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सांविधानिक विधि
वित्त आयोग
« »02-Jan-2024
परिचय:
भारत के संविधान, 1950 (COI) का अनुच्छेद 280 एक वित्त आयोग के गठन का प्रावधान करता है जो एक अर्द्ध-न्यायिक निकाय है। इसका गठन भारत के राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
वित्त आयोग:
अनुच्छेद 280 (1) में कहा गया है कि राष्ट्रपति इस संविधान के प्रारंभ से दो वर्ष के भीतर और तत्पश्चात प्रत्येक पाँच वें वर्ष की समाप्ति पर या ऐसे पूर्व तर समय पर, जिसे राष्ट्रपति आवश्यक समझता है, आदेश द्वारा, वित्त आयोग का गठन करेगा जो राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किये जाने वाले एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्यों से मिलकर बनेगा ।
वित्त आयोग की संरचना:
- अनुच्छेद 280 (2) में कहा गया है कि संसद विधि द्वारा, उन अर्हताओं का, जो आयोग के सदस्यों के रूप में नियुक्ति के लिये अपेक्षित होंगी और उस रीति का, जिससे उनका चयन किया जाएगा, अवधारण कर सकेगी ।
- वित्त आयोग में एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्य होते हैं जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- वे उस अवधि के लिये सेवा करते हैं जो राष्ट्रपति अपने आदेश में निर्दिष्ट करता है तथा वे पुनर्नियुक्ति हेतु पात्र होते हैं।
- अध्यक्ष को सार्वजनिक मामलों में अनुभव रखने वाला व्यक्ति होना चाहिये और चार अन्य सदस्यों को निम्नलिखित आधारों पर चुना जाना चाहिये:
- एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश या उस पद हेतु नियुक्त होने योग्य।
- एक व्यक्ति जिसके पास सरकार के वित्त और लेखाओं का विशेष ज्ञान हो।
- एक व्यक्ति जिसे वित्तीय मामलों में और प्रशासन में व्यापक अनुभव हो।
- एक व्यक्ति जिसे अर्थशास्त्र का विशेष ज्ञान हो।
वित्त आयोग के कार्य:
अनुच्छेद 280 (3) में कहा गया है कि राष्ट्रपति को सिफारिशें करने के लिये आयोग का कर्त्तव्य होगा-
(a) संघ और राज्यों के बीच करों के शुद्ध आगमों के, जो इस अध्याय के अधीन उनमें विभाजित किये जाने हैं या किये जाएँ, वितरण के बारे में और राज्यों के बीच ऐसे आगमों के तत्संबंधी भाग के आबंटन के बारे में।
(b) भारत की संचित निधि में से राज्यों के राजस्व में सहायता अनुदान को शासित करने वाले सिद्धांतों के बारे में।
(b) राज्य के वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर राज्य में पंचायतों के संसाधनों की अनुपूर्ति के लिये किसी राज्य की संचित निधि के संवर्धन के लिये आवश्यक अध्युपायों के बारे में।
(c) राज्य के वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर राज्य में नगरपालिकाओं के संसाधनों की अनुपूर्ति के लिये किसी राज्य की संचित निधि के संवर्धन के लिये आवश्यक अध्युपायों के बारे में।
(d) सुदृढ़ वित्त के हित में राष्ट्रपति द्वारा आयोग को निर्दिष्ट किये गए किसी अन्य विषय के बारे में, राष्ट्रपति को सिफारिश करे।