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सिविल कानून
व्यवसाय और महिलाओं की भागीदारी में IPR की भूमिका
« »12-Sep-2023
परिचय
गूगल और बेन कंपनी द्वारा वर्ष 2019 में 'पॉवरिंग द इकोनॉमी विद हर' नाम से एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 13.5-15.7 मिलियन महिला-स्वामित्व वाले उद्यम हैं। यह उन सभी भारतीय उद्यमों का लगभग 20% है, जिनकी स्वामी महिलाएँ हैं।
इसके अतिरिक्त, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) में पेटेंट सहयोग संधि (PCT) के माध्यम से दायर किये गए आवेदनों में लगभग 16% पेटेंट आवेदन महिलाओं के हैं। WIPO का अनुमान है कि मौज़ूदा दरों पर, PCT-सूचीबद्ध अन्वेषकों के बीच लैंगिक समानता वर्ष 2064 से पहले हासिल नहीं की जाएगी।
- आधुनिक युग में बौद्धिक संपदा सबसे मूल्यवान संपत्ति है। यह तकनीकी नवाचार है जो मानव प्रगति को आगे बढ़ाने के साथ-साथ औद्योगिक और आर्थिक विकास में सहायता करता है।
पृष्ठभूमि
- बौद्धिक संपदा दिवस, 2023 का विषय "वुमन और आईपी: नवाचार और रचनात्मकता में तीव्रता लाना" है।
- कार्यबल में महिलाओं की बढ़ती संख्या के बावजूद भारत में लैंगिक अंतराल कायम है।
- IPR उद्यमियों द्वारा विचारों के मूल्य को सुरक्षित रखने और बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- WIPO को IPR के लाभ के बारे में अधिक महिलाओं को शिक्षित करने की आवश्यकता है।
- इसमें एक प्रभावी और आसान विवाद-समाधान तंत्र की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है।
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO)
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ध्यान देने योग्य बातें
- IPR कानून दलों को तीव्र विवाद समाधान प्रणाली प्रदान करता है, हालाँकि भारत में मामलों का एक बड़ा बैकलॉग (बकाया मामले) बना हुआ है।
- IPR से संबंधित विवाद समाधान प्रणाली को मुख्यतः मध्यस्थता द्वारा निपटाया जाता है जो ODR (Online Dispute Resolution) तंत्र का हिस्सा है।
- ODR वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) की एक शाखा है जो मध्यस्थता और सुलह के माध्यम से विवादों के समाधान से संबंधित है।
- नीति आयोग (नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया) ने वर्ष 2021 में अपनी प्रेस विज्ञप्ति में न्याय तक त्वरित पहुँच के लिये ऑनलाइन विवाद समाधान पर भी ज़ोर दिया।
- 'डिजाइनिंग द फ्यूचर ऑफ डिसप्यूट रिजॉल्युशनः द ओडीआर पॉलिसी प्लान फॉर इंडिया' नामक अपनी रिपोर्ट में, नीति आयोग का लक्ष्य विवाद से बचाव, रोकथाम और समाधान को ऑनलाइन प्रदान करना है।
- रिपोर्ट में की गई सिफ़ारिशों के लागू होने से प्रत्येक व्यक्ति के लिये न्याय तक प्रभावी पहुँच हेतु ODR के माध्यम से प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग करने, भारत को विश्व में अग्रणी बनाने में सहायता मिल सकती है।
ODR और महिलाओं की सह-भागिता
- भारत में, महिलाएँ घरों के प्रबंधन के लिये ज़िम्मेदार हैं, भले ही वे उद्यमी बन जाएँ, उन्हें अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन को संतुलित करने के लिये कई कार्य करने के लिये मज़बूर किया जाता है।
- इस प्रकार ODR की प्रकृति और चरित्र इसे महिला उद्यमियों के लिये एकदम उपयुक्त बना सकता है, जिससे विवाद समाधान के लिये एक व्यवस्थित दृष्टिकोण की अनुमति मिलती है।
- इस विचार से महिलाओं को लाभ होगा क्योंकि ODR एक ऐसी प्रक्रिया है, जो विवाद के पंजीकरण से लेकर पक्षों द्वारा तर्क प्रस्तुत करने और पुरस्कारों के प्रकाशन तक पूर्ण रूप से ऑनलाइन आयोजित की जाती है।
बौद्धिक संपदा अधिकारों का महत्त्व
- IPR कंपनी की बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और उसका लाभ उठाने, प्रतिस्पर्द्धी बढ़त प्रदान करने और नवाचार को बढ़ावा देने में सहायता करता है। इसके कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं -
- नवाचारों की सुरक्षा: IPR जैसे पेटेंट कंपनी के अद्वितीय आविष्कारों और नवाचारों की रक्षा करते हैं। यह सुरक्षा दूसरों को एक निर्दिष्ट अवधि के लिये उसी आविष्कार का निर्माण करने, उपयोग करने, विक्रय करने या आयात करने से रोकती है, जिससे व्यवसाय को अपने अनुसंधान और विकास निवेश पर पूंजी निवेश करने की अनुमति मिलती है।
- विशिष्ट अधिकार: IPR संरक्षित बौद्धिक संपदा का उपयोग करने, लाइसेंस देने या विक्रय करने का विशेष अधिकार प्रदान करता है।
- बाज़ार विभेदीकरण: ट्रेडमार्क और ब्रांडिंग मूल्यवान परिसंपत्तियाँ हैं जो किसी व्यवसाय के उत्पादों या सेवाओं को प्रतिस्पर्द्धियों से अलग करती हैं।
- प्रतिस्पर्द्धियों के लिये निवारक: IPR का अस्तित्व प्रतिस्पर्द्धियों को बाज़ार में प्रवेश करने या किसी के नवाचारों का उल्लंघन करने से रोक सकता है। कानूनी परिणामों का जोखिम दूसरों को आपकी बौद्धिक संपदा की नकल करने से हतोत्साहित कर सकता है।
- कानूनी उपाय: यदि कोई किसी के IPR का उल्लंघन करता है, तो उसके पास मुकदमेबाज़ी के माध्यम से उन अधिकारों को लागू करने का कानूनी उपाय है, जिससे संभावित रूप से नुकसान या रॉयल्टी की वसूली हो सकती है।
IPR और महिलाओं की सह-भागिता
- कुछ कदमों को शामिल करके IPR क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा सकती है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- जागरुकता और दृष्टिकोण: IPR क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को उज़ागर करने वाली कार्यशालाओं, सेमिनारों और सम्मेलनों का आयोजन करने से महिलाओं को इस क्षेत्र के विभिन्न आयामों को जानने में महत्त्वपूर्ण सहायता मिल सकती है। ये आयोजन नेटवर्किंग के अवसरों के रूप में भी कार्य कर सकते हैं।
- नेटवर्किंग और व्यावसायिक संघ: महिला-केंद्रित या विविधता-केंद्रित IPR पेशेवर संगठनों के निर्माण का समर्थन करने के साथ मौज़ूदा संघों में भागीदारी को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
- रोज़गार में समान अवसर: कानूनी फर्म, कॉर्पोरेट कानूनी विभाग और IPR से निपटने वाली सरकारी एजेंसियों सहित कार्यस्थल में महिलाओं के लिये समान अवसर और भुगतान, इक्विटी को बढ़ावा दे सकते हैं।
- उद्यमियों और स्टार्टअप के लिये समर्थन: IPR क्षेत्र में महिला उद्यमियों और अन्वेषकों की आवश्यकताओं के अनुरूप मुख्यतः धन, सलाह और संसाधन प्रदान कर सकते हैं।
- नीतियों का समर्थन: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर IPR में लैंगिक विविधता को बढ़ावा देने वाली नीतियों का समर्थन करके, साथ ही सरकार को IPR से संबंधित उद्योगों में लैंगिक विविधता पर डेटा एकत्र करने और प्रकाशित करने के लिये प्रोत्साहित कर सकते हैं।
कानूनी प्रावधान
- भारत में प्राथमिक IPR अधिनियम नीचे सूचीबद्ध हैं:
- कॉपीराइट अधिनियम, 1957
- ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999
- पेटेंट अधिनियम, 1970
- डिज़ाइन अधिनियम, 2000
- वस्तुओं का भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999
- पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2001
- सेमीकंडक्टर इंटीग्रेटेड सर्किट लेआउट-डिज़ाइन अधिनियम, 2000
आगे की राह
- ODR को अपनाने से नवाचार को बढ़ावा मिल सकता है, उद्यमिता को बढ़ावा मिल सकता है और महत्त्वपूर्ण रूप से IPR सुरक्षा में समानता को बढ़ावा मिल सकता है। इसलिये भारत को ODR तंत्र को अपनाने को प्राथमिकता देनी चाहिये।
- ODR प्लेटफॉर्मों को विशिष्ट उद्योगों या विवादों के प्रकारों के अनुरूप बनाया जा सकता है, जिससे वे विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुकूल बन सकते हैं।
- ODR तंत्र एक साथ बड़ी मात्रा में विवादों को संभाल सकता है, जिससे यह लाखों उपयोगकर्त्ताओं या कई लेनदेन वाले व्यवसायों वाले प्लेटफॉर्मों के लिये उपयुक्त हो जाता है। यह स्वचालित प्रक्रियाओं जैसे विभिन्न माध्यमों से निर्णयों को लागू करने की सुविधा प्रदान कर सकता है, जिसे पारंपरिक सीमा पार विवादों में हासिल करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- विश्व स्तर पर कार्य करने वाले व्यवसायों के लिये विभिन्न देशों में IPR कानूनों और विनियमों को समझना आवश्यक है, जिससे बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार-संबंधित पहलुओं पर समझौते (TRIPS) जैसी अंतर्राष्ट्रीय संधियों का पालन करने से अभ्यास की एकरूपता बनाए रखने में सहायता मिलेगी।