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मध्य प्रदेश
मध्यप्रदेश न्यायिक सेवा सिविल न्यायाधीश परीक्षा
« »18-Aug-2023
परिचय
मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल न्यायाधीश परीक्षा का आयोजन मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा किया किया जाता है। वे सिविल जज ग्रेड II के पदों पर भर्ती करते हैं।
मध्यप्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा
परीक्षा आयोजक निकाय |
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय |
आधिकारिक वेबसाइट |
mphc.gov.in |
परीक्षा के चरण |
प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार |
अर्हता मानदंड
- आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिये।
- यह अनिवार्य है कि आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि पर आवेदक ने कम-से-कम 3 वर्षों तक वकील के रूप में लगातार प्रैक्टिस की हो, या,
- विशिष्ट शैक्षणिक कॅरियर वाले असाधारण विधि स्नातकों पर भी विचार किया जा सकता है।
- अर्हता प्राप्त करने के लिये, आपको पहले प्रयास में सभी परीक्षाएँ उत्तीर्ण करनी होंगी और सामान्य और ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों को न्यूनतम 70% अंक प्राप्त करने होंगे।
- एससी और एसटी श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिये विधि की उपाधि/डिग्री के 3 से 5 वर्षों के समय के दौरान न्यूनतम 50% कुल अंक प्राप्त करना आवश्यक है।
- आप मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा 2023 हेतु तभी अर्ह हैं जब आप परीक्षा आयोजित कराने वाले निकाय द्वारा निर्धारित आयु सीमा मानदंडों को पूरा करते हैं। अन्यथा आपकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी।
- आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, आवेदन हेतु न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष तथा अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष है।
- यद्यपि सरकारी मानदंड के अनुसार कुछ श्रेणियों को आयु में छूट दी गई है।
श्रेणी/वर्ग |
आयु सीमा में छूट |
अनुसूचित जाति (SC) |
3 वर्ष |
अनुसूचित जनजाति (ST) |
3 वर्ष |
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) |
3 वर्ष |
मप्र के स्थायी/अस्थायी कर्मचारी |
3 वर्ष |
मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा चयन प्रक्रिया
- मध्य प्रदेश न्यायपालिका चयन प्रक्रिया निम्नलिखित प्रक्रिया में की जाती है:
- प्रारंभिक परीक्षा: प्रारंभिक परीक्षा मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा भर्ती का महत्त्वपूर्ण चरण है जहाँ उम्मीदवारों को ऑनलाइन परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया जाता। प्रारंभिक परीक्षा में 150 वस्तुनिष्ठ प्रश्न होते हैं जो 150 अंकों के होते हैं। कट ऑफ से अधिक स्कोर करने वाले उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
- मुख्य परीक्षा: यह मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा भर्ती प्रक्रिया का दूसरा चरण है। मुख्य परीक्षा उम्मीदवारों के परीक्षण की एक वर्णनात्मक पद्धति है। इसमें 4 खंड शामिल हैं जो कुल 400 अंकों के होंगे। इस खंड में कट-ऑफ अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार साक्षात्कार प्रक्रिया हेतु पात्र होंगे।
- साक्षात्कार: साक्षात्कार चरण में, उम्मीदवार के सामान्य ज्ञान, कानून के मानकों और उपयुक्तता का मूल्यांकन किया जाएगा। साक्षात्कारकर्त्ता उम्मीदवारों से विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछेंगे। इंटरव्यू चरण अधिकतम 50 अंकों के लिये आयोजित किया जाएगा। अंतिम चयन के लिये केवल मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में प्राप्त अंकों पर विचार किया जाएगा।
पाठ्यक्रम
प्रारंभिक परीक्षा (भाग- 1):
विषय (नवीनतम संशोधनों व अद्यतन जानकारी के साथ) |
कुल प्रश्न |
भारत का संविधान |
10 |
सिविल प्रक्रिया संहिता |
15 |
संपत्ति अंतरण अधिनियम |
7 |
भारतीय संविदा अधिनियम |
8 |
विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम |
6 |
परिसीमा अधिनियम |
4 |
म.प्र. स्थान नियंत्रण अधिनियम |
5 |
म.प्र. भू-राजस्व संहिता |
5 |
भारतीय साक्ष्य अधिनियम |
15 |
भारतीय दंड संहिता |
15 |
दंड प्रक्रिया संहिता |
15 |
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट |
5 |
प्रारंभिक परीक्षा (भाग- 2)
विषय |
कुल प्रश्न |
सामान्य ज्ञान |
20 |
कंप्यूटर ज्ञान |
10 |
अंग्रेज़ी ज्ञान |
10 |
मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम
मुख्य परीक्षा में चार प्रश्नपत्र होते हैं तथा प्रत्येक प्रश्नपत्र 100 अंक का होता है। इस प्रकार मुख्य परीक्षा कुल 400 अंकों की होती है। प्रत्येक प्रश्नपत्र हेतु परीक्षा की समय अवधि 3 घंटे है।
प्रथम प्रश्न पत्र |
● भारत का संविधान, 1950 ● सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 ● संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1963 ● भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 ● विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963 (अध्याय I, II और VI से VIII) ● परिसीमा अधिनियिम, 1963 (भाग II और III) |
द्वितीय प्रश्न पत्र |
● लेख सामाजिक विषय पर - 30 अंक ● लेख विधिक विषय पर - 20 अंक ● संक्षिप्तिकरण लेखन - 20 अंक ● हिंदी से अंग्रेज़ी में अनुवाद - 15 अंक ● अंग्रेज़ी से हिंदी में अनुवाद - 15 अंक |
तृतीय प्रश्न पत्र |
● मध्य प्रदेश स्थान नियंत्रण अधिनियम, 1961 ● मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 ● भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 ● भारतीय दंड संहिता, 1860 ● दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 ● नेगोशिएबुल इंस्ट्रूमेंटस एक्ट, 1881 (धारा 138 से धारा 147 तक) |
चतुर्थ प्रश्न पत्र |
● विवादों का स्थिरीकरण - 10 अंक ● आरोपों की विरचना - 10 अंक ● निर्णय/आदेश (सिविल) लेखन (CJ-II) - 40 अंक ● निर्णय/आदेश (दांडिक) लेखन (JMFC) - 15 अंक ● अंग्रेज़ी से हिंदी में अनुवाद - 15 अंक |
नोट:
मुख्य परीक्षा में सभी चार प्रश्न पत्रों में मिलाकर अनारक्षित वर्ग एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को न्यूनतम 50% अंक तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आवेदकों को न्यूनतम 45% अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
मुख्य परीक्षा में सम्मिलित आवेदकों में से उक्तानुसार न्यूनतम अंक प्राप्त करने वालों में से श्रेणीवार विज्ञप्तित पदों की संख्या के अधिकतम 3 गुना (जो कम हो सकती है) मेरिट में एवं समान अंक प्राप्त आवेदक को शामिल करते हुए साक्षात्कार में सम्मिलित होने के लिये चयनित किये जायेंगे।
साक्षात्कार
साक्षात्कार मध्यप्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा चयन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। मुख्य परीक्षा में सफल परीक्षार्थियों को अनुक्रमांक के क्रम से साक्षात्कार हेतु बुलाया जाता है। साक्षात्कार के लिये 50 अंक निर्धारित हैं। परीक्षार्थियों को अंतिम रूप से चयनित होने के लिये साक्षात्कार में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक अर्थात् 20 अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। अंतिम चयन मुख्य लिखित परीक्षा में प्राप्तांक एवं साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के कुल योग के आधार पर मेरिट से किया जाएगा।