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सिविल कानून

बैगेज संबंधी नियमों की समीक्षा की आवश्यकता

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 17-Jan-2025

कमर जहाँ बनाम भारत संघ, सचिव, वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि द्वारा एवं अन्य 

"यथार्थ में पर्यटक/यात्री, जिनमें भारतीय मूल के लोग जैसे OCI कार्डधारक, PIO आदि शामिल हैं, भारत में सामाजिक कार्यक्रमों के लिये सोना लेकर यात्रा कर सकते हैं, जिसका मूल्य स्वीकार्य सीमा से कहीं अधिक हो सकता है।"

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह एवं धर्मेश शर्मा

स्रोत: दिल्ली उच्च न्यायालय  

चर्चा में क्यों? 

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह और न्यायमूर्ति धर्मेश शर्मा की पीठ ने कहा है कि हवाई यात्रा कर भारत आने वाले व्यक्ति द्वारा ले जाए जा सकने वाले सोने या सोने के आभूषणों की मात्रा के आधार पर बैगेज नियम, 2016 को संशोधित किया जाना चाहिये, ताकि यथार्थ में हवाई यात्रियों को होने वाली असुविधा को रोका जा सके।

  • दिल्ली उच्च न्यायालय ने कमर जहाँ बनाम भारत संघ (वित्त मंत्रालय के सचिव द्वारा प्रतिनिधित्व) एवं अन्य (2025) मामले में यह निर्णय दिया।

कमर जहाँ बनाम भारत संघ (वित्त मंत्रालय के सचिव द्वारा प्रतिनिधित्व) एवं अन्य द्वारा प्रतिनिधित्व मामले की पृष्ठभूमि क्या थी?

  • यह मामला कमर जहाँ बनाम भारत संघ से संबंधित है तथा इसे दिल्ली उच्च न्यायालय में रिट याचिका के रूप में संस्थित किया गया था। 
  • याचिकाकर्त्ता ने दो आदेशों को चुनौती दी:
    • सीमा शुल्क संयुक्त आयुक्त द्वारा जारी मूल आदेश।
    • सीमा शुल्क (अपील) आयुक्त द्वारा जारी अपीलीय आदेश।
  • सीमा शुल्क संयुक्त आयुक्त ने मूल आदेश में कहा:
    • याचिकाकर्त्ता के दो सोने के कड़े और एक सोने की चेन जब्त करने का आदेश दिया। 
    • 75,000 रुपये का मोचन अर्थदण्ड लगाया। 
    • सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 (CA) के अंतर्गत 1,10,000 रुपये का व्यक्तिगत अर्थदण्ड लगाया।
  • याचिकाकर्त्ता ने मूल आदेश के विरुद्ध सीमा शुल्क आयुक्त (अपील) के समक्ष अपील की। 
  • ​​24 सितंबर 2024 को सीमा शुल्क आयुक्त (अपील) ने याचिकाकर्त्ता की अपील खारिज कर दी।
  • यह मामला बैगेज नियम, 2016 के निर्वचन एवं अनुप्रयोग से संबंधित है, जो:
    • 1 अप्रैल 2016 को लागू हुआ।
    • CA की धारा 79 के अंतर्गत पारित किया गया।
    • भारत में आभूषण लाने के लिये अनुमेय सीमाएँ निर्धारित की गईं।
    • पुरुष एवं महिला यात्रियों के लिये अलग-अलग वजन और मूल्य सीमाएँ निर्धारित की गईं।
  • यह मामला भारत में प्रवेश करने वाले यात्रियों द्वारा व्यक्तिगत आभूषणों की घोषणा और उन्हें साथ ले जाने से संबंधित है।

न्यायालय की टिप्पणियाँ क्या थीं?

दिल्ली उच्च न्यायालय ने निम्नलिखित टिप्पणियाँ कीं:

  • घोषणा की आवश्यकताओं के संबंध में:
    • न्यायालय ने कहा कि जब यात्री निर्धारित सीमा से अधिक आभूषण ले जाते हैं, तो उन्हें इसकी पूर्व घोषणा करनी चाहिये। 
    • घोषणा करने पर, कोई शुल्क भुगतान की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन यात्रियों को यह दर्शाते हुए एक वचन देना होगा कि वे घोषित आभूषण वापस ले जाने का आशय रखते हैं।
    • हालाँकि, न्यायालय ने पाया कि इस घोषणा की आवश्यकता को सामान नियमों या घोषणा फॉर्म में स्पष्ट रूप से नहीं समझाया गया है।
  • वर्तमान नियमों से संबंधित मुद्दे:
    • न्यायालय ने पाया कि ग्रीन चैनल (गैर-शुल्क योग्य वस्तुओं के लिये) का उपयोग करने वाले यात्रियों से कभी-कभी आभूषणों की छोटी मात्रा भी जब्त कर ली जाती है।
    • बैगेज नियमों में मूल्य सीमा को वर्तमान सोने की कीमतों को देखते हुए पुराना पाया गया।
    • न्यायालय ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि 1,00,000/- रुपये की सीमा के साथ, केवल 15 ग्राम सोना ही खरीदा जा सकता है, जो 40 ग्राम वजन सीमा से बहुत कम है।
  • कार्यान्वयन से संबंधित चिंताएं:
    • न्यायालय ने सीमा शुल्क अधिकारियों के पास बहुत अधिक मनमानी शक्ति और विवेकाधिकार होने के विषय में चिंता व्यक्त की। 
    • इस विवेकाधिकार के कारण वास्तविक यात्रियों को परेशान किया जा सकता है। 
    • न्यायालय ने सीमा शुल्क विभाग की इस चिंता को स्वीकार किया कि अक्सर यात्रा करने वाले यात्री सोने की तस्करी कर सकते हैं।
  • संतुलन की आवश्यकता:
    • अवैध सोने की तस्करी पर अंकुश लगाने की आवश्यकता को पहचानते हुए, न्यायालय ने इस तथ्य पर बल दिया कि वास्तविक पर्यटकों/यात्रियों को उत्पीड़न का सामना नहीं करना चाहिये।
    • भारतीय मूल के यात्रियों (OCI कार्डधारकों, PIO) का विशेष उल्लेख किया गया, जो विवाह जैसे सामाजिक संस्कारों के लिये यात्रा कर सकते हैं।
    • न्यायालय ने पाया कि विस्तृत घोषणाओं की आवश्यकता हवाई अड्डे पर प्रवेश/निकास प्रक्रिया को असुविधाजनक एवं बोझिल बना सकती है।
  • नियम संशोधन की आवश्यकता:
    • न्यायालय ने कहा कि CBIC को बैगेज नियमों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
    • वर्तमान सोने की मूल्य सीमा बाजार की कीमतों से मेल नहीं खाती।
    • नियमों को अद्यतन करने की आवश्यकता है ताकि तस्करी को रोका जा सके और वास्तविक यात्रियों को परेशान न किया जा सके।
    • न्यायालय की टिप्पणियों के परिणामस्वरूप CBIC के अध्यक्ष को अन्य संबंधित विभागों एवं मंत्रालयों के साथ समन्वय करके बैगेज नियम 2016 पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया गया।

CA की धारा 79 के अंतर्गत बैगेज ड्यूटी छूट एवं नियामक ढाँचा क्या हैं?

शुल्क मुक्त भत्ते

  • व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुएँ:
    • यात्रियों एवं चालक दल के सदस्यों के लिये:
      • निर्दिष्ट न्यूनतम अवधि के लिये पूर्व उपयोग को प्रदर्शित करने वाली वस्तुएँ। 
      • उपयोग की अवधि के संबंध में सीमा शुल्क अधिकारी की संतुष्टि के अधीन।
  • व्यक्तिगत एवं उपहार की वस्तुएँ:
    • अनुमत श्रेणियाँ:
      • यात्री के निजी उपयोग के लिये सामान।
      • यात्री के पारिवारिक उपयोग के लिये सामान।
      • प्रामाणिक उपहार।
      • स्मृति चिन्ह।
  • मूल्य पर प्रतिबंध:
    • व्यक्तिगत वस्तु का मूल्य निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होना चाहिये।
    • सकल मूल्य निर्दिष्ट कुल सीमा के अनुरूप होना चाहिये।

नियम निर्धारित करने वाला प्राधिकारी

  • केन्द्र सरकार की शक्तियाँ:
    • निम्नलिखित के लिये नियम निर्धारण हेतु प्राधिकरण:
      • धारा प्रावधानों का कार्यान्वयन। 
      • विस्तृत आवश्यकताओं का विवरण। 
      • प्रक्रियात्मक ढाँचे की स्थापना।
  • नियम-निर्माण के विशिष्ट क्षेत्र:
    • उपयोग की न्यूनतम अवधि निर्दिष्ट करने का अधिकार।
    • यात्री एवं चालक दल के सामान पर लागू।
    • प्रति वस्तु अधिकतम मूल्य निर्धारित करने की शक्ति।
    • कुल मूल्य सीमाएँ स्थापित करने का अधिकार।
    • शुल्क-मुक्त भत्तों पर लागू।
    • पूर्व-स्वीकृति की आवश्यकताएँ।
    • स्वीकृति के पश्चात दायित्व।
    • प्रक्रियात्मक अनुपालन हेतु उपाय।

विभेदक उपचार

  • वर्गीकरण हेतु प्राधिकरण:
    • निम्नलिखित के लिये अलग-अलग नियम स्थापित करने की शक्ति:
      • व्यक्तियों की विभिन्न श्रेणियाँ।
      • यात्रियों की विभिन्न श्रेणियाँ।
  • कार्यान्वयन में लचीलापन:
    • प्राधिकार:
      • अलग-अलग विनियामक ढाँचे बनाना।
      • अलग-अलग मानक लागू करना।
      • वर्ग-विशिष्ट आवश्यकताएँ स्थापित करना।

विवेकाधीन शक्तियाँ

  • सीमा शुल्क अधिकार प्राधिकरण:
    • निहित शक्तियों में शामिल हैं:
      • उपयोग अवधि का मूल्यांकन।
      • इच्छित उपयोग का मूल्यांकन।
      • उपहार/स्मारिका की स्थिति का सत्यापन।
      • मूल्य अनुपालन का निर्धारण।
  • संतुष्टि की आवश्यकता:
    • अधिकारी को निम्नलिखित उपबंधों से संतुष्ट होना चाहिये:
      • दावों की प्रामाणिकता।
      • निर्धारित शर्तों का अनुपालन।
      • मूल्य सीमाओं का पालन।

बैगेज नियम 2016 के अनुसार व्यक्तिगत आयात के लिये सीमा शुल्क विनियम क्या हैं?

  • ये विनियम अनुलग्नक 1 में दिये गए सामान नियमों के नियम 3, 4 एवं 6 के अंतर्गत दी गई सीमाओं एवं प्रतिबंधों को शामिल करते हैं:
    • नियम 3: नेपाल, भूटान या म्यांमार के अतिरिक्त अन्य देशों से आने वाले यात्री
    • नियम 4: नेपाल, भूटान या म्यांमार से आने वाले यात्री
    • नियम 6: निवास का स्थानांतरण

अतिरिक्त बैगेज के लिये सामान्य शुल्क संरचना

  • मानक शुल्क दर:
    • मूल सीमा शुल्क 35% लगाया जाएगा। 
    • अतिरिक्त शिक्षा उपकर 3% लगाया जाएगा। 
    • प्रभावी संचयी शुल्क दर 36.05% होगी।
  • गणना पद्धति:
    • शुल्क-मुक्त भत्ते से अधिक वस्तुओं के लिये:
      • शुल्क की गणना केवल अतिरिक्त मूल्य पर की जाएगी।
      • आधार मूल्य, निःशुल्क भत्ते से अधिक राशि होगी।
  • विशेष श्रेणियाँ:
    • मादक पेय
      • मूल सीमा शुल्क: 150%।
      • अतिरिक्त सीमा शुल्क: 4%।
      • सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम, 1975 के अंतर्गत वाणिज्यिक आयात नियमों के अनुसार शुल्क गणना।
  • तम्बाकू उत्पाद:
    • मूल सीमा शुल्क: 100%।
    • अतिरिक्त उपकर: 3%।
    • सीमा शुल्क टैरिफ शीर्षक 98.03 के अंतर्गत टैरिफ गणना।

सोने एवं चांदी के लिये आयात नियम

  • पात्रता के लिये मापदंड:
    • निम्नलिखित व्यक्ति आयात कर सकते हैं:
      • भारतीय मूल के यात्री। 
      • पासपोर्ट अधिनियम, 1967 के अंतर्गत जारी वैध पासपोर्ट धारक।
      • निवास हेतु आवश्यकताएँ
    • अनिवार्य विदेश प्रवास:
      • विदेश में न्यूनतम छह महीने की अवधि।
    • लघु यात्रा भत्ता:
      • कुल अवधि 30 दिनों से अधिक नहीं होनी चाहिये।
      • ऐसी यात्राओं से पात्रता प्रभावित नहीं होगी।
  • आयात के लिये शर्तें:
    • शुल्क का भुगतान:
      • परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में भुगतान किया जाना चाहिये।
      • वर्तमान दर: 10% प्लस 3% अतिरिक्त शुल्क।
    • मात्रा के लिये प्रतिबंध:
      • सोना (आभूषण सहित): अधिकतम सीमा प्रति यात्री एक किलोग्राम है।
      • चांदी: अधिकतम सीमा प्रति यात्री दस किलोग्राम है।
  • आयात के लिये प्रक्रियाएँ:
    • समय की सीमाएँ:
      • आगमन के समय, या
      • आगमन के पंद्रह दिनों के अंदर।
    • वैकल्पिक आयात विधि:
      • अधिकृत कस्टम्स बांडेड गोदामों से डिलीवरी ली जा सकती है:
        • भारतीय स्टेट बैंक।
        • खनिज एवं धातु व्यापार निगम लिमिटेड।
  • घोषणा करने के लिये आवश्यकताएँ:
    • निर्धारित घोषणा पत्र भरना अनिवार्य है।
    • उचित सीमा शुल्क अधिकारी के समक्ष घोषणा की जानी चाहिये।
    • बंधित गोदाम से डिलीवरी लेने का आशय घोषित किया जाना चाहिये।
    • सीमा शुल्क निकासी से पहले शुल्क भुगतान आवश्यक है।
  • मूल्यांकन की पद्धति:
    • अमेरिकी डॉलर मूल्यांकन के आधार पर। 
    • M.F. (D.R.) अधिसूचनाओं के अनुसार रूपांतरण दरें। 
    • टैरिफ मूल्यों एवं रूपांतरण दरों का द्वि-मासिक संशोधन।

नियम 5: आभूषण

  • इस नियम में कहा गया है कि एक वर्ष से अधिक समय तक विदेश में रहने वाले यात्री को भारत लौटने पर अपने वास्तविक सामान में बीस ग्राम तक के आभूषण, जिनकी कीमत पचास हजार रुपये तक है, यदि वह सज्जन यात्री द्वारा लाया गया हो, या चालीस ग्राम तक के आभूषण, जिनकी कीमत एक लाख रुपये तक है, यदि वह महिला यात्री द्वारा लाया गया हो, निःशुल्क निकासी की अनुमति दी जाएगी।