पेप्सी कंपनी इनकॉर्पोरेशन बनाम हिंदुस्तान कोका कोला लिमिटेड 2003(27) PTC 305 (DEL)
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पेप्सी कंपनी इनकॉर्पोरेशन बनाम हिंदुस्तान कोका कोला लिमिटेड 2003(27) PTC 305 (DEL)

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 28-Jun-2024

परिचय:

यह मामला एक विज्ञापन में कॉपीराइट और ट्रेडमार्क के उल्लंघन से संबंधित है।

तथ्य:

  • इस मामले में याचिकाकर्त्ता ने प्रतिवादी के विरुद्ध उसके कॉपीराइट और ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए आवेदन दायर किया।
  • यह तर्क दिया गया कि प्रतिवादी द्वारा बनाया गया विज्ञापन वादी के लिये अपमानजनक था और उसके ट्रेडमार्क 'पेप्सी', 'ग्लोब डिवाइस' और "ये दिल मांगे मोर" के संबंध में उसके ट्रेडमार्क का उल्लंघन करता था।
  • यह भी तर्क दिया गया कि रोलरकोस्टर के उपयोग वाले वादी के विज्ञापन की प्रतिवादी द्वारा नकल की गई है, जो उसके कॉपीराइट का उल्लंघन है।
  • इस संबंध में याचिकाकर्त्ता द्वारा अंतरिम निषेधाज्ञा के लिये आवेदन दायर किया गया है।

शामिल मुद्दे:

  • क्या विज्ञापन से याचिकाकर्त्ता के उत्पादों की गुणवत्ता का क्षय होगा?
  • क्या 'ग्लोब डिवाइस' और वाक्यांश (टैगलाइन) 'ये दिल मांगे नो मोर' का उपयोग कॉपीराइट अधिनियम की धारा 29(1) के अनुसार कॉपीराइट का उल्लंघन है?
  • क्या विज्ञापन में रोलरकोस्टर का उपयोग प्रतिवादी द्वारा उल्लंघन है?

 टिप्पणियाँ:

  • दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्त्ता के उत्पादों की गुणवत्ता का क्षरण करने वाले कारकों पर विचार किया।
    • न्यायालय ने प्रतिवादी के आशय तथा विज्ञापन संचालन के तरीके पर विचार किया।
    • यह देखा गया कि प्रतिवादी ने “पेप्सी” को “पेप्पी” कहा तथा अपने स्वयं के ब्रांड “थम्स अप” को बढ़ावा देने के लिये कुछ अपमानजनक टिप्पणियाँ भी कीं।
  • न्यायालय ने कहा कि ट्रेडमार्क ‘पेप्सी’, ‘ग्लोब डिवाइस’ और ‘ये दिल मांगे मोर’ कॉपीराइट योग्य हैं, क्योंकि उन्होंने विशिष्टता प्राप्त कर ली है और याचिकाकर्त्ता ने उनके प्रचार और विज्ञापन पर भारी धनराशि व्यय की है।
  • हालाँकि न्यायालय ने आगे कहा कि रंग संयोजन और वाक्यांश "ये दिल मांगे नो मोर" का उपयोग कॉपीराइट अधिनियम, 1956 की धारा 29(1) के अनुसार उल्लंघन नहीं है।
    • न्यायालय ने कहा कि भारत में तुलनात्मक विज्ञापनों की अनुमति है और वाक्यांशों का ऐसा प्रयोग कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं है।
  • न्यायालय ने आगे कहा कि प्रतिवादी द्वारा विज्ञापन में रोलर कोस्टर का उपयोग कॉपीराइट अधिनियम, 1956 की धारा 14 के अंतर्गत आएगा।

निष्कर्ष:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अधिनियमों के प्रावधानों का उल्लेख करने के उपरांत निष्कर्ष निकाला कि प्रतिवादी ने याचिकाकर्त्ता के उत्पाद को अपमानित कर उस की प्रतिष्ठा को हानि पहुँचाई है तथा यह भी माना कि ट्रेडमार्क ‘ग्लोब डिवाइस’ और “ये दिल मांगे मोर” कॉपीराइट योग्य हैं, परंतु कॉपीराइट अधिनियम, 1956 की धारा 29 (1) के अनुसार यह उल्लंघन नहीं है।