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लोकसभा में पारित जन विश्वास (संशोधन) विधेयक, 2023

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 28-Jul-2023

चर्चा में क्यों हैं?

  • जन विश्वास (संशोधन) विधेयक, 2023 भारत की संसद के निचले सदन में 27 जून, 2023 को पारित हो गया।
  • इस विधेयक का उद्देश्य जीवनयापन और व्यवसाय करने में आसानी के लिये विश्वास-आधारित शासन को और अधिक बढ़ावा देने हेतु छोटे अपराधों को अपराधमुक्त करने एवं उन्हें तर्कसंगत बनाने के लिये कुछ अधिनियमों में संशोधन करना है।
  • विधेयक में कहा गया है कि, जन विश्वास (संशोधन) अधिनियम, 2023 केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना के माध्यम से निर्धारित तिथि से लागू होगा।
    • केंद्र सरकार उपरोक्त अधिनियम की अनुसूची में उल्लिखित विभिन्न अधिनियमों से संबंधित संशोधनों के लिये अलग-अलग तिथियाँ निर्धारित कर सकती है।

पृष्ठभूमि

  • इस विधेयक को पहली बार 22 दिसंबर, 2022 को लोकसभा में पेश किया गया था।
  • बाद में इसे संसद की संयुक्त समिति के पास भेज दिया गया।
  • समिति की रिपोर्ट क्रमशः 17 मार्च, 2023 और 20 मार्च, 2023 को राज्यसभा और लोकसभा में रखी गई।
    • समिति ने विधेयक में कुछ और संशोधनों की सिफारिश की।
    • समिति ने 7 सामान्य सिफारिशें भी कीं, जिनमें से 6 सिफारिशों पर सभी संबंधित मंत्रालयों/विभागों ने सहमति प्रदान की है।
  • 19 मंत्रालयों या विभागों द्वारा प्रशासित 42 केंद्रीय अधिनियमों के कुल 183 प्रावधानों को अपराधमुक्त करने का प्रस्ताव है।

प्रमुख प्रस्ताव

इस विधेयक में नीचे दिये गए उपायों का प्रस्ताव किया गया है:

  1. मौजूदा कानूनों में कतिपय अपराधों के लिये जुर्माना या अर्थदंड अधिनियम के प्रारंभ होने के हर तीन साल पर 10 प्रतिशत बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है।
  2. न्यायनिर्णयन अधिकारियों की स्थापना;
  3. अपीलीय प्राधिकारियों की स्थापना; और
  4. भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 के तहत सभी अपराधों को हटा दिया गया और उच्च मूल्य वाले बैंक नोट (नोटबंदी) अधिनियम, 1978 के तहत अपराधों को अपराध से मुक्त कर दिया गया है।

प्रमुख अधिनियम जिनमें संशोधन का प्रस्ताव किया गया है।

42 अधिनियमों में संशोधन का प्रस्ताव है, उनमें से कुछ प्रमुख बदलाव नीचे उल्लिखित हैं:

  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000: मौजूदा अर्थदंडों को समय की मांग के अनुरूप काफी हद तक प्रतिस्थापित किया गया है।
  • पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986: इसमें प्रावधानों के विभिन्न उल्लंघनों के लिये अर्थदंड जोड़े गए हैं। साथ ही, अधिनियम की धारा 16 के तहत 'पर्यावरण संरक्षण कोष' स्थापित करने के लिये अधिनियम में 'कोष' की परिभाषा अन्तर्विष्ट की गई है।
  • ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940: अधिनियम की धारा 30 के तहत दो साल की कैद और 10,000 रुपये के जुर्माने को 5 लाख रुपये के जुर्माने से प्रतिस्थापित किया गया है।
  • सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952: इसमें जुर्माना बढ़ाया गया है। प्रस्ताव में फिल्म के प्रमाणन के पश्चात किसी भी फिल्म में बदलाव एवं छेड़छाड़ करने और बच्चों सहित ऐसे किसी अन्य व्यक्ति के समक्ष फिल्म का प्रदर्शन करने जिन्हें प्रमाणपत्र के तहत फिल्म देखने की अनुमति नहीं हों, के लिये सजा का प्रावधान किया गया है।
  • मोटर वाहन अधिनियम, 1988: 'अपराधों के संबंध में समझौता' को इस अधिनियम की मौजूदा धारा 200 के साथ प्रतिस्थापित किये जाने का प्रस्ताव है।
  • धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002: भाग ए में दी गई अनुसूची में संशोधन किये जाने का प्रस्ताव है।