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सिविल कानून

बंसवाराज एवं अन्य बनाम विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी (2013)

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 21-Nov-2024

परिचय

  • यह विलंब क्षमा के लिये आवेदन से संबंधित एक ऐतिहासिक निर्णय है।
  • यह निर्णय न्यायमूर्ति डॉ. बी.एस. चौहान और न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे ने दिया।

तथ्य

  • अपीलकर्त्ताओं की भूमि भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 (LAA) की धारा 4 (1) के तहत अधिसूचना के अनुसरण में अधिग्रहित की गई थी।
  • अधिनियम के तहत औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद भूमि का बाज़ार मूल्य तय करते हुए एक पंचाट पारित किया गया।
  • उपरोक्त से व्यथित होकर अपीलकर्त्ताओं ने विलंब के लिये क्षमा आवेदन के साथ अधिनियम की धारा 54 के तहत उच्च न्यायालय में अपील दायर की।
  • उच्च न्यायालय द्वारा विलंब क्षमा हेतु आवेदन खारिज कर दिया।
  • इसलिये, वर्तमान अपील दायर की गई है।

शामिल मुद्दा

  • क्या विलंब क्षमा हेतु आवेदन को स्वीकार किया जाना चाहिये था?

टिप्पणी

  • यह ध्यान देने योग्य है कि यह स्वीकार किया गया है कि अधिनियम की धारा 54 के तहत अपील दायर करने में साढ़े 5 वर्ष का विलंब हुआ था।
  • विलंब के लिये यह स्पष्टीकरण दिया गया कि अपीलकर्त्ता बीमार हो गए थे।
  • न्यायालय ने कहा कि परिसीमा अधिनियम का उद्देश्य सार्वजनिक नीति पर आधारित है तथा इसका उद्देश्य समुदाय में शांति लाना है।
  • विलंब क्षमा करने के लिये दर्शाए जाने वाले "पर्याप्त कारण" शब्द के संबंध में निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार किया गया:
    • यह सुनिश्चित करने के लिये कि पर्याप्त न्याय हो, "पर्याप्त कारण" की अभिव्यक्ति को उदार व्याख्या दी जानी चाहिये।
    • "पर्याप्त कारण" वह कारण है जिसके लिये प्रतिवादी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
    • इसके अलावा, "पर्याप्त कारण" का अर्थ है कि पक्षकार को लापरवाही से कार्य नहीं करना चाहिये था या मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनज़र उसकी ओर से सद्भावना की कमी थी या यह आरोप नहीं लगाया जा सकता कि पक्षकार ने "उचित तरीके से कार्य नहीं किया" या "निष्क्रिय रहा"।
  • इस प्रकार, इस मुद्दे पर कानून का सारांश न्यायालय द्वारा इस प्रकार दिया गया:
    • जहाँ आवेदक ने मामले को समय-सीमा के बाहर प्रस्तुत किया है, वहाँ आवेदक को न्यायालय को यह बताना होगा कि "पर्याप्त कारण" क्या था, जिसका अर्थ है कि पर्याप्त कारण जिसने उसे समय-सीमा के भीतर न्यायालय में आने से रोका।
    • किसी भी न्यायालय को किसी भी शर्त को लागू करके इस तरह के अत्यधिक विलंब को माफ करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता।
    • यदि वादी को समय पर न्यायालय पहुँचने से रोकने के लिये कोई पर्याप्त कारण नहीं दिखाया गया हो तो विलंब को क्षमा नहीं किया जाना चाहिये।
  • इस प्रकार, वर्तमान मामले में न्यायालय ने विलंब क्षमा हेतु आवेदन स्वीकार नहीं किया।

निष्कर्ष

  • विलंब की क्षमा के लिये आवेदन केवल उन मामलों में स्वीकार किया जाएगा जहाँ पर्याप्त कारण दर्शाया गया हो।
  • यदि पक्षकार पर्याप्त कारण बताने में असमर्थ है तो विलंब क्षमा हेतु आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।

[मूल निर्णय]