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महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व
मुख्य न्यायाधीश मनमोहन
« »16-Jul-2024
परिचय:
सी. जे. मनमोहन का जन्म 17 दिसंबर 1962 को दिल्ली में हुआ था, उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मॉडर्न स्कूल, दिल्ली से पूरी की।
कॅरियर:
- मुख्य न्यायाधीश मनमोहन वर्ष 1987 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए थे तथा उन्होंने मुख्य रूप से उच्चतम न्यायालय एवं दिल्ली उच्च न्यायालय में सिविल, आपराधिक, संविधान, मध्यस्थता, कराधान सेवा मुकदमेबाज़ी मामलों में अपना विधिक व्यवसाय प्रारंभ किया।
- मुख्य न्यायाधीश मनमोहन को वर्ष 2003 में उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था।
- वह सदैव अतिरिक्त न्यायिक गतिविधियों में रुचि लेते हैं तथा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के कई सेमिनारों एवं सम्मेलनों का हिस्सा रहे हैं।
- उन्होंने दाभोल पावर कंपनी, हैदराबाद निजाम के आभूषण ट्रस्ट मामले, क्लेरिज होटल विवाद सहित कई महत्त्वपूर्ण मामलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
- उन्हें वर्ष 2008 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
- उन्हें वर्ष 2009 में उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
- वर्तमान में दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हैं।
उल्लेखनीय निर्णय:
महत्त्वपूर्ण निर्णय:
- पीठासीन अधिकारी दिल्ली स्कूल बनाम दिल्ली सरकार (2013):
- इस मामले में न्यायालय ने दिल्ली स्कूल ट्रिब्यूनल (अधिकरण) द्वारा पारित आदेश को खारिज कर दिया कि केवल दिल्ली स्कूल अधिकरण को ही वर्तमान मामले से निपटने का क्षेत्राधिकार है तथा कहा कि न्यायालय के पास औद्योगिक विवाद अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार मामलों को पुनर्जीवित करने की भी शक्ति है।
- राज्य बनाम कैशर अली (2018):
- इस मामले में न्यायालय ने एक आपराधिक याचिका के संबंध में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा पारित निर्णय में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया, जिसमें पाया गया था कि महिला ने अपनी उम्र गलत बताई थी तथा प्रतिवादी के साथ सहमति से यौन संबंध बनाए थे।
हालिया निर्णय:
- भूषण ऑयल एंड फैट्स प्राइवेट लिमिटेड बनाम मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड (2023):
- दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्णय दिया है कि शिकायत को खारिज करने की मांग करने वाले आदेश VII नियम 11 के अंतर्गत दायर आवेदन के अस्वीकृति के आदेश के विरुद्ध सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (CPC) के आदेश XLIII नियम 1 के अंतर्गत कोई अपील विचारणीय नहीं है।
- धर्मपाल सत्यपाल लिमिटेड एवं अन्य बनाम सचिव के माध्यम से भारत संघ (2023):
- दिल्ली उच्च न्यायालय ने पान मसाला पैकेट पर चेतावनी का आकार बढ़ाने के लिये भारतीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण द्वारा जारी नियमन को यथावत् बनाए रखा।