संविदा का सार के रूप में समय का महत्त्व
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संविदा का सार के रूप में समय का महत्त्व

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 23-Aug-2024

परिचय:

भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 (ICA) के अध्याय IV में संविदा के निष्पादन के संबंध में प्रावधान हैं, जो इस प्रावधान पर आधारित हैं कि समय संविदा का सार है।

  • जहाँ समय सार है, वहाँ संविदा के निष्पादन एवं गैर-निष्पादन के प्रभाव को अध्याय IV के अंतर्गत पारस्परिक वचनों (ICA की धारा 51 से धारा 58) के अंतर्गत संक्षेप में समझाया गया है।

एक संविदा में "समय ही सार है" का क्या अर्थ है?

  • 'समय ही सार है' संविदा विधि में एक उल्लेखनीय सिद्धांत है जो उन स्थितियों पर ज़ोर देता है जहाँ एक संविदा विफल हो सकता है यदि पक्षकारों ने आशय व्यक्त किया है कि प्रदर्शन एक विशिष्ट समय पर या उससे पहले होना चाहिये, लेकिन उस समय-सीमा को पूरा नहीं किया जाता है।
  • यह पक्षकारों पर एक संविदा में निर्धारित समय के आधार पर अपने उत्तरदायित्त्वों को पूर्ण करने का दायित्व अध्यारोपित करता है।

ऐसे संविदा से संबंधित प्रावधान क्या है, जहाँ समय ही सार है?

  • ICA की धारा 55 को तीन भागों में विभाजित किया गया है-
    • ऐसे संविदा में, जिसमें समय अनिवार्य है, निश्चित समय पर निष्पादन न करने का प्रभाव:
      • जब पक्षकार किसी निश्चित समय पर या किसी निश्चित समय से पहले कुछ निश्चित कार्य या कार्य करने का संविदा करते हैं तथा वचनदाता ऐसा करने में विफल रहता है।
      • यदि समय संविदा का सार है तो वचनदाता संविदा को निरस्त कर सकता है।
    • जब समय महत्त्वपूर्ण न हो तो ऐसी विफलता का प्रभाव:
      • जब समय संविदा का सार नहीं होता है तो वचनबद्धता के पास संविदा को निरस्त करने का विकल्प नहीं होगा।
      • हालाँकि वचनबद्धता के कारण यदि वचनबद्धता को कोई हानि होती है तो वचनबद्धता क्षतिपूर्ति पाने की अधिकारी होगी।
    • सहमत समय के अतिरिक्त अन्य समय पर निष्पादन की स्वीकृति का प्रभाव:
      • जब वचनग्रहीता, संविदा के निष्पादन को सहमत समय के अतिरिक्त किसी अन्य समय पर स्वीकार करता है, तो वह प्रतिकर पाने का अधिकारी नहीं होगा।
      • जब तक कि उसने वचनदाता को ऐसे निष्पादन को स्वीकार करने के अपने आशय से अवगत नहीं करा दिया हो।

वे कौन-से संविदा हैं, जिनमें समय ही सार है?

  • व्यावसायिक संविदा
  • निर्माण संविदा
  • बिक्री लेन-देन
  • भूमि एवं संपत्ति का सौदा
  • भूखंडों का आवंटन
  • नवीनीकरण अधिकार
  • हवाई जहाज़ से परिवहन
  • शेयरों की बिक्री

पक्षों की मंशा का क्या महत्त्व है?

  • “समय सार है”, से संबंधित खंड का उल्लेख मात्र करना संविदा नहीं माना जाएगा, जहाँ समय ही सार है।
  • पक्षकारों के आशय को समझने के लिये संपत्ति, संविदा, संविदा की अन्य शर्तों तथा आस-पास की परिस्थितियों की प्रकृति का निर्धारण किया जाना चाहिये।
  • संविदा में समय सार है या नहीं, यह सिद्ध करने का भार उस पक्ष पर है जो इसका दावा कर रहा है।

“समय संविदा का सार है” से संबंधित ऐतिहासिक निर्णय क्या हैं?

  • भद्र चंद बनाम बेट्स (1915): इस मामले में प्रतिवादी ने संविदा के निष्पादन के लिये समय बढ़ाने का अनुरोध किया तथा समय बढ़ाने के बाद भी वह अपना वचन पूरा करने में विफल रहा। न्यायालय ने माना कि वादी इस मामले में क्षतिपूर्ति का अधिकारी है, क्योंकि समय ही सार है क्योंकि प्रतिवादी ने समय बढ़ाने का अनुरोध नहीं किया होता यदि यह एक ऐसा संविदा नहीं होता जिसे निर्धारित समय में निष्पादित किया जाना आवश्यक होता।
  • मैकडरमॉट इंटरनेशनल इंक बनाम बर्न स्टैंडर्ड कंपनी लिमिटेड (2006): इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने माना कि निर्माण संविदाओं में जब विशेष विशेषताएँ व्याप्त हों तो काम पूरा करने के लिये समय का महत्त्व होता है।
  • कोचप्पु बनाम सोमसुंदरम चेट्टियार (1991): इस मामले में यह माना गया कि अचल संपत्ति बेचने के लिये किये गए समझौते में जहाँ कुछ शर्तों को निर्धारित समय के अंदर पूरा करना होता है, तो ऐसे संविदाओं में समय का महत्त्व होता है।
  • वेल्स्पन स्पेशियलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड बनाम ONGC (2022): इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने माना कि केवल यह खंड उल्लेख कर देने से कि समय एक सार है, यह नहीं माना जा सकता कि संविदा का सार समय है।
    • ऐसे संविदा पर विचार करने से पहले कुछ मानदंड निर्धारित किये जाने चाहिये जहाँ समय महत्त्वपूर्ण है:
      • संपत्ति की प्रकृति
      • संविदा की प्रकृति
      • संविदा की अन्य शर्तें और आस-पास की परिस्थितियाँ
      • पक्षों का आशय

निष्कर्ष

ऐसे संविदाओं में जहाँ समय बहुत महत्त्वपूर्ण है, पक्षों की मंशा अधिक महत्त्वपूर्ण होती है। यह अपेक्षा की जाती है कि कोई भी पक्ष निर्धारित समय पर अपने दायित्त्व का पालन करेगा। यदि कोई भी पक्ष ऐसा करने में विफल रहता है, तो प्रभाव का निर्धारण ICA की धारा 55 के आधार पर किया जाएगा।