Drishti IAS द्वारा संचालित Drishti Judiciary में आपका स्वागत है










होम / एडिटोरियल

सिविल कानून

डिजिटल प्लेटफॉ र्म स्वामी का दायित्व

    «    »
 09-Sep-2024

स्रोत: द हिंदू

परिचय:

पेरिस में टेलीग्राम के संस्थापक की गिरफ्तारी ने डिजिटल प्लेटफॉर्म स्वामियों की उपयोगकर्त्ता-जनित सामग्री के लिये उत्तरदायित्व पर चर्चा को पुनर्जीवित कर दिया है। यह घटना डिजिटल युग में मुक्त भाषण, उपयोगकर्त्ता की गोपनीयता एवं प्लेटफॉर्म के उत्तरदायित्व के बीच संतुलन के विषय में गंभीर प्रश्नों को उठाती है।

संस्थापक की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि क्या थी?

  • डिजिटल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम के संस्थापक को 24 अगस्त 2024 को पेरिस में गिरफ्तार किया गया।
  • फ्राँसीसी अधिकारियों ने टेलीग्राम के संस्थापक के विरुद्ध लगाए गए कई गंभीर आपराधिक आरोपों की जाँच आरंभ कर दी है।
  • संस्थापक के विरुद्ध लगाए गए आरोपों में शामिल हैं:
    • टेलीग्राम प्लेटफॉर्म पर बाल यौन शोषण सामग्री के वितरण को सक्षम बनाना
    • टेलीग्राम प्लेटफॉर्म के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी को सुविधाजनक बनाना
    • विधि प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करने से प्रतिषेध करना
  • यह मामला उपयोगकर्त्ता जनित सामग्री के लिये डिजिटल प्लेटफॉर्म मालिकों के उत्तरदायित्व पर प्रश्न उठाता है।
  • इस मामले में टेलीग्राम की सामग्री अनुशोधन नीतियाँ एवं विधिक प्रवर्तन एजेंसियों के साथ उसके सहयोग का स्तर जाँच के दायरे में है।
  • इस गिरफ्तारी से विभिन्न न्यायक्षेत्रों के विधानों के अंतर्गत डिजिटल मध्यस्थों के लिये लागू "सेफ हार्बर" प्रावधानों के अनुप्रयोग पर प्रभाव पड़ेगा।
  • यह मामला संभावित रूप से उस स्थापित सिद्धांत को चुनौती देता है कि प्लेटफॉर्म स्वामियों को उपयोगकर्त्ता जनित सामग्री के लिये व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी नहीं ठहराया जाना चाहिये, सिवाय प्रत्यक्ष संलिप्तता के मामलों को छोड़कर।
  • यह विधिक कार्यवाही डिजिटल प्लेटफॉर्मों के विनियमन एवं सामग्री अनुशोधन में उनके उत्तरदायित्वों के विषय में बढ़ती वैश्विक चिंताओं के संदर्भ में हुई है।
  • यह मामला डिजिटल प्लेटफॉर्म विनियमों की व्याख्या और प्रवर्तन के लिये निहितार्थ रखता है, जिसमें यूरोपीय संघ का डिजिटल सेवा अधिनियम और अन्य क्षेत्राधिकारों में इसी प्रकार के विधान शामिल हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 में सेफ हार्बर प्रावधान क्या है?

  • सेफ हार्बर प्रावधान:
    • IT अधिनियम, 2000 मध्यस्थों के लिये "सेफ हार्बर" संरक्षण प्रदान करता है।
    • मध्यस्थों (जैसे कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म) को उपयोगकर्त्ता-जनित सामग्री के लिये उत्तरदायी नहीं ठहराया जाएगा, यदि वे कुछ शर्तों का अनुपालन करते हैं।
    • धारा 79 कुछ मामलों में मध्यस्थ के उत्तरदायित्व से छूट से संबंधित है।
    • यद्यपि अधिनियम में सेफ हार्बर प्रदान किया गया है, तथापि मध्यस्थों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे एक सीमा तक विषय-वस्तुओं पर नियंत्रण रखें।
    • सामग्री अनुशोधन के लिये सटीक आवश्यकताओं को अधिनियम में पूरी तरह से निर्दिष्ट नहीं किया गया है, परंतु बाद के नियमों में उन्हें विस्तार से बताया गया है।
  • IT नियमों का अनुपालन:
    • IT अधिनियम को IT नियमों द्वारा अनुपूरित किया गया है, जिनमें वर्ष 2023 में जारी किये जाने वाले नियम भी शामिल हैं।
    • इन नियमों के तहत मध्यस्थों को भारत में परिचालन के लिये विशिष्ट सेवा शर्तें रखने की आवश्यकता हो सकती है।
  • विधि प्रवर्तन के साथ सहयोग:
    • मध्यस्थों से अपेक्षित है कि वे उचित प्रक्रिया के अधीन विधिक प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करें।
    • इसमें ऐसे सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिये अनुपालन अधिकारी या नामित प्रतिनिधि रखना शामिल हो सकता है।
  • व्यक्तिगत दायित्व:
    • यह अधिनियम सामान्यतः उपयोगकर्त्ता-जनित विषय-वस्तुओं के लिये मध्यस्थों के संस्थापकों या अधिकारियों पर व्यक्तिगत दायित्व आरोपित नहीं करता है।
    • हालाँकि प्रत्यक्ष संलिप्तता या अवैध गतिविधियों की जानकारी के मामले में, व्यक्तिगत दायित्व पर विचार किया जा सकता है।
  • एन्क्रिप्शन एवं गोपनीयता:
    • अधिनियम में स्पष्ट रूप से एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन या न्यूनतम मेटाडेटा भंडारण पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
    • हालाँकि ये विशेषताएँ किसी मध्यस्थ की कुछ विधिक प्रवर्तन अनुरोधों का अनुपालन करने की क्षमता को सीमित कर सकती हैं।
  • गैर-अनुपालन के लिये दण्ड:
    • अधिनियम में उन मध्यस्थों के लिये दण्ड का प्रावधान है जो इसके प्रावधानों का अनुपालन करने में विफल रहते हैं।
    • अधिनियम के तहत जारी नियमों में विशिष्ट दण्ड का विवरण दिया जा सकता है।

टेलीग्राम का 2023 IT नियमों का पालन न करना क्या है?

  • सेवा की शर्तों की आवश्यकताओं का गैर-अनुपालन:
    • टेलीग्राम वर्ष 2023 IT नियमों के कुछ प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है जो भारत में संचालित संस्थाओं के लिये सेवा की विशिष्ट शर्तों को अनिवार्य करते हैं।
  • भौतिक उपस्थिति का अभाव:
    • टेलीग्राम, भारत में भौतिक उपस्थिति के बिना कई वैश्विक कंपनियों की तरह, 2023 के IT नियमों में निर्धारित सभी नियमों का पालन नहीं करता है।
  • सेफ हार्बर संरक्षण के लिये संभावित जोखिम:
    • टेलीग्राम द्वारा वर्ष 2023 के IT नियमों के कुछ प्रावधानों का अनुपालन न करने से सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम, 2000 के अंतर्गत इसकी सुरक्षा संकट में पड़ सकती है।
  • पारदर्शिता रिपोर्टिंग:
    • वर्ष 2023 के IT नियमों में पारदर्शिता रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आवश्यकता है, एक ऐसी आवश्यकता जिसका टेलीग्राम पूरी तरह से अनुपालन नहीं कर रहा है।
  • अनुपालन अधिकारी पदनाम:
    • इन नियमों में एक अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य की गई है, जिसे टेलीग्राम ने संभवतः आवश्यकतानुसार क्रियान्वित नहीं किया है।
  • चयनात्मक प्रवर्तन जोखिम:
    • जबकि भारत सरकार ने कहा है कि टेलीग्राम नियमों का अनुपालन कर रहा है, परंतु आंशिक गैर-अनुपालन के कारण इस पर चयनात्मक अभियोजन का संकट बना हुआ है।
  • सार्वजनिक चैनलों पर सामग्री अनुशोधन:
    • हालाँकि टेलीग्राम निजी चैट की गोपनीयता बनाए रखता है, परंतु यह सार्वजनिक चैनलों पर सामग्री की जाँच की अनुमति देता है, जो आंशिक रूप से सामग्री अनुशोधन आवश्यकताओं के अनुरूप हो सकती है।
  • प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग की जाँच:
    • इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने टेलीग्राम के अवैध गतिविधियों जैसे जबरन वसूली और जुआ के लिये उपयोग किये जाने की चिंताओं के चलते इसकी जाँच की घोषणा की है।

टेलीग्राम पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की जाँच क्या है?

  • इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने आधिकारिक तौर पर टेलीग्राम की जाँच की घोषणा की है।
  • जाँच का दायरा:
    • जाँच इस विषय पर केंद्रित है कि टेलीग्राम का उपयोग अवैध गतिविधियों के लिये किया जा रहा है।
    • विशेष रूप से उल्लिखित अवैध गतिविधियों में जबरन वसूली और जुआ शामिल हैं।
  • जाँच का विधिक आधार:
    • यद्यपि स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया है, परंतु यह जाँच संभवतः सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और उसके बाद के संशोधनों के दायरे में आती है।
    • वर्ष 2023 के IT नियम जाँच के लिये अतिरिक्त विधि आधार प्रदान कर सकते हैं।
  • प्लेटफॉर्म का उत्तरदायित्व:  
    • जाँच से यह संकेत मिलता है कि टेलीग्राम को अपने प्लेटफॉर्म पर की जाने वाली अवैध गतिविधियों के लिये उत्तरदायी ठहराया जा सकता है, जिससे मध्यस्थों के लिये "सेफ हार्बर" नियम को चुनौती मिल सकती है।
  • भारतीय विधि का अनुपालन:
    • जाँच से पता चलता है कि भारत में टेलीग्राम का परिचालन भारतीय विधानों एवं नियमों के अनुपालन के लिये जाँच के दायरे में है।
  • संभावित परिणाम:
    • निष्कर्षों के आधार पर, संभावित परिणामों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
      • उन्नत सामग्री अनुशोधन के लिये निर्देश
      • विधि प्रवर्तन के साथ अधिक सहयोग की आवश्यकताएँ
      • भारतीय विनियमों का पालन न करने पर दण्ड
      • अत्यंत गंभीर मामलों में, भारत में टेलीग्राम के संचालन पर प्रतिबंध
  • डेटा एक्सेस और गोपनीयता निहितार्थ:
    • जाँच में उपयोगकर्त्ता डेटा के लिये अनुरोध शामिल हो सकता है, जो संभवतः टेलीग्राम की गोपनीयता नीतियों और एन्क्रिप्शन प्रथाओं के साथ टकरावपूर्ण हो सकता है।
  • क्षेत्राधिकार संबंधी विचार:
    • चूँकि टेलीग्राम एक वैश्विक कंपनी है जिसकी भारत में कोई भौतिक उपस्थिति नहीं है, इसलिये जाँच को प्रवर्तन में क्षेत्राधिकार संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

विभिन्न क्षेत्राधिकारों ने डिजिटल प्लेटफॉर्म विनियमन और दायित्व को कैसे संबोधित किया है?

  • याहू! इंक. फ्राँस मामला (2000):
    • एक फ्राँसीसी न्यायालय ने याहू इंक को आदेश दिया कि वह फ्राँसीसी उपयोगकर्त्ताओं को अपनी अमेरिकी वेबसाइट पर नाजी स्मृति चिह्नों की नीलामी तक पहुँचने से रोक दे।
    • यह मामला उदार लोकतंत्र में न्यायालय द्वारा प्रत्यक्ष विषय-वस्तु विनियमन का एक प्रारंभिक उदाहरण प्रस्तुत करता है।
  • टेलीग्राम के विरुद्ध जर्मनी की कार्यवाही (2022):
    • जर्मनी ने बताया कि टेलीग्राम ने 64 चैनलों को हटाने के अनुरोध का अनुपालन किया।
    • इन चैनलों ने संभवतः जर्मन घृणास्पद भाषण विधानों का उल्लंघन किया है।
  • यूरोपीय संघ के विनियम:
    • डिजिटल सेवा अधिनियम (DSA) वर्ष 2024 में पारित किया गया था।
    • यह बड़ी तकनीक कंपनियों को नियंत्रित करने के लिये यूरोपीय संघ के नवीनतम प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है।
    • यूरोपीय संघ का विधान प्लेटफॉर्म को अपने उपयोगकर्त्ताओं की निगरानी या जासूसी करने की आवश्यकता को प्रतिबंधित करता है।
  • भारत के IT नियम (2023):
    • भारत में 2023 में नए IT नियम लागू किये गए।
    • ये नियम भारत में काम करने वाली संस्थाओं के लिये सेवा की विशिष्ट शर्तों को अनिवार्य करते हैं।
    • आवश्यकताओं में पारदर्शिता रिपोर्ट प्रस्तुत करना और एक अनुपालन अधिकारी नामित करना शामिल है।
    • भारत सरकार जबरन वसूली और जुआ जैसी अवैध गतिविधियों में संभावित उपयोग के लिये टेलीग्राम की जाँच कर रही है।

निष्कर्ष:

इंटरनेट में परिवर्तन के साथ, ऑनलाइन सामग्री को नियंत्रित करने और मुक्त भाषण की रक्षा करने के बीच संघर्ष बढ़ रहा है। ड्यूरोव की गिरफ्तारी से एक ऐसी प्रवृत्ति का संकेत मिल सकता है जहाँ सरकारें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सख्त नियम लागू करती हैं। इससे उपयोगकर्त्ता डेटा की सुरक्षा के लिये एन्क्रिप्शन का उपयोग करने वाले प्लेटफॉर्म और इन प्लेटफॉर्म एवं सरकारों के बीच अधिक बातचीत हो सकती है। आगे बढ़ते हुए, ऑनलाइन खतरों को रोकने एवं लोगों के डिजिटल अधिकारों की रक्षा करने के बीच संतुलन बनाना महत्त्वपूर्ण होगा। यह संतुलन प्लेटफॉर्म के संचालन, निजी उपयोगकर्त्ता डेटा तथा वैश्विक स्तर पर इंटरनेट के प्रबंधन को प्रभावित करेगा।