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आपराधिक कानून

POCSO अधिनियम, 2012 की धारा 43

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 21-Dec-2023

पंकज बनाम मध्य प्रदेश राज्य एवं अन्य

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सरकारी अधिवक्ता को निर्देश दिया कि वह POCSO अधिनियम, 2012 की धारा 43 को अनुपालन के लिये राज्य सरकार के संज्ञान में लाए।”

न्यायमूर्ति विशाल धगट

स्रोत: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय

चर्चा में क्यों?

न्यायमूर्ति विशाल धगट ने अवलोकन किया और POCSO अधिनियम, 2012 की धारा 43 को अनुपालन के लिये राज्य सरकार के संज्ञान में लाने का निर्देश दिया।

  • मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने यह निर्णय पंकज बनाम मध्य प्रदेश राज्य एवं अन्य के मामले में दिया।

पंकज बनाम मध्य प्रदेश राज्य एवं अन्य मामले की पृष्ठभूमि क्या है?

  • आवेदक पर भारतीय दंड संहिता, 1860 (IPC) की धारा 363, 506, 376 (2)(n) और 366यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (POCSO) की धारा 5(l)/6 के तहत दंडनीय अपराधों को करने का आरोप लगाया गया था।
  • आवेदक के अभिवक्ता ने कहा कि अभियोक्त्री की उम्र 17 वर्ष से अधिक है और आवेदक अब 24 वर्ष का है।
  • आवेदक के अनुसार, अभियोक्त्री सहमति देने वाला पक्ष था।
  • न्यायालय ने ज़मानत आवेदन मंज़ूर कर लिया क्योंकि इस मामले में सभी महत्त्वपूर्ण गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है।
  • चूँकि गवाहों को प्रभावित करने की कोई और संभावना नहीं है, इसलिये आवेदक/अभियुक्त को ज़मानत पर रिहा कर दिया गया, बशर्ते कि उसने 50,000/- रुपए का निजी बांड और इतनी ही राशि की एक सॉल्वेंट ज़मानत जमा की हो।
  • जिस अवधि के दौरान आवेदक ज़मानत पर है, उसे दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (CrPC) की धारा 437(3) में दी गई शर्तों का पालन करना भी आवश्यक है।

न्यायालय की टिप्पणी क्या थी?

  • मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने कहा कि 'राज्य की ओर से पेश सरकारी अधिवक्ता को धारा 43 को राज्य सरकार के ध्यान में लाने का निर्देश दिया जाता है ताकि राज्य सरकार POCSO अधिनियम, 2012 की धारा 43 के अनुपालन के लिये उचित कार्रवाई कर सके और आदेश की प्रति प्रदान की जा सके।'

POCSO अधिनियम, 2012 की धारा 43 क्या है?

  • अधिनियम की धारा 43 'अधिनियम के बारे में सार्वजनिक जागरूकता' से संबंधित है।
    • केंद्र सरकार और प्रत्येक राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिये सभी उपाय करेगी:
      (a) साधारण जनता, बालकों के साथ ही उनके माता-पिता और संरक्षकों को इस अधिनियम के उपबंधों के प्रति जागरूक बनाने के लिये इस अधिनियम के उपबंधों का मीडिया, जिसके अंतर्गत टेलीविज़न, रेडियो और प्रिंट मीडिया भी सम्मिलित है, के माध्यम से नियमित अंतरालों पर व्यापक स्तर पर प्रचार ;
      (b) केंद्रीय सरकार और राज्य सरकारों के अधिकारियों तथा अन्य संबद्ध व्यक्तियों (जिसके अंतर्गत पालिक अधिकारी भी हैं) को अधिनियम के उपबंधों के कार्यान्वयन से संबंधित विषयों पर आवधिक प्रशिक्षण प्रदन किया जाता है।