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वाणिज्यिक विधि

माल और सेवा कर रजिस्ट्रीकरण की बहाली

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 26-Dec-2025

श्री पंकज मोहन बनाम भारत संघ और अन्य 

"माल और सेवा कर रजिस्ट्रीकरण रद्द होने से गंभीर सिविल परिणाम होते हैं जो कारबार करने के अधिकार को प्रभावित करते हैंऔर सांविधानिक अनुतोष प्रदान किये जा सकते है जिससे सांविधिक अवधि समाप्त होने के बाद भी पूर्ण अनुपालन पर रजिस्ट्रीकरण बहाल किया जा सके।" 

न्यायमूर्ति करदक एटे 

स्रोत: गुवाहाटी उच्च न्यायालय 

चर्चा में क्यों? 

न्यायमूर्ति करदक एते की एकल न्यायाधीश पीठ ने श्री पंकज मोहन बनाम भारत संघ और अन्य (2025)के मामले मेंवस्तु एवं सेवा कर (GST) रजिस्ट्रीकरण की बहाली की मांग वाली एक रिट याचिका को स्वीकार कर लियाजिसे निरंतर छह मास की अवधि के लिये रिटर्न दाखिल न करने के कारण रद्द कर दिया गया था। 

श्री पंकज मोहन बनाम भारत संघ और अन्य (2025) मामले की पृष्ठभूमि क्या थी? 

  • यह याचिका एक ऐसे एकल स्वामित्व व्यवसाय (Proprietorship) द्वारा दायर की गई थीजो कार्य संविदाओं (Works Contracts) के निष्पादन के कारबार में संलग्न थाजिसका माल और सेवा कर रजिस्ट्रीकरण प्राधिकारियों द्वारा निरस्त कर दिया गया था 
  • माल और सेवा कर अधिकारियों नेनिरंतर छह मास तक रिटर्न दाखिल न करने के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी करने के बादरजिस्ट्रीकरण रद्द कर दिया। 
  • याचिकाकर्त्ता ने प्रस्तुत किया कि रिटर्न दाखिल करने में विफलता जानबूझकर नहीं थी और GST ऑनलाइन पोर्टल से अपरिचित होने और अपने कर सलाहकार के साथ गलत संसूचना के कारण हुई थी। 
  • याचिकाकर्त्ता को कारण बताओ नोटिस मिलने तकजवाब दाखिल करने और व्यक्तिगत सुनवाई में उपस्थित होने की समय सीमापहले ही समाप्त हो चुकी थी। 
  • याचिकाकर्त्ता ने न्यायालय को सूचित किया कि अक्टूबर-दिसंबर 2024 तक लंबित सभी रिटर्न दाखिल कर दिये गए हैं। 
  • याचिकाकर्त्ता ने लंबित रिटर्न के साथ-साथ सभी लागू करों का विधिवत संदाय भी कर दिया था। 
  • GST विभाग ने याचिकाकर्त्ता को अनुतोष देने का विरोध नहीं किया। 
  • विभाग ने इस बात पर सहमति जताई कि यह विवाद्यक गुवाहाटी उच्च न्यायालय के इसी तरह के मामलों में पहले दिये गए निर्णयों के अंतर्गत आता है। 

न्यायालय की क्या टिप्पणियां थीं? 

  • न्यायालय ने कहा किकेंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 (CGST Act)की धारा 29(2)(ग) के अधीनमाल और सेवा कर नियमों के नियम 22 के साथ पढ़ा जाएतो अधिकारियों कोरद्द करने की कार्यवाही को रद्द करने का अधिकारहै यदि लंबित रिटर्न करब्याज और विलंब फीस के संदाय के साथ दाखिल किये जाते हैं। 
  • पीठ ने इस बात पर बल दिया कि माल और सेवा कर रजिस्ट्रीकरण रद्द करने के गंभीर सिविल परिणाम होते हैं और जहाँ करदाता व्यतिक्रम को नियमित करने के लिये तैयार हैवहाँ इसे जारी नहीं रखा जाना चाहिये 
  • पीठ ने टिप्पणी की कि रजिस्ट्रीकरण रद्द करने से कारबार करने के मौलिक अधिकार पर प्रभाव पड़ता है। 
  • न्यायालय ने यह माना कि जहाँ निरस्तीकरण दाखिल करने की सांविधिक अवधि समाप्त हो गई हैवहाँ भीपूर्ण अनुपालन होने परबहाली को सक्षम बनाने के लिये सांविधानिक अनुतोष प्रदान किया जा सकता है। 
  • न्यायालय ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता रद्द किए गए पंजीकरण को बहाल करने के लिए 60 दिनों के भीतर संबंधित GST प्राधिकरण से संपर्क कर सकता है। 
  • प्राधिकरण को आवेदन पर विचार करने और माल और सेवा कर नियमों के नियम 22(4) के प्रावधान के अनुपालन के अधीन रजिस्ट्रीकरण को शीघ्रता से बहाल करने का निदेश दिया गया था। 
  • याचिकाकर्त्ता द्वारा सभी बकाया राशिब्याज और विलंब फीस के संदाय पर ही संपत्ति की बहाली की गई थी। 
  • उपरोक्त टिप्पणियों के मद्देनजरपीठ ने याचिकाकर्त्ता की रिट याचिका को स्वीकार कर लिया। 

माल और सेवा कर रजिस्ट्रीकरण क्या है और इसे रद्द कैसे किया जाता है? 

माल और सेवा कर रजिस्ट्रीकरण के बारे में: 

  • वस्तु एवं सेवा कर (GST) रजिस्ट्रीकरण उन कारबारों के लिये अनिवार्य है जो विहित सीमा से अधिक माल या सेवाओं की आपूर्ति में लगे हुए हैं। 
  • रजिस्ट्रीकरण से कारबारों को ग्राहकों से कर वसूलने और खरीदारी पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने की सुविधा मिलती है। 
  • माल और सेवा कर रजिस्ट्रीकरण केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 (CGST Act) और संबंधित राज्य माल और सेवा कर अधिनियमों द्वारा शासित होता है। 
  • रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया माल और सेवा कर नेटवर्क द्वारा संचालित GST ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाती है। 
  • रजिस्ट्रीकृत करदाताओं को आवधिक रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है जिसमें उनके विक्रयक्रय और कर देयता की घोषणा की जाती है। 

माल और सेवा कर रजिस्ट्रीकरण रद्द करना: 

  • केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम की धारा 29 के अधीननिरंतर छह मास की अवधि तक रिटर्न दाखिल न करने सहित विभिन्न आधारों पर माल और सेवा कर रजिस्ट्रीकरण रद्द किया जा सकता है। 
  • रजिस्ट्रीकरण रद्द करने की प्रक्रिया रजिस्ट्रीकृत व्यक्ति को कारण बताओ नोटिस जारी करने से प्रारंभ होती है। 
  • करदाता को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने और व्यक्तिगत सुनवाई में उपस्थित होने का अवसर दिया जाता है। 
  • यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक न हो या कोई जवाब न मिलेतो संबंधित अधिकारी द्वारा रजिस्ट्रीकरण रद्द किया जा सकता है। 
  • माल और सेवा कर रजिस्ट्रीकरण रद्द होने से गंभीर सिविल परिणाम होते हैं क्योंकि यह कारबार करने और ग्राहकों से कर वसूलने के अधिकार को प्रभावित करता है। 
  • जिस व्यक्ति का रजिस्ट्रीकरण रद्द कर दिया गया हैवह कर चालान जारी नहीं कर सकता या इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा नहीं कर सकता। 

रद्द किये गए माल और सेवा कर रजिस्ट्रीकरण की बहाली: 

  • केंद्रीय माल और सेवा कर नियमों का नियम 22 रजिस्ट्रीकरण रद्द करने को निरस्त करने का प्रावधान करता है। 
  • नियम 22(4) के अधीनकोई व्यक्ति रद्द करने के आदेश की सेवा की तारीख से 30 दिनों के भीतर निरस्तीकरण के लिये आवेदन कर सकता है। 
  • यदि लंबित रिटर्न करब्याज और विलंब फीस के संदाय के साथ दाखिल किये जाते हैंतो अधिकारी रद्द करने की कार्यवाही को रोक सकते हैं। 
  • जहाँ निरस्तीकरण दाखिल करने की सांविधिक अवधि समाप्त हो चुकी हैवहाँ भी न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 226 के अधीन सांविधानिक अनुतोष प्रदान कर सकते हैं। 
  • न्यायालय यह मानते हैं कि निरस्तीकरण मौलिक अधिकारों को प्रभावित करता है और करदाता द्वारा सभी आवश्यकताओं का अनुपालन करने की तत्परता प्रदर्शित करने पर अनुतोष देने के लिये तैयार रहते हैं।