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कानूनी शब्दावली

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  • विधायिका के किसी अधिनियम का एक परिशिष्ट जिसमें विवरण दिया गया होता है या प्रासंगिक मामले की विस्तृत सूची शामिल होती है।
भारत के संविधान में 12 अनुसूचियाँ है।
  • किसी विधि, पाठ्यपुस्तक या विधिक संहिता में उप-विभाग।
धारा शब्द इस संहिता के किसी अध्याय के उन भागों में से किसी एक का द्योतक है, जो सिरे पर लगे संख्यांकों द्वारा सुभिन्न किए गए हैं।
  • किसी दायित्व की पूर्ति सुनिश्चित करने हेतु किसी व्यक्ति द्वारा या उसकी ओर से जमा की गई या बनाई गई संपत्ति या बॉण्ड, मान्यताएँ या इस तरह दर्ज की गई संपत्ति, गैर-पूर्ति की स्थिति में जब्त की जा सकती है।
ग ने प्रतिभूति के रूप में अपने घर को गिरवी रखा।
  • जब्त करने की कार्रवाई।
विनिर्दिष्ट जंगम संपत्ति की डिक्री का निष्पादन अभिग्रहण से किया जा सकता है।
  • रद्द करना।
अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को अपास्त किया गया।
  • वह मद या राशि जो खातों के निपटान में किसी अन्य के विरुद्ध मुजरा की जाती है या की जानी चाहिये।
मुजरा, सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के आदेश 8 नियम 6 के अंतर्गत दायर किया जा सकता है।
  • अलग होने में सक्षम।
यदि संविदा का एक भाग शून्य है और उसका पृथक्करण किया जा सकता है, तो संविदा का शेष भाग निष्पादित किया जा सकता है।
  • जब भी इस अधिनियम द्वारा यह निर्देशित किया जाता है कि न्यायालय किसी तथ्य पर विचार करेगा, तो वह ऐसे तथ्य को सिद्ध मानेगा, जब तक कि वह असिद्ध न हो जाए।
न्यायालय यह उपधारणा करेगा कि प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख जिसका शासकीय राजपत्र होना तात्पर्यित है वह असली है।
  • उचित घोषणा के साथ विवाह संविदा में प्रवेश करना
हिन्दू विवाह उसके पक्षकारों में से किसी को भी रूढ़िगत रीतियों और कर्मकांड के अनुसार अनुष्ठापित किया जा सकेगा ।
  • वह कारावास जिसके दौरान एक दोषी को अन्य दोषियों से अलग अकेला रखा जाता है।
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  • मन की एक अवस्था जिसमें व्यक्ति मनुष्य के कार्य की प्रकृति को समझ सकता है और अपना निर्णय स्वयं कर सकता है।
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  • किसी विशेष विषय पर लागू होने वाली विधि
विशेष विधि वह विधि है जो किसी विशिष्ट विषय को लागू हो।
  • राज्य सूची में वे महत्त्वपूर्ण विषय शामिल हैं जिन पर राज्य सरकार कानून पारित कर सकती है।
भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची की राज्य सूची में 66 विषय सम्मिलित हैं।
  • न्याय की प्रक्रिया के अधीन।
न्यायाधीन विषयों से किस प्रकार निपटा जाएगा, इसका विवरण सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 10 के अंतर्गत दिया है।
  • राज्य न्यायपालिका में एक उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालयों का एक पदानुक्रम होता है, जिन्हें अवर न्यायालय भी कहा जाता है। अधीनस्थ न्यायालयों को राज्य उच्च न्यायालय के अधीन होने के कारण तथाकथित कहा जाता है।
भारत के संविधान का अध्याय VI अधीनस्थ न्यायालयों के प्रावधान से संबंधित है।
  • विशेष परिस्थितियों में दिया जाने वाला भरण-पोषण भत्ता।
राज्य सरकार जीवन निर्वाह भत्ते का माप तय कर सकती है।
  • वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक व्यक्ति किसी संपत्ति या उस जैसी चीज़ पर कब्ज़ा करने में दूसरे व्यक्ति का उत्तराधिकारी बनता है।
क ने निर्वसीयत उत्तराधिकार द्वारा ख की संपत्ति प्राप्त की।
  • किसी निर्दिष्ट उद्देश्य के लिये किसी निर्दिष्ट स्थान पर उपस्थित होने के लिये एक आधिकारिक आह्वान, एक रिट जिसके द्वारा किसी व्यक्ति को न्यायालय या न्यायिक अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने के लिये बुलाया जाता है।
न्यायालय द्वारा जारी किये गए समन लिखित में होने चाहिए।
  • पर्यवेक्षण का प्रयोग
प्रत्येक उच्च न्यायालय के पास उन क्षेत्रों के सभी न्यायालयों और न्यायाधिकरणों पर अधीक्षण होगा, जिनके संबंध में वह क्षेत्राधिकार का प्रयोग करता है।
  • भारत में न्याय का सर्वोच्च न्यायालय।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 143 के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय के पास सलाहकारी क्षेत्राधिकारिता है।
  • वह व्यक्ति जो ऋण देनेवाले (उत्तमर्ण) के सामने ऋण लेनेवाले (अधमर्ण) की जमानत करे ।
प्रत्याभूति की संविदा में क, ख का प्रतिभू बना।
  • किसी व्यक्ति का संपत्ति पर अधिकार, क्योंकि वह किसी अन्य व्यक्ति के बाद जीवित रहा है, जिसका उसमें हित था; उत्तरजीवी होने की स्थिति या दशा
उत्तरजीविता का सिद्धांत जीवित संयुक्त किरायेदार को मृतक किरायेदार के हिस्से की संपत्ति का स्वतः उत्तराधिकार प्रदान करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि स्वामित्व जीवित भागीदारों के पास बरकरार रहेगा।