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सिविल कानून
CPC के आदेश 41 का नियम 17
« »04-Dec-2023
बेनी डिसूज़ा बनाम मेल्विन डिसूज़ा "यदि अपील सुनवाई के लिये बुलाए जाने पर अपीलकर्ता उपस्थित नहीं होता है, तो इसे केवल गैर-अभियोजन पक्ष के कारण खारिज़ किया जा सकता है, न कि योग्यता के आधार पर।" न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और उज्जल भुइयाँ |
स्रोत: उच्चतम न्यायालय
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने बेनी डिसूज़ा बनाम मेल्विन डिसूज़ा के मामले में कहा है कि यदि अपील सुनवाई के लिये बुलाए जाने पर अपीलकर्ता उपस्थित नहीं होता है, तो इसे केवल गैर-अभियोजन पक्ष के कारण खारिज़ किया जा सकता है, योग्यता के आधार पर नहीं।
बेनी डिसूज़ा बनाम मेल्विन डिसूज़ा की पृष्ठभूमि क्या थी?
- इस मामले में अपीलकर्ताओं और प्रतिवादियों के बीच संपत्ति विवाद मौजूद है।
- अपीलकर्ता ने स्थायी व्यादेश के लिये मुकदमा दायर किया जिसे बाद में ट्रायल कोर्ट ने खारिज़ कर दिया।
- इसके बाद, कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष एक अपील दायर की गई।
- अपील की तिथि पर, बहस करने वाले वकील के परिवार में शोक होने के कारण, अपीलकर्ताओं की ओर से उच्च न्यायालय के समक्ष कोई प्रतिनिधित्व नहीं था।
- उच्च न्यायालय ने योग्यता के आधार पर अपील खारिज़ कर दी।
- इसके बाद, उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक अपील दायर की गई जिसमें अपीलकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय योग्यता के आधार पर अपील को खारिज़ करने के बजाय सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (Civil Procedure Code- CPC) के आदेश 41 के नियम 17 के संदर्भ में गैर-अभियोजन के लिये खारिज़ कर सकता था।
- अपील को स्वीकार करते हुए उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया।
न्यायालय की टिप्पणियाँ क्या थीं?
- न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और उज्जल भुइयाँ की खंडपीठ ने कहा कि यदि अपील सुनवाई के लिये बुलाए जाने पर अपीलकर्ता उपस्थित नहीं होता है, तो उसे गैर-अभियोजन पक्ष के कारण खारिज़ किया जा सकता है, न कि योग्यता के आधार पर।
- ये निष्कर्ष CPC के आदेश 41 के नियम 17 में दिये गए स्पष्टीकरण के संदर्भ में थे।
CPC के आदेश 41 का नियम 17 क्या है?
परिचय:
- CPC का आदेश 41 मूल डिक्री की अपील से संबंधित है।
- आदेश 41 का नियम 17 अपीलकर्ता की डिफॉल्ट के लिये अपील को खारिज़ करने से संबंधित है। यह प्रकट करता है कि -
(1) जहाँ नियत दिन पर, या किसी अन्य दिन जिस पर सुनवाई स्थगित की जा सकती है, अपील सुनवाई के लिये बुलाए जाने पर अपीलकर्ता उपस्थित नहीं होता है, तो न्यायालय आदेश दे सकता है कि अपील खारिज़ कर दी जाए।
स्पष्टीकरण: इस उप-नियम में किसी भी तथ्य का यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि यह न्यायालय को योग्यता के आधार पर अपील को खारिज़ करने का अधिकार देता है।
- नियम 17 के उप नियम (1) की व्याख्या वर्ष 1976 में कानून को समझाने के लिये एक स्पष्ट प्रावधान करके शामिल गई थी कि जहाँ अपीलकर्ता उपस्थित नहीं होता है, वहाँ न्यायालय के पास योग्यता के आधार पर अपील को खारिज़ करने की कोई शक्ति नहीं है।
- दूसरे शब्दों में, यदि अपीलकर्ता उपस्थित नहीं होता है, तो न्यायालय, यदि उचित समझे, उपस्थित न होने के कारण अपील को खारिज़ कर सकता है, लेकिन उसके पास योग्यता के आधार पर अपील को खारिज़ करने की शक्ति नहीं है।
निर्णयज विधि:
- अब्दुर रहमान और अन्य बनाम आतिफा बेगम तथा अन्य (1996) के मामले में उच्चतम न्यायालय ने माना कि अपीलकर्ता की अनुपस्थिति में उच्च न्यायालय मामले की योग्यता पर चर्चा नहीं कर सकता।