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कानूनी शब्दावली

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  • भारत के राष्ट्रपति द्वारा संसद के दोनों सदनों की सामूहिक बैठक बुलाई जाती है जिसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करते हैं।
संयुक्त बैठक का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 108 के अंतर्गत दिया गया है।
  • ऐसा व्यक्ति जिसे न्यायालय में किसी भी कारण या प्रश्न को निर्धारित करने का अधिकार प्रदान किया गया हो।
सहायक सत्र न्यायाधीश 10 साल से अधिक कारावास का दंडादेश नहीं पारित कर सकते।
  • वह व्यक्ति जिसका निर्णय ऋण चुकाने का दायित्व अभी तक पूरा नहीं हुआ है; वह व्यक्ति जिसके विरुद्ध धनराशि चुकाने का निर्देश देने वाला निर्णय अभी भी निष्पादन योग्य है
निर्णीत ऋणी को 30 दिनों के भीतर बकाया ऋण चुकाने का आदेश दिया जाता है, अन्यथा प्रवर्तन कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।
  • न्यायालय के आदेश के तहत पति या पत्नी का अलगाव जो सहवास को समाप्त करता है लेकिन विवाह को नहीं।
न्यायालय हिन्दू विवाह अधिनिनयम, 1955 की धारा 10 के अंतर्गत न्यायिक पृथक्करण की डिक्री पारित कर सकता है।
  • विधि का या उससे संबंधित
उस समय की सभ्यता में हमारे विधिक सिद्धांतों के परिणाम शामिल नहीं थे
  • न्यायालय का किसी भी न्यायिक कार्यवाही पर विचार करने और निर्णय लेने का अधिकार या शक्ति।
हत्या के मामलों का विचारण सत्र न्यायलय की अधिकारिता में है।
  • व्यक्तियों का एक निकाय, निगम, साझेदारी या अन्य कानूनी इकाई जिसे कानून द्वारा अधिकारों और कर्तव्यों के विषय के रूप में मान्यता प्राप्त है। कृत्रिम व्यक्ति भी कहा जाता है।
भगवान की प्रतिमा को विधिक व्यक्ति माना जाता है।
  • विधि के अनुसार चुने गए कुछ निश्चित व्यक्तियों की एक संख्या, जिन्होंने कुछ तथ्यों की जाँच करने तथा उनके समक्ष रखे जाने वाले साक्ष्यों के आधार पर सत्य घोषित करने की शपथ ली है।
ऐसा कहा जाता है कि नानावटी को दोषी ठहराने में निर्णायक समिति की विफलता के कारण भारत में निर्णायक समिति विचारण को समाप्त कर दिया गया।
  • किसी कार्य के लिये कानूनी औचित्य होना।
एक प्राइवेट व्यक्ति उद्घोषित अपराधी की गिरफ़्तारी करने के लिये विधि द्वारा न्यायानुमत है।
  • एक किशोर अठारह वर्ष से कम आयु का बालक होता है।
इस अिधिनयम का संक्षिप्त नाम किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अिधिनयम, 2015 है।
  • किसी किशोर की स्थिति जिसमें असामाजिक व्यवहार, स्वच्छंदता, सुधार न करने की प्रवृत्ति हो; एक अपराध
न्यायालय को किशोर अपराध से संबंधित मामलों की सुनवाई करने का अधिकार है, जो वयस्कता की आयु से कम आयु के व्यक्तियों द्वारा किये गए आपराधिक कृत्यों से संबंधित है।