Drishti IAS द्वारा संचालित Drishti Judiciary में आपका स्वागत है










होम / अपकृत्य विधि

सिविल कानून

डोनाॅग बनाम स्टीवेंसन (1932)

    «
 05-Sep-2024

परिचय

यह एक ऐतिहासिक निर्णय है, जिसमें उपेक्षा के सिद्धांतों को निर्धारित किया गया है।

  • यह निर्णय 5 न्यायाधीशों- लॉर्ड मैकमिलन, लॉर्ड एटकिन, लॉर्ड बकमास्टर, लॉर्ड टॉमलिन, लॉर्ड थैंकर्टन द्वारा दिया गया।
  • यह निर्णय 3:2 बहुमत से दिया गया।

तथ्य

  • अगस्त 1928 की शाम को अपीलकर्त्ता एवं उसकी सहेली पैस्ले में स्थित एक कैफे में गईं, जहाँ उनकी सहेली ने आइसक्रीम एवं जिंजर बीयर की एक बोतल मंगवाई।
  • दुकानदार ने वही दिया, जिंजर बीयर की बोतल खोली तथा उसमें मौजूद सामग्री को एक गिलास में रखी आइसक्रीम पर डाल दिया।
  • अपीलकर्त्ता ने इसे पी लिया तथा जब उसकी सहेली बोतल की बची हुई सामग्री गिलास में डाल रही थी, तो उसने पाया कि जिंजर बीयर के साथ एक सड़ा हुआ घोंघा भी तैर रहा था।
  • बोतल को अपारदर्शी काँच में रखा गया था, इसलिये निरीक्षण से उसमें मौजूद सामग्री की स्थिति का पता नहीं लगाया जा सका।
  • अपीलकर्त्ता का मामला यह था कि वह बीमार हो गई थी, क्योंकि उसने पहले ही जिंजर बीयर का एक हिस्सा पी लिया था।
  • इस प्रकार, निर्माताओं के विरुद्ध उपेक्षा का वाद संस्थित किया गया।

शामिल मुद्दे

  • क्या जिंजर बियर का निर्माता उपेक्षा के अपराध के लिये उत्तरदायी होगा?

टिप्पणी

  • लॉर्ड एटकिन, लॉर्ड मैकमिलन एवं लॉर्ड थैंकर्टन ने बहुमत से निर्णय दिया तथा इस मामले में निर्माता को उपेक्षा के लिये उत्तरदायी माना।
  • लॉर्ड एटकिन ने सबसे पहले यह निर्धारित किया कि विधि के अंतर्गत, एक पक्ष का दायित्व पड़ोसी को चोट न पहुँचाना है। न्यायालय ने जिस प्रश्न का उत्तर दिया वह यह था कि पड़ोसी कौन है?
    • वे व्यक्ति जो पक्षकार के कृत्य से बहुत करीब से और सीधे प्रभावित होते हैं तथा पक्षकार के उचित चिंतन से प्रभावित होने चाहिये। लॉर्ड एशर ने ले लिवर बनाम गोल्ड (1893) के मामले में कहा कि "एक व्यक्ति दूसरे के प्रति कर्त्तव्य निर्वहन कर सकता है, भले ही उनके मध्य कोई संविदा न हो।
    • यदि एक व्यक्ति दूसरे के निकट है या दूसरे की संपत्ति के निकट है, तो उसका कर्त्तव्य है कि वह ऐसा कुछ न करे जिससे उस दूसरे व्यक्ति को व्यक्तिगत चोट पहुँचे या उसकी संपत्ति को क्षति पहुँचे।"
    • इस प्रकार देखभाल का कर्त्तव्य तब उत्पन्न होता है जब निकटता होती है, हालाँकि निकटता को भौतिक निकटता तक सीमित नहीं किया जाना चाहिये।
    • निकटता ऐसे करीबी एवं प्रत्यक्ष संबंधों तक विस्तृत है कि शिकायती कार्यवाही सीधे उस व्यक्ति को प्रभावित करती है जिसके विषय में कहा जाता है कि वह व्यक्ति जो देखभाल करने के लिये बाध्य है, वह जानता है कि उसके द्वारा की गई उपेक्षा से सीधे प्रभावित होगा।
  • लॉर्ड मैकमिलन ने कहा कि जो व्यक्ति लाभ के लिये खाद्य एवं पेय पदार्थों के विनिर्माण के व्यवसाय में संलग्न है, जिसका उद्देश्य जनता के सदस्यों द्वारा उपभोग के लिये है, जिस रूप में वह उन्हें जारी करता है उसका कर्त्तव्य है कि वह इन वस्तुओं के विनिर्माण में सावधानी बरते।
  • व्यक्ति का उन लोगों के प्रति कर्त्तव्य है, जिन्हें वह अपने उत्पादों का उपभोग कराना चाहता है।
  • न्यायालय ने कहा कि इस प्रकार उत्पन्न होने वाली क्षति की संभावना किसी भी तरह से इतनी दूर नहीं लगती कि उसे इसका पूर्वानुमान लगाने से छूट मिल जाए।
  • इस प्रकार, न्यायालय ने 3:2 बहुमत से माना कि अपीलकर्त्ता को उत्तरदायी ठहराया जाना चाहिये।

निष्कर्ष

  • इस मामले को "बोतल में घोंघा" मामले के रूप में भी जाना जाता है।
  • न्यायालय ने माना कि माल के निर्माता का माल के उपभोक्ता के प्रति देखभाल का कर्त्तव्य है।