विशेषज्ञ अधिकारी (Specialist Officer)
परिचय
कॅरियर के रूप में 'विशेषज्ञ अधिकारी' का चयन क्यों?
परीक्षा प्रक्रिया के बारे में
परीक्षा का स्वरूप
प्रथम चरण
रणनीति
द्वितीय चरण
रणनीति
तृतीय चरण
रणनीति
परिचय
- विधि विषय में स्नातक करने के बाद व्यक्ति को अपने कॅरियर की शुरुआत हेतु कई विकल्प उपलब्ध होते हैं।
- यदि कोई अभ्यर्थी न्यायिक सेवाओं या अभियोजन के अलावा विधि के किसी अन्य क्षेत्र में सरकारी नौकरी चाहता है तो विधि क्षेत्र में विशेषज्ञ अधिकारी परीक्षाओं का विकल्प भी चुन सकता है। विशेषज्ञ अधिकारियों में शामिल हैं:
- बैंक में विधि अधिकारी।
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में विधि अधिकारी।
- विशेषीकृत विभागों में लोक अभियोजक (Public Prosecutors)।
- एक विशेषज्ञ अधिकारी के रूप में काम करना उन लोगों के लिये एक बेहतर कॅरियर विकल्प हो सकता है जो विधि क्षेत्र को छोड़े बिना बैंकों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) या अन्य विशेषीकृत एजेंसियों में काम करना चाहते हैं।
कॅरियर के रूप में 'विशेषज्ञ अधिकारी' का चयन क्यों?
- विशेषज्ञ अधिकारी - बैंक – के प्रमुख उत्तरदायित्वों में निम्नलिखित मामलों में बैंकिंग व् विनियमों के मूल कार्य करना शामिल है:
- कानूनी पहलूओं, कानूनों और आदेशों, सरफेसी कानूनों के अनुपालन और बैंकिंग, विदेशी विनिमय, धन-शोधन (Money Laundering), परिसीमा (limitation) अधिनियम, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, डीआरटी अधिनियम, बैंककार बही (Banker’s Book) से संबंधित कार्य करना।
- विशेषज्ञ अधिकारी - सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (PSU) – ये मुख्य रूप से कानूनी मुद्दों को देखते हैं जो कानूनी सलाह देने से लेकर विधिक मसौदा करार, निविदा, संविदा, उत्तर, लिखित बयान, वादपत्र (plaint), याचिका, केवियट (caveat), आरटीआई का उत्तर, रिपोर्ट तैयार करना, अधिवक्ता के बिल का भुगतान करना आदि, जैसे भिन्न कार्यों के लिये उत्तरदायी होते हैं। आपको स्थानीय ज़िला न्यायालयों, उच्च न्यायालय, मध्यस्थता कार्यवाही, उच्चतम न्यायालय, न्यायाधिकरण, श्रम आयुक्त और अन्य फोरम जहाँ मामले विचाराधीन हैं, में जाना पड़ सकता है।
- लोक अभियोजक (Public Prosecutor) – यह एक अत्यधिक विशिष्ट कार्य दायित्व है क्योंकि इस भूमिका के अंतर्गत व्यक्ति को CBI, NIA जैसी विशेषीकृत एजेंसी में काम करना होता है और सरकार की ओर से अभियोजन में शामिल होना होता है।
परीक्षा प्रक्रिया के बारे में
चूँकि विशेषज्ञ अधिकारी विभिन्न विभागों से संबंधित होते हैं और परीक्षा विभिन्न एजेंसियों द्वारा आयोजित की जाती है, इसलिये सभी के लिये परीक्षा का पैटर्न अलग-अलग है। कार्य दायित्वों और एजेंसियों के बारे में नीचे चर्चा की गई है:
- बैंकों में विशेषज्ञ अधिकारी – यह परीक्षा इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (IBPS) द्वारा आयोजित की जाती है। परीक्षा ऑनलाइन माध्यम में आयोजित की जाती है तथा इसमें निम्नलिखित चरण होते हैं:
- प्रारंभिक परीक्षा
- मुख्य परीक्षा
- साक्षात्कार
- विशेषज्ञ अधिकारी - सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (PSU) – यह भर्ती मुख्य रूप से CLAT PG परीक्षा के माध्यम से की जाती है। CLAT स्कोर सामान्य पात्रता है जिसके बाद सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एक निमंत्रण सूची (invite list) जारी करते हैं और अभ्यर्थियों को साक्षात्कार हेतु बुलाया जाता है।
- लोक अभियोजक (Public Prosecutor) – यह परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित की जाती है और यह दो चरणों वाली प्रक्रिया है जिसमें शामिल हैं:
- प्रारंभिक परीक्षा
- साक्षात्कार
- इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (IBPS)
- अभ्यर्थी को भारत का नागरिक होना चाहिये। (अन्य देशों की नागरिकता के संबंध में पात्रता की जाँच करने के लिये अधिसूचना को ध्यान से पढ़ना चाहिये।)
- अभ्यर्थी के पास विधि में स्नातक की डिग्री होनी चाहिये और वह बार काउंसिल ऑफ इंडिया में एक वकील के रूप में नामांकित होना चाहिये।
- आयु : अधिसूचना में निर्दिष्ट तिथि के अनुसार आयु सीमा न्यूनतम 20 वर्ष से तथा अधिकतम 30 वर्ष निर्धारित की गई है।
- सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (PSU)
- अभ्यर्थी को भारत का नागरिक होना चाहिये। (अन्य देशों की नागरिकता के संबंध में पात्रता की जाँच करने के लिये अधिसूचना को ध्यान से पढ़ा जाना चाहिये।)
- अभ्यर्थी के पास विधि की डिग्री होनी चाहिये।
- अभ्यर्थियों को CLAT PG परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी; जिन उम्मीदवारों ने पूर्व के वर्षों में CLAT PG परीक्षा उत्तीर्ण की है, उन्हें चयन हेतु विचार नहीं किया जाएगा।
- आयु : आयु पात्रता सार्वजनिक क्षेत्र के प्रत्येक उपक्रम में अलग-अलग होती हैं, जो मुख्य रूप से 20 वर्ष से 30 वर्ष होती है। विभिन्न श्रेणियों (अनुसूचित जाति (SC)/अनुसूचित जनजाति (ST)/अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)/आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS)/नि:शक्त व्यक्ति (PwD) आदि) के लिये आयु में छूट प्रदान की जाती है जो प्रत्येक PSU में भिन्न होती है।
- विशेषीकृत विभागों में लोक अभियोजक (Public Prosecutor)
- अभ्यर्थी को भारत का नागरिक होना चाहिये। (अन्य देशों की नागरिकता के संबंध में पात्रता की जाँच करने के लिये अधिसूचना को ध्यान से पढ़ा जाना चाहिये।)
- अभ्यर्थी के पास विधि की डिग्री होनी चाहिये और संबंधित अधिसूचना में उल्लिखित अंतिम तिथि को एक वकील के रूप में कम-से-कम सात वर्षों तक लगातार प्रैक्टिस/वकालत का अनुभव होना चाहिये।
- आयु : अधिकतम आयु 35 वर्ष निर्धारित की गई है। विभिन्न श्रेणियों (अनुसूचित जाति (SC)/अनुसूचित जनजाति (ST)/अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)/आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS)/नि:शक्त व्यक्ति (PwD) आदि) के लिये आयु में छूट प्रदान की गई है।
परीक्षा का स्वरूप
विशेषज्ञ अधिकारी परीक्षा का पाठ्यक्रम भिन्न होता है। यह उस नौकरी के कार्य-दायित्वों (job profile) पर निर्भर करता है जिसके लिये आवेदन किया जाता है। चरण-वार विभाजन निम्नानुसार है:
प्रथम चरण
- इस चरण में बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित प्रारंभिक परीक्षा होती है।
रणनीति
प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने के लिये निम्नलिखित का विस्तृत अध्ययन किया जाना चाहिये:
- तार्किक क्षमता (Reasoning Ability)
- अंग्रेज़ी
- संख्यात्मक अभियोग्यता (Quantitative Aptitude)
- बेयर एक्ट के प्रावधान और संबंधित संशोधन, यदि कोई हो,
- ऐतिहासिक/नवीनतम केस कानूनों के बारे में संक्षिप्त जानकारी
- मुख्य अवधारणाओं का विश्लेषण
- जहाँ पर सामान्य ज्ञान पाठ्यक्रम का हिस्सा है वहां परीक्षा की अधिसूचना में शामिल विषयों पर ध्यान देना चाहिये।
- पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करना चाहिये
द्वितीय चरण
मुख्य परीक्षा नामक यह चरण केवल IBPS परीक्षा में आयोजित किया जाता है। इसमें व्यावसायिक ज्ञान के विषय पर वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न शामिल होते हैं। मुख्य परीक्षा निम्नलिखित विषयों के आधार पर व्यावसायिक ज्ञान पर केंद्रित होती है:
- बैंकिंग विनियम
- अनुपालन और कानूनी पहलू
- परक्राम्य लिखत (negotiable instruments), प्रतिभूतियों (securities), विदेशी विनिमय (foreign exchange) से संबंधित कानून और आदेश
- धन शोधन निवारण (Prevention of Money-laundering), परिसीमा (Limitation) अधिनियम
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम
- वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्रचना एवं प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम (SARFAESI)
- बैंकिंग लोकपाल
- बैंकिंग क्षेत्र से प्रत्यक्ष रूप से संबंधित कानून और कार्रवाई
- बैंककार बही साक्ष्य अधिनियम
- ऋण वसूली अधिकरण अधिनियम (DRT ACT)
रणनीति
- मुख्य अवधारणाओं का विश्लेषण।
- बेयर एक्ट के प्रावधान और संबंधित संशोधन, यदि कोई हो।
- ऐतिहासिक/हाल के केस कानूनों के बारे में संक्षिप्त जानकारी
- पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करना चाहिये।
तृतीय चरण
- ‘साक्षात्कार’ (Interview) अथवा व्यक्तित्त्व परीक्षण (Personality Test) चयन प्रक्रिया का अंतिम चरण है, जिसे मौखिक परीक्षा भी कहा जाता है। इसका उद्देश्य पद के लिये अभ्यर्थी की सामान्य उपयुक्तता का आकलन करना है।
रणनीति
- साक्षात्कार एक ऐसा भाग है जिसके लिये प्रत्यक्ष तौर पर कोई रणनीति बना पाना कठिन होता है।
- आवेदन किये गए पद हेतु उपयुक्त होने के लिये अभ्यर्थी को विषय ज्ञान के साथ-साथ अपने व्यक्तित्व के अन्य पहलुओं पर भी ध्यान देना चाहिये।