होम / भारत का संविधान

सांविधानिक विधि

COI का अनुच्छेद 34

    «    »
 09-Feb-2024

परिचय:

सेना विधि का अर्थ सैन्य अधिकरणों द्वारा किसी देश या उसके हिस्से के सामान्य कानून और सरकार का निलंबन होता है। भारत के संविधान, 1950 (COI) के अनुच्छेद 34 में सेना विधि के संदर्भ में प्रावधान शामिल है।

सेना विधि (Martial Law) की उत्पत्ति:

  • भारत में सेना विधि की अवधारणा अंग्रेज़ी आम कानून से ली गई है।
  • संविधान में कहीं भी 'सेना विधि' शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है।
  • हालाँकि, यह COI के अनुच्छेद 34 में निहित है जिसके तहत भारत में किसी भी क्षेत्र में सेना विधि घोषित की जा सकती है।

COI का अनुच्छेद 34:

  • यह अनुच्छेद किसी भी क्षेत्र में सेना विधि लागू होने पर भाग III द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर प्रतिबंध से संबंधित है।
  • इसमें कहा गया है कि इस भाग के पूर्वगामी उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, संसद विधि द्वारा संघ या किसी राज्य की सेवा के किसी व्यक्ति की या किसी अन्य व्यक्ति की किसी ऐसे कार्य के संबंध में क्षतिपूर्ति कर सकेगी जो उसने भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर किसी ऐसे क्षेत्र में, जहाँ सेना विधि प्रवृत थी, व्यवस्था के बनाए रखने या पुनःस्थापन के संबंध में किया है या ऐसे क्षेत्र में सेना विधि के अधीन पारित दंडादेश, दिये गए दंड, आदिष्ट समपहरण या किये गए अन्य कार्य को विधिमान्य कर सकेगी|
  • यह अनुच्छेद संसद को सेना विधि के संचालन के दौरान किये गए कार्यों के लिये किसी भी व्यक्ति को क्षतिपूर्ति देने के लिये कोई भी कानून बनाने का अधिकार देता है।
  • इस धारा के तहत संसद की शक्ति निम्नलिखित दो शर्तों के अधीन है:
    • कृत्य व्यवस्था बनाए रखने या बहाल करने के संबंध में किया गया होगा।
    • जिस क्षेत्र में कृत्य किया गया था वहाँ सेना विधि लागू होनी चाहिये।

 सेना विधि की आवश्यक विशेषताएँ:

  • यह केवल मौलिक अधिकारों को प्रभावित करती है।
  • यह सरकार और सामान्य कानून न्यायालयों को निलंबित करती है।
  • यह किसी भी कारण से बिगड़ी कानून व्यवस्था को बहाल करने के लिये लगाई जाती है।
  • इसे केवल तीन आधारों- युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह होने पर लागू किया जा सकता है।
  • इसे देश के कुछ विशिष्ट क्षेत्र में लगाया जाता है।
  • सेना विधि के संचालन के दौरान, सैन्य अधिकारियों को सभी आवश्यक कदम उठाने की असामान्य शक्तियाँ प्राप्त होती हैं।
  • उच्चतम न्यायालय ने माना कि सेना विधि की घोषणा से तथ्यत: बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट का निलंबन नहीं होता है।

निर्णयज विधि:

  • ए.डी.एम. जबलपुर बनाम एस. शुक्ला (1976) मामले में, उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सेना विधि एक प्रतिबंधित अनुप्रयोग है और इसमें सैन्य अधिकारियों द्वारा स्थिति को संभालने की परिकल्पना की गई है। इस तरह का अधिग्रहण निश्चित रूप से COI के अनुच्छेद 359(1) के प्रावधान के बाहर है।