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अंतर्राष्ट्रीय नियम

भारत मालदीव द्विपक्षीय संबंध

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 12-Jan-2024

स्रोत: द हिंदू

परिचय:

हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप द्वीप का दौरा किया और भारतीय पर्यटकों को लक्षद्वीप में समुद्र तटों की यात्रा करने के लिये प्रेरित किया। इसके चलते मालदीव के एक मंत्री ने भारत के प्रधानमंत्री का मज़ाक उड़ाते हुए उन्हें इज़राइल की कठपुतली करार देते हुए विवादास्पद बयान दिया। बाद में मालदीव के कई अन्य मंत्रियों के इसमें शामिल होने से यह मुद्दा काफी बढ़ गया। हालाँकि, भारतीय हस्तियों ने अपने प्रधानमंत्री का साथ दिया और पर्यटकों से लक्षद्वीप द्वीप की यात्रा करने का आग्रह किया।

भारत-मालदीव संबंधों की पृष्ठभूमि क्या है?

  • भारत और मालदीव के बीच सदियों से चले आ रहे ऐतिहासिक संबंध हैं।
  • सांस्कृतिक समानताएँ और ऐतिहासिक संबंधों ने मज़बूत राजनयिक संबंधों की नींव रखी है।
  • मालदीव, हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से स्थित एक द्वीपसमूह, भारत के लिये एक महत्त्वपूर्ण भागीदार रहा है, और ऐतिहासिक व्यापार मार्गों ने सदियों से दोनों देशों के बीच अंतः क्रिया की सुविधा प्रदान की है।

भारत और मालदीव के बीच व्यापारिक संबंध कैसे हैं?  

  • भारत और मालदीव ने वर्ष 1981 में एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये, जो आवश्यक वस्तुओं के निर्यात का प्रावधान करता है।
  • भारत वर्ष 2021 में मालदीव का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार बनकर उभरा।
  • मालदीव से भारतीय आयात में मुख्य रूप से स्क्रैप धातुएँ शामिल हैं, जबकि मालदीव को भारतीय निर्यात में विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग और औद्योगिक उत्पाद जैसे दवाएँ तथा फार्मास्यूटिकल्स, रडार उपकरण, रॉक बोल्डर, एग्रीगेट्स (aggregates), सीमेंट और चावल, मसाले, फल, सब्जियाँ एवं पोल्ट्री उत्पादन आदि जैसे कृषि उत्पाद शामिल हैं।
  • 1 से 4 अगस्त, 2022 के दौरान, राष्ट्रपति सोलिह की भारत की आधिकारिक यात्रा, मालदीव से भारत को शुल्क मुक्त ट्यूना (tuna) के निर्यात की घोषणा की गई और साथ ही भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS), भारत और मत्स्य पालन मंत्रालय, मालदीव के बीच संभावित मछली पकड़ने के क्षेत्र पूर्वानुमान क्षमता निर्माण और डेटा साझाकरण एवं समुद्री वैज्ञानिक अनुसंधान में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए हैं।

वर्ष 1981 का व्यापार समझौता क्या है?

  • भारत गणराज्य की सरकार व मालदीव गणराज्य की सरकार के बीच व्यापार समझौते नामक समझौते पर 1 मार्च, 1981 को भारत और मालदीव द्वारा हस्ताक्षर किये गए थे।
  • इसे 1 वर्ष के लिये प्रभावी बनाया गया था जब तक कि हस्ताक्षर करने वाले किसी भी देश ने इसे संशोधित नहीं किया।

निष्कर्ष:

उक्त विवाद का प्रभाव अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के साथ-साथ भारत और मालदीव के व्यापारिक संबंधों पर भी पड़ेगा।