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सिविल कानून
संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 107
« »03-Apr-2024
शीला बनाम अब्दुल गफूर "संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 107 के तहत रजिस्ट्रीकरण के अभाव में 12 माह से कम के पट्टा विलेख को खारिज़ नहीं किया जा सकता है।" न्यायमूर्ति अनिल के. नरेंद्रन और जी. गिरीश |
स्रोत: केरल उच्च न्यायालय
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, केरल उच्च न्यायालय ने शीला बनाम अब्दुल गफूर के मामले में माना है कि संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 (TPA) की धारा 107 के तहत रजिस्ट्रीकरण के अभाव में 12 माह से कम के पट्टा विलेख को खारिज़ नहीं किया जा सकता है।
शीला बनाम अब्दुल गफूर मामले की पृष्ठभूमि क्या थी?
- इस मामले में, प्रतिवादी (मकान मालिक) ने किराये के बकाया के आधार पर याचिकाकर्त्ता के विरुद्ध बेदखली की मांग की थी।
- याचिकाकर्त्ता (किरायेदार) ने विवाद में संपत्ति पर प्रतिवादी के स्वामित्व से इनकार करते हुए एक प्रारंभिक आपत्ति प्रस्तुत की थी जिसे किराया नियंत्रण अपीलीय प्राधिकरण ने खारिज़ कर दिया था।
- कहा जाता है कि याचिकाकर्त्ता और प्रतिवादी के बीच किराये का समझौता उस दिन निष्पादित पट्टा विलेख के आधार पर 05 जनवरी, 2022 को 11 महीने की अवधि के लिये नवीनीकृत किया गया था।
- याचिकाकर्त्ता ने प्रस्तुत किया कि दस्तावेज़ को पट्टा बनाने के आशय से निष्पादित नहीं किया गया था।
- किराया नियंत्रण अपीलीय प्राधिकरण द्वारा मालिकाना हक को अस्वीकार करने की चुनौती को मानने से इनकार करने पर याचिकाकर्त्ता ने केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसे बाद में न्यायालय ने खारिज़ कर दिया।
न्यायालय की टिप्पणियाँ क्या थीं?
- न्यायमूर्ति अनिल के. नरेंद्रन और न्यायमूर्ति जी. गिरीश की पीठ ने कहा कि TPA की धारा 107 के तहत रजिस्ट्रीकरण के अभाव में 12 माह से कम के पट्टा विलेख को खारिज़ नहीं किया जा सकता है।
- आगे यह माना गया कि TPA की धारा 107 को पढ़ने मात्र से यह स्पष्ट हो जाएगा कि पट्टा विलेख के अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण की आवश्यकता केवल वर्ष-दर-वर्ष या एक वर्ष से अधिक की किसी भी अवधि के लिये पट्टा, या वार्षिक किराया आरक्षित करने के संबंध में लागू है।
TPA की धारा 107 क्या है?
- यह धारा पट्टे कैसे किये जाते हैं से संबंधित है।
- इसमें कहा गया है कि स्थावर सम्पत्ति का वर्षानुवर्षी या एक वर्ष से अधिक किसी अवधि का या वार्षिक भाटक आरक्षित करने वाला पट्टा केवल रजिस्ट्रीकृत लिखत द्वारा किया जा सकेगा।
- स्थावर संपत्ति के अन्य सब पट्टे या तो रजिस्ट्रीकृत लिखत द्वारा या कब्ज़े के परिदान सहित मौखिक करार द्वारा किये गए सकेंगे।
- जहाँ कि स्थावर संपत्ति का पट्टा रजिस्ट्रीकृत लिखत द्वारा किया गया है, वहाँ ऐसी लिखत या जहाँ कि एक लिखत से अधिक लिखत हैं वहाँ हर एक लिखत पट्टाकर्त्ता और पट्टेदार दोनों द्वारा निष्पादित की जाएँगी।
- परंतु राज्य सरकार शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट कर सकेगी कि वर्षानुवर्षी या एक वर्ष से अधिक अवधि के या वार्षिक भाटक आरक्षित करने वाले पट्टों को छोड़कर स्थावर संपत्ति के पट्टे या ऐसे पट्टों का कोई वर्ग अरजिस्ट्रीकृत लिखत द्वारा या कब्ज़े के परिदान बिना मौखिक करार द्वारा किया जा सकेगा।