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सिविल कानून
संपत्ति के प्रकार
« »19-Feb-2024
परिचय
संपत्ति शब्द को संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 (TPA) में परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन इसका उपयोग इसके व्यापक और सबसे सामान्य अर्थ में किया गया है। संपत्ति हर प्रकार के हित या अधिकार, जिसका आर्थिक हित होता है, को दर्शाने वाला एक विधिक शब्द है।
- संपत्ति को मोटे तौर पर निम्नलिखित में वर्गीकृत किया गया है:
- जंगम संपत्ति
- स्थावर संपत्ति
स्थावर संपत्ति
- भारत में, स्थावर संपत्ति शब्द को TPA, साधारण खंड अधिनियम, 1897 और रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 में परिभाषित किया गया है।
- TPA की धारा 3 में कहा गया है कि स्थावर संपत्ति में खड़ा काष्ठ, फसल या घास उगाना शामिल नहीं होता है।
- साधारण खंड अधिनियम, 1897 की धारा 3(26) के अनुसार, स्थावर संपत्ति में भूमि, भूमि से उत्पन्न होने वाले लाभ और पृथ्वी से जुड़ी वस्तुएँ या स्थायी रूप से पृथ्वी से जुड़ी किसी भी वस्तु को शामिल किया जाएगा।
- रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 2(6) के अनुसार, स्थावर संपत्ति में भूमि, इमारतें, आनुवंशिक भत्ते, रास्ते के अधिकार, रोशनी, नौघाट, मछली पालन या भूमि से उत्पन्न होने वाला कोई अन्य लाभ और धरती से जुड़ी हुई वस्तुएँ या स्थायी रूप से पृथ्वी से जुड़ी किसी भी वस्तु, लेकिन खड़ा काष्ठ, फसलें या घास उगाना शामिल नहीं हैं।
- तीनों अधिनियमों में दी गई सभी परिभाषाओं को पढ़ने पर, स्थावर संपत्ति शब्द में निम्नलिखित शामिल होते हैं:
- भूमि- भूमि में पृथ्वी की सतह, सतह के ऊपरी स्थान का स्तंभ और सतह के नीचे की ज़मीन शामिल है। इस प्रकार, वे सभी वस्तुएँ जो अपनी प्राकृतिक अवस्था में सतह पर या उसके नीचे होती हैं, शामिल हैं तथा इसलिये, मानव एजेंसी द्वारा स्थायी विलय के आशय से रखी गई वस्तुएँ शामिल हैं।
- भूमि से उत्पन्न होने वाले लाभ- स्थावर संपत्ति से उत्पन्न होने वाले प्रत्येक लाभ और ऐसी संपत्ति में प्रत्येक हित को भी स्थावर संपत्ति माना जाता है। लाभ के उदाहरण मकान, दुकान और जागीर से किराया, कृषि से प्राप्त राजस्व आदि हैं।
- पृथ्वी से जुड़ी वस्तुएँ— इसका अर्थ तीन चीज़ें हैं—
- पृथ्वी में जड़ें जमाने वाली वस्तुएँ, उदाहरण के लिये– पेड़ और झाड़ियाँ।
- पृथ्वी में अंतर्निहित वस्तुएँ, उदाहरण के लिये– दीवारें और इमारतें आदि।
- किसी भी वस्तु के स्थायी लाभकारी उपभोग के लिये बांधी गई वस्तुएँ, उदाहरण के लिये– दरवाज़े, खिड़कियाँ, छत के पंखे, खूंटियाँ आदि।
- स्थावर संपत्ति में खड़ा काष्ठ, फसलें और घास उगाने के सिवाय, भूमि, भूमि से होने वाले लाभ तथा पृथ्वी से जुड़ी वस्तुएँ शामिल हैं।
स्थावर संपत्ति के उदाहरण
- मोचन कराने का अधिकार
- नौघाट का अधिकार
- बाग-भूमि में बाग धारक के अधिकार और हित
- पृथ्वी से अलग होने से पहले रास्ते और मृदा में जाने का अधिकार।
- सुखाचार का अधिकार
- जागीर आय का अधिकार
- धारा के जल का उपयोग करने का अधिकार
- एक फैक्टरी की इमारत और ज़मीन में लगी मशीनरी
जंगम संपत्ति
- जंगम संपत्ति शब्द को TPA में परिभाषित नहीं किया गया है।
- साधारण खंड अधिनियम, 1897 की धारा 3(36) के अनुसार, जंगम संपत्ति का अर्थ स्थावर संपत्ति को छोड़कर, हर प्रकार की संपत्ति से होगा;
जंगम संपत्ति के उदाहरण
- उपासना का अधिकार
- भूमि को अपने नाम पर रजिस्ट्रीकृत कराने का क्रेता का अधिकार।
- स्थावर संपत्ति की विक्रय के लिये डिक्री
- रॉयल्टी
- खड़ा काष्ठ
- फसलें उगाना
- घास
निर्णयज विधि:
- आनंद बेहरा बनाम उड़ीसा राज्य (1955) मामले में, यह माना गया कि व्यवसाय के उद्देश्य से भूमि में प्रवेश करने और मछली पकड़ने का अधिकार भी भूमि से उत्पन्न होने वाले लाभों के रूप में माना जाता है।
- शांता बाई बनाम बॉम्बे राज्य (1958) मामले में, उच्चतम न्यायालय ने माना कि दूसरे की भूमि पर प्रवेश करने और उपज का एक भाग ले जाने का अधिकार भूमि से उत्पन्न होने वाले लाभ का एक उदाहरण है तथा इसलिये स्थावर संपत्ति में अनुदान है।