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सुप्रीम कोर्ट विधिक अनुवाद सॉफ्टवेयर (SUVAS)

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 01-Jan-2024

 सुप्रीम कोर्ट विधिक अनुवाद सॉफ्टवेयर (SUVAS)

"वर्ष 2023 में, भारत के उच्चतम न्यायालय ने अपने 36,000 निर्णयों के व्यापक संग्रह को अनुसूचित भाषाओं में अनुवाद करने के लिये एक अभूतपूर्व पहल की।"

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

वर्ष 2023 में, भारत के उच्चतम न्यायालय ने अपने 36,000 निर्णयों के व्यापक संग्रह को अनुसूचित भाषाओं में अनुवाद करने के लिये एक अभूतपूर्व पहल की।

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ-साथ सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और कानूनी क्लर्कों के सहयोग से प्रेरित इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई।
  • हालाँकि, इन अनुवादित निर्णयों के उपयोग और सभी क्षेत्रीय भाषाओं में मानकीकृत विधिक शब्दावली की कमी को लेकर अभी भी चिंताएँ व्याप्त हैं।

समाचार की पृष्ठभूमि क्या है?

  • विधिक प्रक्रियाओं में क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिये उच्चतम न्यायालय ने एक AI-संचालित अनुवाद उपकरण, सुप्रीम कोर्ट विधि अनुवाद सॉफ्टवेयर (SUVAS) विकसित किया।
    • SUVAS न्यायिक दस्तावेज़ों का अंग्रेज़ी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच अनुवाद कर सकता है।
  • E-SCR पोर्टल वर्ष 2023 में जनवरी में 2,238 अनुवादित निर्णयों के साथ शुरू हुआ था, लेकिन वर्ष के अंत तक 31,000 से अधिक निर्णयों के अनुवाद की एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि के साथ समाप्त हुआ।

वर्तमान परिदृश्य क्या है?

  • हाल के आँकड़ोंके अनुसार अनुवादित निर्णयों की सबसे अधिक संख्या हिंदी में 22,396 है, इसके बाद पंजाबी (3,572), कन्नड़ (1,899), तमिल (1,172), और गुजराती (1,112) आते हैं।
  • हालाँकि, वर्ष 2023 में अनुवाद की गति में काफी सुधार हुआ, लेकिन कानूनी विशेषज्ञों के बीच अनुवादित निर्णयों की उपयोगिता के बारे में चिंताएँ उत्पन्न हुईं, जब उच्च न्यायालय हिंदी भाषी राज्यों को छोड़कर क्षेत्रीय भाषाओं में कार्यवाही नहीं कर सकते।
  • अनूदित निर्णयों के साथ एक अस्वीकरण होता है जो उच्चतम न्यायालय रजिस्ट्री को किसी भी त्रुटि से मुक्त करता है।
  • जैसा कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश के. चंद्रू ने कहा है, हिंदी के अलावा, क्षेत्रीय भाषाओं में विशेषकर तमिल में, मानकीकृत विधिक शब्दावली के अभाव के परिणामस्वरूप असंगत अनुवाद होते हैं।
  • भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बोबडे के नेतृत्व में बार काउंसिल ऑफ इंडिया सभी भारतीय भाषाओं के लिये "कॉमन कोर वोकैबुलरी" पर काम कर रही है।
  • उच्चतम न्यायालय ने एक व्यवस्थित दृष्टिकोण शुरू किया, जिसमें अनुवाद सॉफ्टवेयर प्रशिक्षण को बढ़ाने के लिये सामान्य आदेशों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, वर्ष और पृष्ठ संख्या के आधार पर निर्णयों को वर्गीकृत किया गया।

सुप्रीम कोर्ट विधिक अनुवाद सॉफ्टवेयर (SUVAS) क्या है?

  • परिचय:
    • तत्कालीन भारत के मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने नवंबर, 2019 में SUVAS लॉन्च किया था।
    • उच्चतम न्यायालय ने विधिक कार्यवाही में क्षेत्रीय भाषा की भागीदारी को बढ़ावा देने और सुनिश्चित करने के लिये SUVAS विकसित किया है।
    • यह एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा प्रशिक्षित एक मशीन सहायता प्राप्त अनुवाद उपकरण है।
  • संविधान के तहत स्थिति:
    • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 348(1)(a) में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय और प्रत्येक उच्च न्यायालय में सभी कार्यवाही अंग्रेज़ी में होनी चाहिये।
    • लेकिन अनुच्छेद 348(2) किसी राज्य के राज्यपाल को राष्ट्रपति की सहमति से उस राज्य के उच्च न्यायालय में हिंदी या किसी अन्य राज्य भाषा के उपयोग के लिये अनुमति देता है।
    • इसलिये, SUVAS ने संविधान के अनुच्छेद 348 के तहत शक्ति प्रदान की।

अनुसूचित भाषाएँ क्या हैं?

संविधान की आठवीं अनुसूची 22 आधिकारिक भाषाओं का प्रावधान करती है। इन भाषाओं को सरकार के विभिन्न स्तरों पर संचार के उद्देश्य और आधिकारिक व्यवसाय के संचालन के लिये मान्यता दी जाती है। आठवीं अनुसूची में निम्नलिखित भाषाएँ शामिल हैं:

  • असमिया
  • बंगाली
  • बोडो
  • डोगरी
  • गुजराती
  • हिंदी
  • कन्नड
  • कश्मीरी
  • कोंकणी
  • मैथिली
  • मलयालम
  • मणिपुरी
  • मराठी
  • नेपाली
  • उड़िया
  • पंजाबी
  • संस्कृत
  • संथाली
  • सिंधी
  • तामिल
  • तेलुगू
  • उर्दू