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आपराधिक कानून

हिट एंड रन लॉ

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 05-Jan-2024

स्रोत: द हिंदू

परिचय:

भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत नए हिट एंड रन प्रावधान के विरोध में ट्रक ड्राइवरों का एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। ट्रक ड्राइवरों ने इसे काला कानून (Black Law) करार दिया है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कॉन्ग्रेस (AIMTC) के चेयरमैन ने कहा कि वे इस कानून को लागू नहीं होने देंगे।

  • केंद्रीय गृह सचिव के साथ बैठक के बाद इस शर्त के बाद कि कानून AIMTC के साथ परामर्श के बाद लागू होगा, विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया गया।

हिट एंड रन लॉ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किस प्रकार बंद किया गया?

  • भारत सरकार ने 2 जनवरी, 2024 को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से निर्दिष्ट किया कि उसने BNS की धारा 106 (2) के तहत और AIMTC के प्रतिनिधियों के साथ की गई विस्तृत चर्चा में 10 वर्ष की कैद तथा ज़ुर्माने के प्रावधान के संबंध में ट्रक ड्राइवरों की चिंताओं पर संज्ञान लिया है।
  • सरकार ने बताया कि ये नए कानून एवं प्रावधान अभी तक लागू नहीं हुए हैं और BNS की धारा 106 (2) को लागू करने का निर्णय AIMTC के परामर्श के बाद ही लिया जाएगा।
  • सरकार ने AIMTC और सभी ड्राइवरों से अपनी-अपनी नौकरी पर लौटने की अपील की है।

हिट एंड रन लॉ क्या है?

  • धारा 106(2) के तहत अपराध:
    • जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है और घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिये बिना भाग जाता है, वह BNS की धारा 106 (2) के तहत अपराध करता है।
  • धारा 106(1) के तहत सज़ा:
    • अपराधी को किसी एक अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और ज़ुर्माना भी लगाया जा सकता है।
  • समाधान के लिये आधार:
    • जैसा कि धारा में बताया गया है, यदि व्यक्ति पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित करता है, तो न्यायालय को यह मानने का आधार मिल जाएगा कि धारा 106 (1) के तहत यह कृत्य अनजाने में हुआ था क्योंकि आशय अनुमान के लिये प्रमुख उपकरण के रूप में काम करता है।
  • धारा 106 (1):
    • इसमें कहा गया है कि जो कोई भी ज़ल्दबाजी या लापरवाही से ऐसा कार्य करके किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आता है, उसे दंडित किया जाएगा।
    • सज़ा एक अवधि के लिये कारावास की होगी जिसे पाँच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और ज़ुर्माना भी देना होगा।

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 106 के उप-भागों के बीच क्या अंतर हैं?

आधार

BNS की धारा 106(1) 

BNS की धारा 106(2)

सामान्य और विशिष्ट प्रावधान

यह एक सामान्य प्रावधान है, जो किसी भी ज़ल्दबाजी या लापरवाही से किये गए कार्य को कवर करता है।

यह एक विशिष्ट प्रावधान है, जिसमे ज़ल्दबाजी और लापरवाही से वाहन चलाना शामिल है।

अपराधी का भागना

अपराधी के भागने से संबंधित किसी भी अतिरिक्त विवरण का उल्लेख नहीं किया गया है।

हत्या के साथ-साथ पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिये बिना भाग जाना अपराध है।

दंड का स्वरूप

सामान्य सज़ा जो पाँच वर्ष तक बढ़ सकती है और ज़ुर्माना।

सज़ा का गंभीर रूप जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और ज़ुर्माना भी लगाया जा सकता है।

 सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित डेटा क्या है?  

  • दुर्घटना पर डेटा:
    • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक रिपोर्ट से पता चला है कि 4.6 लाख से अधिक दुर्घटनाएँ हुईं, जिससे हर घंटे 19 लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई।
    • डेटा से यह भी पता चला कि देश में प्रति घंटे लगभग 53 दुर्घटनाएँ होती हैं।
  • भारत में सड़क दुर्घटनाओं की रिपोर्ट - वर्ष 2022 का हिट एंड रन पर डेटा:
    • भारत में सड़क दुर्घटनाओं की रिपोर्ट - वर्ष 2022 के डेटा के अनुसार, कुल दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु में 'हिट फ्रॉम बैक' की हिस्सेदारी सर्वाधिक (19.5%) थी, इसके बाद क्रमशः 'हिट एंड रन' और 'हेड ऑन कोलिजन' की हिस्सेदारी 18.1% और 15.7% थी।
    • रिपोर्ट में मोटर यान संशोधन अधिनियम, 2019 के तहत हिट एंड रन की स्थिति का भी उल्लेख किया गया है।

भारतीय न्याय संहिता से पूर्व हिट एंड रन लॉ की क्या स्थिति थी?  

  • मोटर यान संशोधन अधिनियम, 2019 की धारा 161:
    • MV संशोधन अधिनियम, 2019 की धारा 161 के तहत हिट एंड रन में पीड़ित की मृत्यु होने पर 2,00,000 रुपए के मुआवज़े का प्रावधान किया गया, जबकि पहले मुआवज़े के रूप में 25,000 रुपए प्रदान किये जाते थे।
    • MV संशोधन अधिनियम, 2019 में हिट एंड रन मोटर दुर्घटना के परिणामस्वरूप किसी भी व्यक्ति को गंभीर चोट के संबंध में पचास हज़ार रुपए की एक निश्चित राशि या केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित इससे अधिक राशि के ज़ुर्माने का प्रावधान किया गया है।
  • भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 304A:
    • इस धारा में यह प्रावधान है कि जो कोई उतावलेपन से या उपेक्षापूर्ण किसी ऐसे कार्य से किसी व्यक्ति की मृत्यु कारित करेगा, जो आपराधिक मानव वध की कोटि में नहीं आता, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या ज़ुर्माने से, या फिर दोनों से दंडित किया जाएगा।
    • BNS से पूर्व, उपर्युक्त प्रावधान हिट एंड रन के मामले में न्यायालयों द्वारा लागू किया जाता था।

आगे की राह

  • हिट एंड रन प्रावधान के संबंध में ट्रक ड्राइवरों की आशंकाओं को दूर करने के लिये सरकार और AIMTC के बीच खुली बातचीत की सुविधा प्रदान करना अनिवार्य है।
  • जैसा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की 2022 की रिपोर्ट में बताया गया है, सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए, सड़क सुरक्षा कानून को आकार देने में एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण महत्त्वपूर्ण है।
  • इसके अतिरिक्त, BNS की धारा 106 के तहत दंडात्मक उपायों में संशोधन या विकल्प तलाशने से सार्वजनिक सुरक्षा और परिवहन हितधारकों की चिंताओं के मध्य संतुलन बनाया जा सकता है।
  • किसी भी क्षेत्र को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किये बिना सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये निरंतर जुड़ाव, पारदर्शिता और डेटा-संचालित दृष्टिकोण को भविष्य के निर्णयों का मार्गदर्शन करना चाहिये।