकीलों और अधिवक्ताओं के निलंबन तथा पदच्युति के संबंध में अधिनियम के अनुरूप नियम बनाने का अधिकार दिया गया था।