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कानूनी शब्दावली

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  • जो कि विधि के विपरीत है
उन सीमा शुल्क अधिकारीयों ने अवैध माल को जब्त किया और कई कर्मीदल के लोगों को गिरफ्तार किया|
  • विधिपूर्ण संतान के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं
जब तक कि कोई धर्मज या अधर्मज अपत्य अप्राप्तवय रहे वह अपने पिता या माता से भरणपोषण पाने के लिए दावा कर सकेगा।
  • महाभियोग वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक विधायी निकाय या अन्य विधिक रूप से गठित अधिकरण एक सरकारी पदाधिकारी के खिलाफ आरोप शुरू करता है।
माननीय राष्ट्रपति पर महाभियोग, संविधान के उलंघन के आधार पर किया जा सकता है।
  • व्यक्त शब्दों से नहीं बल्कि तार्किक अनुमान से संकेत मिलता है।
जहाँ स्वीकृति शब्दों के अलावा अन्यथा की जाती है वह विवक्षित वचन कहलाता है।
  • निहितार्थ से
कर्मचारी का नौकरी पर बने रहना स्पष्टतः कंपनी की अद्यतन नीतियों की स्वीकृति दर्शाता है।
  • आधिकारिक तौर पर लागू करना।
क पर भारी जुर्माना अधिरोपित किया गया।
  • किसी इकाई या निगम के निर्माण की विधिक प्रक्रिया।
कोई भी कम्पनी या संगम, या व्यक्ति निकाय चाहे वह निगमित हो या नहीं, व्यक्ति शब्द के अन्तर्गत आता है।
  • चोट, हानि या क्षति के विरुद्ध संरक्षण या सुरक्षा।
सरकार ने करदाताओं को किसी हानि के विरुद्ध क्षतिपूर्ति की सहमति दी।
  • किसी परक्राम्य लिखत के पीछे मालिक/भुगतानकर्त्ता द्वारा अपना नाम हस्ताक्षर करने का कार्य ताकि इसे किसी अन्य को देय या किसी भी व्यक्ति द्वारा नकद योग्य बनाया जा सके।
परक्राम्य लिखत का पृष्ठांकन पृष्ठांकक करता है।
  • वह जो प्रेरित करता हो, कोई आकर्षक चीज़ जिसके द्वारा कोई व्यक्ति किसी कार्य को करने के लिये प्रेरित होता है।
उत्प्रेरणा के कारण की गयी संस्वीकृति भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत अप्रासंगिक है।
  • शिशु होने की अवस्था या अवधि; प्रारंभिक बचपन
उसकी बाल्यावस्था के कारण, उसकी संविदा को न्यायालय में अमान्य एवं अप्रवर्तनीय माना गया।
  • तर्क से निष्कर्ष निकालना
संविधान के अनुच्छेद 21 में विभिन्न अधिकारों का प्रावधान है।
  • वह शक्ति जो, यद्यपि स्पष्ट रूप से प्रदान नहीं की गई है, फिर भी न्यायालय, या कॉर्पोरेट या सरकारी निकाय में विद्यमान या अंतर्निहित मानी जाएगी
न्यायालय ने विशिष्ट वैधानिक प्रावधानों के अभाव में भी न्याय सुनिश्चित करने के लिये अपनी अंतर्निहित शक्ति का प्रयोग किया।
  • किसी कार्रवाई का आदेश देने या रोकने वाला न्यायालय का आदेश।
न्यायालय ने अस्थायी व्यादेश के लिये आदेश पारित किया।
  • किसी दूसरे के व्यक्ति, प्रतिष्ठा या संपत्ति के अधिकारों का उल्लंघन जिसके लिये कानून में कार्रवाई निहित है।
विधि के अंतर्गत क्षति व्यक्ति के शरीर, मन, ख्याति या संपत्ति को पहुंचाई जा सकती है ।
  • किसी पर जो आरोप लगाया गया है, उसमें दोषी न होने का तथ्य; निर्दोषिता; निर्दोष होने की स्थिति
न्यायालय में, निर्दोषता की धारणा के लिये यह आवश्यक होता है कि अभियुक्त को तब तक निर्दोष माना जाए जब तक अभियोजन पक्ष उचित संदेह से परे अपराध को सफलतापूर्वक स्थापित नहीं कर लेता।
  • व्यावहारिक बल के बिना।
एकअप्रवर्तनीय विधि निष्प्रभाव होती है।
  • इसका अर्थ मुकदमे के अलावा किसी मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा इस संहिता के तहत की जाने वाली हर जाँच है।
दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 176 में मृत्यु के परिपेक्ष में मजिस्ट्रेट द्वारा जांच का प्रावधान है।
  • मस्तिष्क रोग, पागलपन, मानसिक विक्षिप्तता के परिणामस्वरूप मन की अस्वस्थता।
यदि विधिक उन्मत्त्त्ता सिद्ध हो जाती है तो ऐसे व्यक्ति को विधि के अधीन सिद्धदोष नहीं ठहराया जा सकता।
  • वह व्यक्ति जिसके पास अपने ऋणों के पूर्ण भुगतान के लिये पर्याप्त संपत्ति नहीं है; दिवालिया होने की स्थिति
दिवालियापन तब होता है जब कोई व्यक्ति या संगठन अपने ऋणों का भुगतान समय पर नहीं कर पाता, जिसके कारण अक्सर उसकी वित्तीय स्थिति को सुलझाने के लिये कानूनी कार्यवाही की आवश्यकता पड़ती है।
  • न्यायालय में वाद प्रस्तुत करने का तथ्य
वादों की संस्थति वादपत्र को प्रस्तुत करके की जाएगी।
  • एक लिखित दस्तावेज़; लिखित रूप में एक औपचारिक या कानूनी दस्तावेज़, जैसे संविदा, विलेख, वसीयत, बॉण्ड, या पट्टा
लिखत की परिशुद्धि कपट एवं पक्षकारों की पारस्परिक भूल के आधार पर की जा सकती है।
  • बीमा
जिसके संबंध में बीमा कराया गया है
  • व्यक्ति हानि के विरुद्ध बीमा कराता है
बीमाकर्त्ता ने बीमित व्यक्ति को होने वाली हानि के लिये बीमा किया
  • अंतरिम आदेश न्यायाधीशों या प्रशासनिक एजेंसियों द्वारा दिये गए अनंतिम या अस्थायी आदेश होते हैं
अंतरिम आदेश अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा, जब तक कि मामले पर न्यायालय द्वारा अंतिम निर्णय नहीं आ जाता।
  • किसी कार्रवाई के दौरान किया गया आवेदन; अधिकारों पर निर्णय होने तक चीजों को यथापूर्व स्थिति में रखने के लिये या न्यायालय से कुछ अंतरिम निर्देश प्राप्त करने के प्रयोजन के लिये किया गया आवेदन
अधिवक्ता ने मामले की न्यायालय में सुनवाई के दौरान अस्थायी व्यादेश की मांग करते हुए एक अंतर्वर्ती आवेदन दायर किया।
  • किसी दूसरे के मामलों या संपत्ति में दखल देना
संपत्ति का निष्पादक न्यायालय द्वारा आधिकारिक रूप से नियुक्त किये जाने से पहले मृतक की संपत्ति में दखलअंदाज़ी नहीं कर सकता।
  • किसी तीसरे पक्ष द्वारा धारित संपत्ति के दावे या अधिकार के मामले को निर्धारित करने के लिये दो पक्षों के बीच दायर किया गया मुकदमा।
अंतराभिवाची वाद की प्रक्रिया सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 35 के अंतर्गत आती है।
  • जीवित व्यक्तियों के बीच।
विक्रय द्वारा संपत्ति का हस्तांतरण जीवाभ्यंतर (जीवित लोगों के मध्य) किया जा सकता है।
  • वह व्यक्ति जिसकी मृत्यु बिना वैध वसीयत के हुई हो।
निर्वसीयत की विधवा को या यदि एक से अधिक विधवाएं हों तो सब विधवाओं को मिलाकर एक अंश मिलेगा।
  • एक पदार्थ जो सुख, प्रसन्नता और नियंत्रण की कमी की मिथ्या भावना उत्पन्न करता है।
मादक पदार्थों का सेवन नहीं किया जाना चाहिए ।
  • इस संहिता के तहत सभी साक्ष्य संग्रहण गतिविधियाँ, स्वयं मजिस्ट्रेट को छोड़कर, एक पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट द्वारा अधिकृत व्यक्ति द्वारा की जाती हैं।
पुलिस द्वारा विस्तृत अन्वेषण आरंभ किया गया।
  • आह्वान करना
न्यायाधीश ने शरणार्थियों की रक्षा करने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय कानून का हवाला दिया
  • स्वेच्छा से नहीं किया गया
किसी कैदी द्वारा दिया गया अनैच्छिक बयान न्यायालय में साक्ष्य के तौर पर नहीं लिया जा सकता