Drishti IAS द्वारा संचालित Drishti Judiciary में आपका स्वागत है








कानूनी शब्दावली

A    B    C    D    E    F    G    H    I    J    K    L    M    N    O    P    Q    R    S    T    U    V    W    X    Y    Z   

  • जिसका उल्लेख दो में से दूसरे स्थान पर किया गया है
न्यायाल्यं ने दोनों पक्षकारों की दलीलों पर विचार किया, लेकिन अंततः पश्चात्कथित पक्ष में निर्णय सुनाया, क्योंकि उनके साक्ष्य अधिक सम्मोहक थे
  • एक विधिक सुधार पर सरकार को सलाह देने के लिये एक कार्यकारी निकाय।
भारतीय विधि आयोग ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 में संशोधन की सिफारिश की।
  • कानून/विधि द्वारा अनुमत।
हर एक व्यक्ति को विधिपूर्ण व्यव्हार करना चाहिए।
  • एक प्रश्न जो उत्तर का सुझाव देता है जिसे लिखने वाला व्यक्ति प्राप्त करना चाहता है या प्राप्त करने की अपेक्षा करता है।
सूचक प्रश्न प्रतिपरीक्षा में पूछे जा सकते हैं।
  • अपर्याप्त शारीरिक और मानसिक क्षमताओं के कारण कोई कार्य करने की विधिक क्षमता का अभाव।
परिसीमा अधिनियम के अंतर्गत विधिक निर्योग्यता में अप्राप्तवय, पागल, जड़ सम्मिलित है।
  • भारत के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एक विधायी निकाय।
दिल्ली की विधान सभा 70 सदस्यों से संगठित हैं।
  • विधान परिषद राज्य विधानमंडल का उच्च सदन होता है।
वर्तमान में भारत में केवल छह राज्यों में विधान परिषद है।
  • एक वैध संतान होने का गुण।
हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 16 शून्य एवं शून्यकरणीय विवाह से उत्तपन्न संतान के धर्मजत्व होने की जानकारी देता है।
  • विधिपूर्वक उत्पन्न हुआ।
शून्य विवाह से उत्पन्न संतान विधिसम्मत होती है।
  • वह व्यक्ति जिसके लिये पट्टा किया गया है
पट्टाकर्त्ता और पट्टाधारक के बीच पट्टा समझौता निष्पादित किया जाता है
  • वह व्यक्ति जिसके द्वारा पट्टा किया गया हो
पट्टादाता द्वारा पट्टेदार के पक्ष में पट्टा समझौता किया गया था
  • कुछ करने, भुगतान करने या अच्छा करने के लिये विधि या न्याय में सीमित या बाध्य होने की अवस्था; विधिक ज़िम्मेदारी।
सह-प्रतिभू समानतः अभिदाय करने के दायी होते हैं।
  • किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति पर तब तक कब्ज़ा बनाए रखने का अधिकार जब तक उस व्यक्ति का कर्ज़ चुका न दिया जाए।
क का संपत्ति पर धारणाधिकार है।
  • एक ऐसा हित जो जीवन की समाप्ति पर समाप्त होता है।
क ने अपनी संपदा में ख के आजीवन हित का सृजन किया।
  • भारत के केवल एक विशेष भाग पर लागू होने वाली विधि
स्थानीय विधि वह विधि है जो भारत के किसी विशिष्ट भाग को ही लागू हो।