Drishti IAS द्वारा संचालित Drishti Judiciary में आपका स्वागत है








कानूनी शब्दावली

A    B    C    D    E    F    G    H    I    J    K    L    M    N    O    P    Q    R    S    T    U    V    W    X    Y    Z   

  • मुकदमे के लिये उपस्थित होने हेतु ज़मानत या सुरक्षा प्रस्तुत करने पर कारावास से अस्थायी रिहाई।
न्यायलय ने जमानतीय अपराध के अभियुक्त को जमानत दी।
  • उपनिधान में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को किसी प्रयोजन हेतु माल का प्रदान करना होता है इससे संबंधित शर्त विवक्षित अथवा अभिव्यक्त होती है। उक्त प्रायोजन के पूरा होने पर वह माल प्रदान करने वाले व्यक्ति को वापस कर दिया जाएगा अथवा परिदत करने वाले व्यक्ति के निर्देश अनुसार किसी दूसरे व्यक्ति को दे दिया जाएगा।
उपनिधान में वास्तविक एवं आन्वयिक परिदान किया जा सकता है।
  • पक्षों के मामले के सापेक्ष गुण और पक्षों को हुए नुकसान की गणना।
अस्थायी व्यादेश के अनुदान के लिये सुविधा की दृष्टि वादी के पक्ष में होनी चाहिये।
  • यह किसी व्यक्ति पर वैध औचित्य के बिना जानबूझकर बल प्रयोग करने को दिया गया नाम है, और यह भारतीय दंड संहिता में आपराधिक बल के प्रयोग के रूप में ज्ञात अपराध से मेल खाता है।
"प्रतिवादी पर वादी के विरुद्ध बिना सहमति के अवैध रूप से शारीरिक बल का प्रयोग करने के लिये मारपीट का आरोप लगाया गया।"
  • भीख मांगने का कार्य।
उत्तर प्रदेश भिक्षावृति विरोधी कानून की धारा 9 के अंतर्गत पुलिस याचक की गिरफ़्तारी कर सकती है।
  • ट्रस्टी के रूप में सेवा किये बिना, स्वयं के लिये व्यक्तिगत लाभ।
सुखाधिकार मालिक का एक ऐसा अधिकार है जिससे वह भूमि का लाभप्रद उपभोग कर सके।
  • सद्भावना में
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 81 के अंतर्गत आने के लिए कृत्य सद्भावपूर्वक किया जाना चाहिये।
  • एक औपचारिक लिखित समझौता जिसके द्वारा कोई व्यक्ति एक निश्चित कार्य करने का वचन देता है।
न्यायलय अवयस्क के बदले केवल एक प्रतिभूति से बंधपत्र स्वीकार कर सकता है।
  • जब किसी कार्य को करना विधिक कर्तव्य हो।
क, ग का ऋण चुकाने के लिये विधि द्वारा आबद्ध नहीं था।
  • किसी समझौते को पूरा न करने, वचन तोड़ने या किसी अन्य तरीके से किसी के प्रति अपने कर्तव्य का उल्लंघन करने का कार्य।
किसी न्यासी द्वारा, उसकी शक्तियों से बाहर या न्यास के भंग में की गई संविदा, विनिर्दिष्टतः प्रवर्तित नहीं कराई जा सकती ।
  • अनुबंध का उल्लंघन तब होता है जब अनुबंध का कोई पक्ष अपने वादे किये गए दायित्वों को पूरा करने में विफल रहता है।
न्यायालय संविदा भंग द्वारा करित हानि या क्षति के लिए प्रतिकर प्रदान कर सकती है।
  • रिश्वत की पेशकश और स्वीकृति।
वह व्यक्ति जो रिश्वत अभिग्रहित करता है या अभिग्रहित करने की सहमति देता है वह रिश्वत लेने की परिधि में आता है।
  • किसी विशेष अवधि में धनराशि कैसे खर्च की जाए इसकी एक योजना।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 112 के अंतर्गत बजट (वित्तीय विवरण) के प्रावधानों का विवरण दिया गया है ।