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दिल्ली
दिल्ली न्यायिक सेवा
« »18-Aug-2023
परिचय
दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सिविल जज/व्यवहार न्यायाधीशों की भर्ती हेतु हर साल दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा आयोजित की जाती है।
दिल्ली न्यायिक सेवा की मुख्य विशेषताएँ
परीक्षा का नाम |
दिल्ली न्यायिक सेवाएँ (Delhi Judicial Services) |
आयोजक निकाय |
दिल्ली उच्च न्यायालय |
परीक्षा चरण |
प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार |
सामान्य अर्हता
- परीक्षा देने वाला व्यक्ति भारत का नागरिक हो
- पात्र अभ्यर्थियों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/संस्थान द्वारा प्रदत्त विधि स्नातक की डिग्री होनी चाहिये।
- यह अनिवार्य है कि अभ्यर्थी भारत में एक वकील के रूप में अभ्यास/प्रैक्टिस कर रहा हो या अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के तहत एक वकील के रूप में नामांकित होने की योग्यता रखता हो।
- आधिकारिक परीक्षा अधिसूचना में उल्लिखित विशिष्ट तिथि के अनुसार, अभ्यर्थी की आयु 32 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये।
- परीक्षा आयोजक ने विभिन्न वर्गों के संबंध में निम्नलिखित प्रकार से आयु में छूट प्रदान की है:
वर्ग |
अधिकतम आयु सीमा में छूट |
ओबीसी/एससी/एसटी वर्ग के आवेदक |
5 वर्ष |
PWD/पूर्व सैनिक श्रेणी के आवेदक |
5 वर्ष |
दृश्य या श्रवण हानि का सामना करने वाले आवेदक |
10 वर्ष |
प्रारंभिक परीक्षा
परीक्षा का तरीका |
वस्तुनिष्ठ |
परीक्षा का माध्यम (Mode) |
ऑफलाइन (पेन और पेपर आधारित) |
प्रश्नों की संख्या |
200 |
नकारात्मक अंकन |
प्रत्येक गलत उत्तर के लिये 0.25 अंक काटे जाएंगे |
प्रारंभिक परीक्षा अर्हक प्रकृति की एक स्क्रीनिंग परीक्षा होगी और इसमें अधिकतम 200 अंकों के बहुविकल्पीय प्रश्नों का एक प्रश्नपत्र शामिल होगा।
प्रारंभिक परीक्षा में 60% से अधिक अंक (आरक्षित श्रेणियों के लिये 55%) प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को ही मुख्य परीक्षा के लिये शॉर्टलिस्ट किया जाएगा।
प्रारंभिक परीक्षा में, अभ्यर्थी के सामान्य विधिक ज्ञान एवं योग्यता, अभिव्यक्ति क्षमता, अंग्रेज़ी में निपुणता, वस्तुनिष्ठ प्रकार की कानूनी समस्याओं का ज्ञान और नीचे उल्लिखित पाठ्यक्रम के आधार पर उनके समाधान का परीक्षण करने के लिए प्रश्न तैयार किए जाते हैं:
- अभिक्षमता (Aptitude)
- सामान्य ज्ञान
- अंग्रेज़ी
- भारत का संविधान, 1950
- सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908
- आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973
- भारतीय दंड संहिता, 1860
- भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872
- माध्यस्थम् और सुलह अधिनियम, 1996
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872
- विशिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963
- परिसीमा अधिनियम, 1963
- सीमित दायित्व भागीदारी अधिनियम, 2008
- लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012
- वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015
मुख्य परीक्षा
प्रश्नपत्र - I |
सामान्य ज्ञान और भाषा |
● करेंट अफेयर्स ● सामान्य ज्ञान ● निबंध ● अनुवाद ● सटीक लेखन (Precise Writing) उम्मीदवार को अंग्रेज़ी से हिंदी और हिंदी से अंग्रेज़ी में अनुवाद करने के लिए दो अनुच्छेद दिए जाएंगे। |
250 अंक |
प्रश्नपत्र - II |
सिविल कानून I |
● भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 ● माल विक्रय अधिनियम, 1930 ● संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 ● विशिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963 ● हिंदू विधि ● मुस्लिम विधि ● दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम, 1958 ● अपकृत्य विधि ● नई दिल्ली नगर पालिका परिषद अधिनियम, 1994 ● दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 ● वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015 |
200 अंक |
प्रश्नपत्र III |
सिविल कानून II |
● सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 ● भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 ● परिसीमा अधिनियम, 1963 ● पंजीकरण अधिनियम, 1908 ● माध्यस्थम् और सुलह अधिनियम, 1996 ● व्यापार चिह्न अधिनियम, 1999 ● प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम, 1957 |
200 अंक |
पेपर IV |
आपराधिक कानून |
● आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 ● भारतीय दंड संहिता ● भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 ● घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 ● परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 ● कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 ● किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 |
200 अंक |
साक्षात्कार
- मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवार साक्षात्कार चरण के लिये पात्र होंगे। इंटरव्यू 150 अंकों का होगा।
- केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को मौखिक परीक्षा हेतु बुलाया जाएगा जिन्होंने लिखित परीक्षा के प्रत्येक प्रश्नपत्र में न्यूनतम 40% अंक और कुल (सामान्य श्रेणी) में 50% अंक प्राप्त किये हों।
- एससी/एसटी/पीडब्ल्यूडी श्रेणी के लिये न्यूनतम योग्यता प्रतिशत 35% है। यदि आप आरक्षित वर्ग से हैं, तो अंतिम चयन हेतु पात्र होने के लिये आपको कम-से-कम 45% अंक प्राप्त करने होंगे।
- अंतिम योग्यता सूची के लिये कुल योग की गणना करते समय मुख्य परीक्षा तथा मौखिक परीक्षा में प्राप्त अंकों को जोड़ा जाएगा।