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कानूनी शब्दावली

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  • किसी व्यक्ति की रिहाई या किसी वस्तु की बहाली के लिये भुगतान किया गया या मांगा गया धन, मूल्य।
मुक्ति धन के लिए व्यपहरण भारतीय दंड संहिता की धरा 364-A के अंतर्गत दंडनीय है।
  • ऐसा कार्य जो उचित देखभाल और ध्यान के बिना किया जाता है।
यदि कोई भी जल्दबाज़ी और लापरवाही से मौत का कारण बनता है, उसे भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 304 ए के तहत दंडित किया जा सकता है।
  • किसी पूर्व कार्य की पुष्टि या तो पक्षकार द्वारा स्वयं या किसी अन्य द्वारा की गई हो
कोई भी विधिमान्य अनुसमर्थन ऐसे व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता जिसका मामले के तथ्यों का ज्ञान तत्वतः त्रुटियुक्त है।
  • सहमति देकर पुष्टि करना या वैध बनाना।
भारत ने 1958 में समान पारिश्रमिक अभिसमय का अनुसमर्थन किया।
  • किसी गवाह की परीक्षा के बाद उस पक्ष द्वारा ली गई गई परीक्षा जिसने उसे बुलाया था।
यदि विरोधी पक्षकार द्वारा आक्षेप किया जाता है तो सूचक प्रश्न पुनः परीक्षा में नहीं पूछे जाने चाहिये।
  • विधिगत विश्वास और उस विश्वास के कारणों का अस्तित्व
कोई व्यक्ति किसी बात के विश्वास करने का कारण रखता है, यह तब कहा जाता है, जब यह उस बात के विश्वास करने का पर्याप्त हेतुक रखता है, अन्यथा नहीं।
  • किसी तथ्य या घटना का लिखित या अन्य स्थायी रूप में संरक्षित विवरण।
भारत का उच्चतम न्यायलय अभिलेख न्यायालय है।
  • लिखत की त्रुटियों को सुधारना।
लिखत की परिशुद्धि कपट एवं पक्षकारों की पारस्परिक भूल के आधार पर की जा सकती है।
  • दायित्व के निपटान की कार्रवाई।
मोचन के लिए वाद बन्धककर्ता द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है।
  • संदर्भित करने की कार्रवाई
सिविल प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत निर्देश केवल उच्च न्यायालय को किया जा सकता है।
  • कोई व्यक्ति जो जाति, धर्म, राष्ट्रीयता, किसी विशेष सामाजिक समूह की सदस्यता, या राजनीतिक विचार के कारणों से सताए जाने के डर से अपने मूल देश लौटने में असमर्थ या अनिच्छुक है।
स्वतंत्रता के समय से पड़ोसी देशों के कई शरणार्थी समूहों को भारत ने स्वीकार किया है।
  • किसी सरकार के कार्यकारी प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया विधिक शक्ति प्राप्त नियम या आदेश, जो आमतौर पर संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति के अंतर्गत होता है।
नियमों अवं विनियमों का पालन किया जाना चाहिए।
  • उस स्थिति या पद में पुनः स्थापित करना जहाँ से वस्तु या व्यक्ति को हटा दिया गया हो।
निलंबित पुलिस अधिकारी को सेवा में पुनः स्थापित किया गया।
  • चीजों की वह विशेषता या गुण जो उन्हें एक दूसरे के साथ तुलना या विपरीतता में विचार करने में शामिल करते हैं
साक्ष्य अधिनियम की धारा 3 के अनुसार, तथ्यों में कोई भी वस्तु, वस्तु की स्थिति या वस्तुओं का संबंध भी शामिल होता है, जिसे इंद्रियों द्वारा बोधगम्य किया जाता हो।
  • प्रासंगिक (जो हो रहा है या जिसके बारे में बात की जा रही है उससे जुड़ा हुआ)।
विधिक रूप से सुसंगत तथ्य न्यायलय में ग्राह्य हैं।
  • कानूनी समाधान या उपाय।
न्यायालय ने पक्षकारों को समुचित अनुतोष प्रदान किये।
  • (किसी आरोप आदि को) पूरी तरह निराधार या अनुपयुक्त मानकर अनअंगीकृत करना; अस्वीकार करना या इनकार करना
A, B को A की संपदा बेचने का निर्देश देता है। B, C के नाम से अपने लिये संपदा खरीदता है। A, यह पता लगाने पर कि B ने संपदा अपने लिये खरीदी है, विक्रय को अस्वीकार कर सकता है, यदि वह यह दिखा सके कि B ने बेईमानी से कोई तात्विक तथ्य छिपाया है, या विक्रय उसके लिये अलाभकारी रहा है।
  • चरित्र या अन्य गुणों के संबंध में किसी व्यक्ति का सामान्य या साधारण आकलन।
विधि के अंतर्गत क्षति व्यक्ति के शरीर, मन, ख्याति या संपत्ति को पहुंचाई जा सकती है ।
  • कोई मामला या मुकदमा जो पहले ही तय हो चुका हो।
पूर्व न्याय का सिद्धांत सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 11 के अंतर्गत दिया है।
  • जब कोई ऐसी स्थिति निर्मित की जाती है जिससे किसी व्यक्ति को गलत तरीके से नियंत्रण में रखा जाता है।
गिरफ्तार किये हुए व्यक्ति पर अनावश्यक अवरोध नहीं रखा जाएगा।
  • वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत कोई न्यायालय कतिपय परिस्थितियों में अपने ही निर्णय पर पुनर्विचार कर सकता है।
व्यथित व्यक्ति जिस न्यायालय ने निर्णय पारित किया, उस न्यायालय को पुनर्विलोकन के लिए आवेदन कर सकता है ।
  • निचले न्यायालय द्वारा क्षेत्राधिकार के अनियमित या अनुचित प्रयोग या गैर-प्रयोग के विरुद्ध किसी दोष को दूर करने या अनुतोष देने के लिये दोबारा जाँच करने का कार्य।
पुनरीक्षण इस आधार पर किया जा सकता है कि न्यायालय निहित अधिकारिता का प्रयोग करने में असफल रहा है।
  • रद्द करने की क्रिया। (प्रतिसंहरण करना- वापस बुलाना)
प्रतिसंहरण कैसे किया जाता है यह भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत दिया गया है।
  • वापस लेना, रद्द करना।
मालिक अपने अभिकर्त्ता को दिये गए प्राधिकार का प्रतिसंहरण उसके प्रयोग किये जाने से पहले कर सकता है।
  • गैरकानूनी सभा के सदस्यों द्वारा शांति में हिंसक बाधा।
बलवा का अपराध भारतीय दंड संहिता की धारा 147 के अंतर्गत दंडनीय है।