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आपराधिक कानून
चुराई हुई संपत्ति प्राप्त करना
« »28-Feb-2024
परिचय
संपत्ति चोरी, उद्दापन या लूट या किसी अन्य तरीके से चुराई जा सकती है। ऐसी संपत्ति प्राप्त करना जिसके बारे में कोई व्यक्ति जानता हो कि वह चुराई हुई है, अपराध है। भारतीय दण्ड संहिता, 1860 (IPC) की धारा 410 से 414 में चुराई हुई संपत्ति प्राप्त करने के संबंध में प्रावधान हैं।
IPC की धारा 410
- यह धारा चुराई हुई संपत्ति का वर्णन करती है।
- इसमें कहा गया है कि वह संपत्ति, जिसका कब्ज़ा चोरी द्वारा या उद्दापन द्वारा या लूट द्वारा अंतरित किया गया है और वह संपत्ति, जिसका आपराधिक दुर्विनियोग किया गया है या जिसके बारे में आपराधिक न्यासभंग किया गया है, “चुराई हुई संपत्ति” कहलाती है, चाहे वह अंतरण या वह दुर्विनियोग या न्यासभंग भारत के भीतर किया गया हो या बाहर।
- किंतु यदि ऐसी संपत्ति तत्पश्चात् ऐसे व्यक्ति के कब्ज़े में पहुँच जाती है, जो उसके कब्ज़े के लिये वैध रूप से हकदार है, तो वह चुराई हुई संपत्ति नहीं रह जाती।
- संपत्ति की चोरी निम्नलिखित तरीकों से की जानी चाहिये:
- चोरी
- उद्दापन
- लूट
- आपराधिक दुर्विनियोग
- आपराधिक न्यासभंग
IPC की धारा 411
- यह धारा चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करने से संबंधित है।
- इसमें कहा गया है कि जो कोई किसी चुराई हुई संपत्ति को, यह जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखते हुए कि वह चुराई हुई संपत्ति है, बेईमानी से प्राप्त करेगा या रखेगा, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी या ज़ुर्माने से या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
- निम्नलिखित संघटक हैं जिन्हें अभियुक्त के अपराध को साबित करने के लिये स्थापित करने की आवश्यकता है:
- चुराई हुई संपत्ति पर अभियुक्त का कब्ज़ा था।
- अभियुक्त को संपत्ति पर कब्ज़ा मिलने से पहले, संपत्ति किसी और व्यक्ति के कब्ज़े में थी।
- अभियुक्त के पास यह विश्वास करने का ज्ञान और कारण था कि संपत्ति चुराई हुई थी।
- अभियुक्त का आशय मालिक को उसकी संपत्ति को अपने पास रखकर या किसी अन्य पक्ष को बेचकर उससे वंचित करने का था।
IPC की धारा 412
- यह धारा डकैती के दौरान चुराई गई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करने से संबंधित है।
- इसमें कहा गया है कि जो कोई ऐसी चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करेगा या रखे रखेगा, जिसके कब्ज़े के विषय में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह डकैती द्वारा अंतरित की गई है अथवा किसी ऐसे व्यक्ति से, जिसके संबंध में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह डाकुओं की टोली का है या रहा है, ऐसी संपत्ति, जिसके विषय में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई है, बेईमानी से प्राप्त करेगा, वह आजीवन कारावास से या कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और ज़ुर्माने से भी, दण्डनीय होगा।
- IPC की धारा 412 के तहत किसी व्यक्ति को उत्तरदायी बनाने के लिये निम्नलिखित संघटकों को संतुष्ट किया जाना चाहिये:
- संपत्ति चुराई हुई संपत्ति है।
- ऐसी संपत्ति का संबंध डकैती से था।
- अभियुक्त ने इसे बेईमानी से प्राप्त किया।
- अभियुक्त के पास यह विश्वास करने का ज्ञान या कारण था कि उक्त संपत्ति डकैती में चुराई गई थी।
IPC की धारा 413
- यह धारा चुराई हुई संपत्ति का अभ्यासत: व्यापार करने से संबंधित है।
- इसमें कहा गया है कि जो कोई ऐसी संपत्ति, जिसके संबंध में, वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई संपत्ति है, अभ्यासतः प्राप्त करेगा या अभ्यासतः उसमें व्यवहार करेगा, वह, आजीवन कारावास से या दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और ज़ुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
- IPC की धारा 413 के तहत किसी व्यक्ति को उत्तरदायी बनाने के लिये निम्नलिखित तत्त्व संतुष्ट होंगे:
- विचाराधीन संपत्ति चुराई हुई संपत्ति है।
- अभियुक्त ने वह संपत्ति प्राप्त की।
- अभियुक्त अभ्यासत: ऐसी संपत्ति का व्यापार करता है।
- व्यक्ति ने ऐसा ज्ञान या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए किया कि संपत्ति चुराई हुई संपत्ति थी।
IPC की धारा 414
- यह धारा चुराई हुई संपत्ति को छिपाने में सहायता करने से संबंधित है।
- इसमें कहा गया है कि जो कोई संपत्ति को छिपाने में या व्ययनित करने में या इधर-उधर करने में स्वेच्छया सहायता करेगा, जिसके विषय में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई संपत्ति है, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी या ज़ुर्माने से या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
- IPC की धारा 414 के तहत किसी व्यक्ति को उत्तरदायी बनाने से पहले निम्नलिखित संघटकों को संतुष्ट करना आवश्यक है:
- विचाराधीन संपत्ति चुराई हुई संपत्ति है।
- अभियुक्त के पास यह विश्वास करने का ज्ञान या कारण था कि उक्त संपत्ति डकैती में चुराई गई थी।
- अभियुक्त ने स्वेच्छा से ऐसी संपत्ति को छिपाने या निपटाने या गायब करने में सहायता की।